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पटना: पशुओं के संपर्क से फैलने वाली बीमारी के रोकथाम पर सेमिनार, कई डॉक्टर हुए शामिल - वेटनरी एसोसिएशन

'इमरजेन्स एन्ड कंट्रोल ऑफ जेनेटिक डिजीज इन इंडिया' विषय पर आयोजित इस सेमिनार का उद्घाटन पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार ने किया. इस मौके पर पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव एन विजयलक्ष्मी सहित बिहार के साथ-साथ पंजाब,पश्चिम बंगाल,झारखंड,मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश और हरियाणा के पशु चिकित्सक भी शामिल हुए.

सेमिनार
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Published : Sep 7, 2019, 6:17 PM IST

पटना: पटना में शनिवार को देशभर के पशु चिकित्सक एकत्रित हुए. इस दौरान भारत में पशुओं के संपर्क से होने वाली खतरनाक बीमारियों के रोकथाम के लिए मंथन किया गया. राजधानी के बामेति सभागार में इंडियन वेटनरी एसोसिएशन, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बिहार वेटनरी एसोसिएशन और बिहार पशुपालन विभाग ने संयुक्त रूप से इस महत्वपूर्ण विषय पर सेमिनार आयोजित किया.

पटना
सेमिनार में उपस्थित लोग

खतरनाक वायरस से रोकथाम के उपाय निकाले जाएंगे
इस कार्यक्रम के बारे में पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि ये सेमिनार सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए फायदेमंद होगा. सेमिनार के माध्यम से ऐसे रास्ते निकाले जाएंगे, जिससे पशुओं में होने वाले खतरनाक वायरस मनुष्यों तक न पहुंच सके. उन्होंने बताया कि WHO के आंकड़े के मुताबिक पशुओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के वायरस, वेकटेरिया, प्रोटोजोआ और फंगस उनके संपर्क में आने वाले मनुष्यों में फैलते हैं. 1400 से अधिक रोगाणु ऐसे हैं, जो मनुष्यों में बीमारी उत्पन्न करते हैं. उसमें 70 प्रतिशत पशुओं के माध्यम से फैलते हैं.

पटना
पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार

विभिन्न राज्यों के पशु चिकित्सक मौजूद
प्रेम कुमार ने बताया कि इसमें देश के विभिन्न राज्यों के पशु चिकित्सक और वैज्ञानिक अपनी-अपनी राय रखेंगे. वे सब मिलकर इस समस्या का हल ढूंढेंगे, ताकि हाल के दिनों में फैले बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला वायरस, जीका वायरस, रेबीज, ब्रुसिलोसीसी, डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस और बिभाइन टीबी जैसी खतरनाक बिमारी से होने वाले जन-धन के नुकसान से बचा जा सके. साथ हीं, इस तरह की खतरनाक बीमारियों से पशुओं को भी बचाया जा सकेगा.

जेनेटिक डिजीज के रोकथाम के लिए सेमिनार का आयोजन

चिकित्सकों को धन्यवाद
इस मौके पर पशुपालन मंत्री ने सभी चिकित्सको को सेमिनार का आयोजन करने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह पशु चिकित्सक विभिन्न मुद्दों को लेकर चिंतित है, उसी तरह पशुपालन विभाग भी इस विषय को लेकर चिंतित है. मंत्री ने कहा कि पशुपालन विभाग को और सुदृढ़ करने के लिए रिक्त पदों पर जल्द ही बहाली की जाएगी. साथ हीं, पशुओं की बीमारी से निपटने के लिए समय-समय पर टीकाकरण योजना चलाई जाएगी.

लावारिश पशुओं के लिए भी योजना
मंत्री प्रेम कुमार ने एक और गंभीर विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि अब बिहार की सड़कों पर घूमने वाले लावारिश पशुओं के लिए भी पशुपालन विभाग काम करने जा रहा है. अब विभाग पायलट प्रोजेक्ट लाकर एक प्रयोग करेगी. जिसके माध्यम से दूध नहीं देने वाली गाय को दूध देने लायक बनाई जाएगी. साथ ही, जो पशु बांझ हो जाते है, उन्हें गर्भवती बनाने के प्रयोग पर भी काम किया जाएगा. मंत्री ने बताया कि इस तरह का प्रयोग राजस्थान में चल रहा है और बिहार लगातार राजस्थान के संपर्क में है. प्रयोग सफल होते ही यह बिहार में भी लागू किया जाएगा.

