नई दिल्ली/पटना: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और कटिहार के कदमा से कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने शराबबंदी पर (Shakeel Ahmed Khan Statement on Prohibition) बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law in Bihar) लागू रहना चाहिए. शराबबंदी एक अच्छी पहल है. इसको और सख्ती से लागू कराया जाए. इस फैसले को वापस लेना घातक साबित हो जाएगा.
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शकील अहमद खान ने कहा कि शराबबंदी से घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आई है. औरतें सबसे ज्यादा खुश रहती हैं. नीतीश कुमार के इस फैसले को एकदम आगे बढ़ाना है. 5 साल पहले जब बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुआ था तो उस समय आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस की सरकार थी. आरजेडी ने भी उस समय इस कानून का समर्थन किया था लेकिन अब विरोध कर रही है, यह बहुत आश्चर्यजनक है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बीजेपी के भी कुछ विधायक इसको हटाने की मांग कर रहे हैं लेकिन शराबबंदी पर कांग्रेस नीतीश कुमार के साथ (Congress in Support of Nitish Kumar on Prohibition) खड़ी है.
कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि बड़े शराब माफियाओं को पकड़ना जरूरी है. जहरीली शराब जो लोग बना रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. एक्साइज और पुलिस को मिलकर काम करना होगा, तभी शराबबंदी ज्यादा सफल होगी. उन्होंने कहा कि ये सच है कि बिहार में खराब कानून-व्यवस्था के कारण ही शराबबंदी कानून का सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है, लेकिन मेरा मानना है कि इसे जारी रखना चाहिए.
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बता दें कि शराबबंदी वाले बिहार में जहरीली शराब से पिछले कुछ समय में कई लोगों की मौत हुई है. आए दिन शराब मिलने की खबरें आती रहती हैं. विपक्ष का कहना है कि शराबबंदी पूरी तरह फेल साबित हो रही है. आरजेडी के सुर में सुर बीजेपी भी मिला रही है. बीजेपी के विधायक हरि भूषण ठाकुर ने भी शराबबंदी को हटाने की मांग की है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने शराबबंदी को हटाने की मांग की थी. पार्टी का आरोप है कि शराब की होम डिलीवरी होती है. दूसरे राज्यों से बिहार में शराब लाई जाती है. शराबबंदी से राजस्व को नुकसान तो हो ही रहा है. साथ में दूसरे राज्य से शराब मंगवाकर जो चुपचाप बेची जा रही है, उससे शराब माफियाओं की जेब भर रहे हैं.
वहीं, बिहार में शादी-विवाह का माहौल है. होटलों के कमरों में पुलिस शराब चेकिंग के नाम पर दुल्हन और महिलाओं के कमरे में घुस जा रही है. इस दौरान महिला पुलिस के नहीं रहने को लेकर भी विपक्ष सवाल उठा रहा है कि आम नागरिकों को शराबबंदी के नाम पर जानबूझकर परेशान किया जा रहा है.
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