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शारदीय नवरात्रि 2022: आज महाअष्टमी, जानें कैसे करें मां महागौरी की पूजा

शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri 2022) का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इस बार अष्टमी 3 अक्टूबर 2022 को है. अष्टमी पर कैसे करें मां महागौरी की (Worship Of Maa Mahagauri) पूजा, मंत्र, भोग, योग और आठवें दिन का शुभ रंग क्या है?. आइए जानते हैं.

मां महागौरी की पूजा से पूर्ण होती है सभी मनोकामना
मां महागौरी की पूजा से पूर्ण होती है सभी मनोकामना
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Published : Oct 3, 2022, 6:00 AM IST

Updated : Oct 3, 2022, 7:52 AM IST

पटना: हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि 2022 की अष्टमी 3 अक्टूबर 2022 को है. इसे महाअष्टमी और दुर्गाष्टमी के (Ashtami Maa Mahagauri) नाम से भी जाना जाता है. इस दिन जगत जननी मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी की पूजा होती है. देवी महागौरी के पूजन से पाप कर्म से छुटकारा मिलता है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व है. इस साल महा अष्टमी पर बहुत शुभ योग बन रहा है. जिसमें देवी की पूजा के दोगुना फल मिलेगा. वृषभ पर सवार मां महागौरी का रंग बेहद गौरा है, इसी वजह से देवी के इस स्वरूप को महागौरी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी ने कठोर तप से गौर वर्ण प्राप्त किया था. महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल स्वभाव वाली हैं.

ये भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2022: तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, इस विधि व नियम के बिना व्रत का नहीं मिलेगा फल

मां महागौरी की महिमा : चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माना गया है. चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माना गया है.

नवरात्रि अष्टमी 2022 मुहूर्त

  • नवरात्रि महा अष्टमी तिथि शुरू- 2 अक्टूबर 2022, शाम 06:47
  • अष्टमी तिथि समाप्त - 3 अक्टूबर 2022, शाम 04:37

सन्धि पूजा मुहूर्त - शाम 04:13 - शाम 05:01

  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04.43 - सुबह 04.43
  • अभिजित मुहूर्त - सुबह 11.52 - दोपहर 12.39
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05.59 - शाम 06.23
  • अमृत काल - शाम 07.54 - रात 09.25

शोभन योग - 02 अक्टूबर 2022, शाम 05.14 - 03 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.22

नवरात्रि अष्टमी 2022 मां महागौरी पूजा : महा अष्टमी पर घी का दीपक लगाकर देवी महागौरी का आव्हान करें और मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करें. इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं. नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें. कई लोग अष्टमी पर कन्या पूजन और हवन कर व्रत का पारण करते हैं. महा अष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा संधि काल में बहुत लाभकारी मानी गई है. मां महागौरी प्रिय भोग-फूल (Maa Mahagauri Bhog and Flower) मां महागौरी को नारियल का भोग अति प्रिय है. देवी का प्रिय फूल मोगरा माना जाता है. मान्यता है ये दो चीजें देवी को अर्पित करने पर वैवाहिक जीवन में मिठास आती है.

नवरात्रि आठवें दिन का शुभ रंग (Navratri 2022 ashtami color) : नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी पर मां महागौरी की पूजा में श्वेत या जामुनी रंग बहुत शुभ माना गया है.

अष्टमी पर बीज मंत्र जाप की विधि : अष्टमी के दिन तुलसी या लाल चंदन की माला से मां महागौरी के बीज मंत्र का 1100 बार जाप करना श्रेष्ठ होता है. मान्यता है इससे समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं.

मां महागौरी मंत्र (Maa Mahagauri Mnatra)

  • बीज मंत्र - श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
  • प्रार्थना मंत्र - श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा.

