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200 से अधिक पंचायतों में सुखाड़ की स्थिति, बारिश नहीं हुई तो बढ़ेगी परेशानी : कृषि मंत्री

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Published : Sep 3, 2019, 12:42 PM IST

कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि मॉनसून की बेरुखी के कारण 200 से अधिक पंचायतों में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिससे किसानों की समस्या बढ़ गई है. प्रेम कुमार के अनुसार इस बार धान रोपनी सबसे अधिक 81.94 प्रतिशत हुई है. बारिश नहीं होने के कारण फसल को बचाना एक बड़ी चुनौती है.

कृषि मंत्री, प्रेम कुमार

पटना: बिहार में गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है. इसपर कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने चिंता व्यक्त की है. मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि मॉनसून की बेरुखी के कारण 200 से अधिक पंचायतों में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिससे किसानों की समस्या बढ़ गई है.

जल्द ही शुरू होगा राहत कार्य
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि कम बारिश होने की वजह से सुखाड़ की स्थिति आ गई है. सरकार इन पंचायतों में जल्द ही राहत कार्य शुरू करने जा रही है. प्रेम कुमार के अनुसार इस बार धान रोपनी सबसे अधिक 81.94 प्रतिशत हुई है. बारिश नहीं होने के कारण फसल को बचाना एक बड़ी चुनौती है.

कृषि मंत्री, प्रेम कुमार

कई जिलों में स्थिति अच्छी है
कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार 33 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी करने का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें 27 लाख पांच हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी हो चुकी है. प्रेम कुमार ने कहा कि कैमूर जिला बिहार का पहला जिला है, जहां 100 फिसदी धान की रोपनी हुई है. कृषि मंत्री के अनुसार कई जिलों में स्थिति अच्छी है. लेकिन अगर बारिश आगे नहीं हुई तो परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे में सरकार पटवन के लिये डीजल का अनुदान भी दे रही है.

2700 करोड़ की मांग की गई थी

बता दें कि बिहार सरकार इस बार सुखाड़ से निपटने के लिए पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण का आंकलन करा रही है. इस रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही राहत कार्य शुरू करने वाली है. इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार से नुकसान की भरपाई के लिए मांग की जाएगी. फिलहाल बाढ़ से हुई क्षति के नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने जो 2700 करोड़ की मांग की गई थी. जिसका केंद्रीय टीम जायजा ले चुकी है.

पटना: बिहार में गर्मी कम होने का नाम नहीं ले रही है. इसपर कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने चिंता व्यक्त की है. मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि मॉनसून की बेरुखी के कारण 200 से अधिक पंचायतों में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिससे किसानों की समस्या बढ़ गई है.

जल्द ही शुरू होगा राहत कार्य
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि कम बारिश होने की वजह से सुखाड़ की स्थिति आ गई है. सरकार इन पंचायतों में जल्द ही राहत कार्य शुरू करने जा रही है. प्रेम कुमार के अनुसार इस बार धान रोपनी सबसे अधिक 81.94 प्रतिशत हुई है. बारिश नहीं होने के कारण फसल को बचाना एक बड़ी चुनौती है.

कृषि मंत्री, प्रेम कुमार

कई जिलों में स्थिति अच्छी है
कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार 33 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी करने का लक्ष्य रखा गया था. जिसमें 27 लाख पांच हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी हो चुकी है. प्रेम कुमार ने कहा कि कैमूर जिला बिहार का पहला जिला है, जहां 100 फिसदी धान की रोपनी हुई है. कृषि मंत्री के अनुसार कई जिलों में स्थिति अच्छी है. लेकिन अगर बारिश आगे नहीं हुई तो परेशानी बढ़ सकती है. ऐसे में सरकार पटवन के लिये डीजल का अनुदान भी दे रही है.

2700 करोड़ की मांग की गई थी

बता दें कि बिहार सरकार इस बार सुखाड़ से निपटने के लिए पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण का आंकलन करा रही है. इस रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही राहत कार्य शुरू करने वाली है. इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार से नुकसान की भरपाई के लिए मांग की जाएगी. फिलहाल बाढ़ से हुई क्षति के नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने जो 2700 करोड़ की मांग की गई थी. जिसका केंद्रीय टीम जायजा ले चुकी है.

Intro:पटना-- बिहार में मानसून की बेरुखी के कारण 200 से अधिक पंचायतों में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार कम बारिश के कारण यह स्थिति पैदा हुई है सरकार इन पंचायतों में जल्द ही राहत कार्य शुरू करेगी कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार पूरे बिहार में बड़े पैमाने पर धान की रोपनी हुई है ओवरऑल 81.94% से अधिक रोपनी हो चुकी है बारिश कम होने पर धान को बचाना एक बड़ी चुनौती है।



Body: कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार 33 लाख हेक्टेयर में धान की रोपनी करने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें 27 लाख पांच हजार हेक्टेयर में धान की रोपनी हो चुकी है। प्रेम कुमार ने कहा कि कैमूर जिला बिहार का पहला जिला है जहां 100 फ़ीसदी धान की रोपनी हुई है। कृषि मंत्री के अनुसार कई जिलों में स्थिति अच्छी है लेकिन अगर बारिश आगे नहीं हुई तो परेशानी बढ़ सकती है ऐसे सरकार पटवन के लिये डीजल का अनुदान भी दे रही है।


Conclusion: बिहार सरकार इस बार सुखाड़ से निपटने के लिए पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण कराकर आकलन करा रही है और इस रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही राहत कार्य शुरू करने वाली है इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार से नुकसान की भरपाई के लिए मांग की जाएगी । फिलहाल बाढ़ से हुई क्षति के नुकसान की भरपाई के लिए बिहार सरकार ने जो ₹27 सौ करोड़ की मांग की थी केंद्रीय टीम यहां आकर जायजा ले चुकी है और दिल्ली भी लौट चुकी है अब देखना है बिहार को बाढ़ से हुए नुकसान में केंद्र से कितनी राशि मिलती है। इसी तरह सुखार पर रिजल्ट बिहार सरकार केंद्र को रिपोर्ट भेजेगी।
अविनाश, पटना।
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