पटना: बिहार की राजधानी पटना का पारा सियासी बयानबाजियों से बढ़ा हुआ है. आजरेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के दिल्ली में सीएम और पीएम बनने के बयान के बाद सूबे में सियासी घमासान शुरू हो गया है. किसी भी प्रकार के सियासी बयानबाजी पर रोक लगाने (RJD Leaders Banned to Make Statement ) के लिए अब पार्टी की तरफ से पत्र जारी किया गया है. यह पत्र आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने जारी किया है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि पार्टी के तमाम नेता गठबंधन, सरकार और नेतृत्व के बारे में एक शब्द भी नहीं बोलें, जो बोलना होगा, वह तेजस्वी यादव बोलेंगे.
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कुछ दिन पहले भी जारी किया गया था ऐसा ही फरमानः कुछ इसी प्रकार का फरमान उस वक्त भी जारी किया गया था, जब बिहार में सत्ता परिवर्तन होना था. तब नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने से पहले अगस्त 2022 में आरजेडी ने अपने तमाम नेताओं से कहा था कि जो भी बोलना होगा, तेजस्वी यादव ही बोलेंगे. अन्य नेता कुछ भी मीडिया में बयान नहीं देंगे. अब 54 दिन बाद एक बार फिर से आरजेडी ने सभी नेताओं को खामोश कर दिया है. हालांकि, जगदानंद सिंह के बयान पर तेजस्वी यादव से लेकर नीतीश कुमार तक सफाई दे चुके हैं.
पार्टी के कोई नेता नहीं देंगे बयानः जगदानंद सिंह द्वारा जारी किए गए पत्र के अनुसार आरजेडी के सारे सांसद, विधायक, पदाधिकारी और नेता गठबंधन, सरकार और नेतृत्व के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करें. पत्र में यह भी कहा है कि पहले ही विधायक दल की बैठक में ये फैसला लिया जा चुका है कि गठबंधन और नेतृत्व पर आधिकारिक बयान देने के लिए सिर्फ तेजस्वी यादव ही अधिकृत हैं, बाकी नेताओं को नहीं बोलना है. गौरतलब हो कि चंद दिनों पहले उन्होंने नई दिल्ली में एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा था कि नीतीश कुमार 2023 में बिहार सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे और तेजस्वी यादव बिहार संभालेंगे. उसके बाद पार्टी के कई नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी. सियासी बवाल के बीच तेजस्वी यादव को सफाई भी देनी पड़ी थी. तेजस्वी यादव ने कहा था कि उन्हें सीएम बनने की हड़बड़ी नहीं है.
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