पटना: हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि 2022 की अष्टमी 3 अक्टूबर 2022 को है. इसे महाअष्टमी और दुर्गाष्टमी के (Ashtami Maa Mahagauri) नाम से भी जाना जाता है. इस दिन जगत जननी मां दुर्गा की आठवीं शक्ति मां महागौरी की पूजा होती है. देवी महागौरी के पूजन से पाप कर्म से छुटकारा मिलता है. नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि का खास महत्व है. इस साल महा अष्टमी पर बहुत शुभ योग बन रहा है. जिसमें देवी की पूजा के दोगुना फल मिलेगा. वृषभ पर सवार मां महागौरी का रंग बेहद गौरा है, इसी वजह से देवी के इस स्वरूप को महागौरी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी ने कठोर तप से गौर वर्ण प्राप्त किया था. महागौरी करुणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल स्वभाव वाली हैं.

ये भी पढ़ें- Shardiya Navratri 2022: तीसरे दिन करें मां चंद्रघंटा की पूजा, इस विधि व नियम के बिना व्रत का नहीं मिलेगा फल

मां महागौरी की महिमा : चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माना गया है. चार भुजाओं वाली देवी महागौरी त्रिशूल और डमरू धारण करती हैं. दो भुजाएं अभय और वरद मुद्रा में रहती हैं. इन्हें धन ऐश्वर्य प्रदायिनी, शारीरिक मानसिक और सांसारिक ताप का हरण करने वाली माना गया है.

नवरात्रि अष्टमी 2022 मुहूर्त

  • नवरात्रि महा अष्टमी तिथि शुरू- 2 अक्टूबर 2022, शाम 06:47
  • अष्टमी तिथि समाप्त - 3 अक्टूबर 2022, शाम 04:37

सन्धि पूजा मुहूर्त - शाम 04:13 - शाम 05:01

  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04.43 - सुबह 04.43
  • अभिजित मुहूर्त - सुबह 11.52 - दोपहर 12.39
  • गोधूलि मुहूर्त - शाम 05.59 - शाम 06.23
  • अमृत काल - शाम 07.54 - रात 09.25

शोभन योग - 02 अक्टूबर 2022, शाम 05.14 - 03 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.22

नवरात्रि अष्टमी 2022 मां महागौरी पूजा : महा अष्टमी पर घी का दीपक लगाकर देवी महागौरी का आव्हान करें और मां को रोली, मौली, अक्षत, मोगरा पुष्प अर्पित करें. इस दिन देवी को लाल चुनरी में सिक्का और बताशे रखकर जरूर चढ़ाएं इससे मां महागौरी प्रसन्न होती हैं. नारियल या नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाएं. मंत्रों का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें. कई लोग अष्टमी पर कन्या पूजन और हवन कर व्रत का पारण करते हैं. महा अष्टमी पर देवी दुर्गा की पूजा संधि काल में बहुत लाभकारी मानी गई है. मां महागौरी प्रिय भोग-फूल (Maa Mahagauri Bhog and Flower) मां महागौरी को नारियल का भोग अति प्रिय है. देवी का प्रिय फूल मोगरा माना जाता है. मान्यता है ये दो चीजें देवी को अर्पित करने पर वैवाहिक जीवन में मिठास आती है.

नवरात्रि आठवें दिन का शुभ रंग (Navratri 2022 ashtami color) : नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी पर मां महागौरी की पूजा में श्वेत या जामुनी रंग बहुत शुभ माना गया है.

अष्टमी पर बीज मंत्र जाप की विधि : अष्टमी के दिन तुलसी या लाल चंदन की माला से मां महागौरी के बीज मंत्र का 1100 बार जाप करना श्रेष्ठ होता है. मान्यता है इससे समस्त सिद्धियां प्राप्त होती हैं.

मां महागौरी मंत्र (Maa Mahagauri Mnatra)

  • बीज मंत्र - श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:
  • प्रार्थना मंत्र - श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचि:। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा.
Last Updated : Oct 3, 2022, 7:52 AM IST
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