पटना: पटना में शनिवार को देशभर के पशु चिकित्सक एकत्रित हुए. इस दौरान भारत में पशुओं के संपर्क से होने वाली खतरनाक बीमारियों के रोकथाम के लिए मंथन किया गया. राजधानी के बामेति सभागार में इंडियन वेटनरी एसोसिएशन, बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बिहार वेटनरी एसोसिएशन और बिहार पशुपालन विभाग ने संयुक्त रूप से इस महत्वपूर्ण विषय पर सेमिनार आयोजित किया.

पटना
सेमिनार में उपस्थित लोग

खतरनाक वायरस से रोकथाम के उपाय निकाले जाएंगे
इस कार्यक्रम के बारे में पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि ये सेमिनार सिर्फ बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए फायदेमंद होगा. सेमिनार के माध्यम से ऐसे रास्ते निकाले जाएंगे, जिससे पशुओं में होने वाले खतरनाक वायरस मनुष्यों तक न पहुंच सके. उन्होंने बताया कि WHO के आंकड़े के मुताबिक पशुओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के वायरस, वेकटेरिया, प्रोटोजोआ और फंगस उनके संपर्क में आने वाले मनुष्यों में फैलते हैं. 1400 से अधिक रोगाणु ऐसे हैं, जो मनुष्यों में बीमारी उत्पन्न करते हैं. उसमें 70 प्रतिशत पशुओं के माध्यम से फैलते हैं.

पटना
पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार

विभिन्न राज्यों के पशु चिकित्सक मौजूद
प्रेम कुमार ने बताया कि इसमें देश के विभिन्न राज्यों के पशु चिकित्सक और वैज्ञानिक अपनी-अपनी राय रखेंगे. वे सब मिलकर इस समस्या का हल ढूंढेंगे, ताकि हाल के दिनों में फैले बर्ड फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला वायरस, जीका वायरस, रेबीज, ब्रुसिलोसीसी, डेंगू, जापानी इंसेफ्लाइटिस और बिभाइन टीबी जैसी खतरनाक बिमारी से होने वाले जन-धन के नुकसान से बचा जा सके. साथ हीं, इस तरह की खतरनाक बीमारियों से पशुओं को भी बचाया जा सकेगा.

जेनेटिक डिजीज के रोकथाम के लिए सेमिनार का आयोजन

चिकित्सकों को धन्यवाद
इस मौके पर पशुपालन मंत्री ने सभी चिकित्सको को सेमिनार का आयोजन करने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि जिस तरह पशु चिकित्सक विभिन्न मुद्दों को लेकर चिंतित है, उसी तरह पशुपालन विभाग भी इस विषय को लेकर चिंतित है. मंत्री ने कहा कि पशुपालन विभाग को और सुदृढ़ करने के लिए रिक्त पदों पर जल्द ही बहाली की जाएगी. साथ हीं, पशुओं की बीमारी से निपटने के लिए समय-समय पर टीकाकरण योजना चलाई जाएगी.

लावारिश पशुओं के लिए भी योजना
मंत्री प्रेम कुमार ने एक और गंभीर विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि अब बिहार की सड़कों पर घूमने वाले लावारिश पशुओं के लिए भी पशुपालन विभाग काम करने जा रहा है. अब विभाग पायलट प्रोजेक्ट लाकर एक प्रयोग करेगी. जिसके माध्यम से दूध नहीं देने वाली गाय को दूध देने लायक बनाई जाएगी. साथ ही, जो पशु बांझ हो जाते है, उन्हें गर्भवती बनाने के प्रयोग पर भी काम किया जाएगा. मंत्री ने बताया कि इस तरह का प्रयोग राजस्थान में चल रहा है और बिहार लगातार राजस्थान के संपर्क में है. प्रयोग सफल होते ही यह बिहार में भी लागू किया जाएगा.

Intro:इमरजेन्स एन्ड कंट्रोल ऑफ जुनौटिक डिजीज इन इंडिया यानि भारत मे पशुओं के संपर्क के आने से मनुष्यों में होने वाली खतरनाक बीमारी के रोकथाम कैसे हो इस विषय पर मंथन करने के लिए शनिवार को पटना में देश भर के पशु चिकित्सक एकत्रित हुए। पटना के बामेति सभागार में इंडियन वेटनरी एसोसिएशन,बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय,बिहार वेटनरी एसोसिएशन और बिहार पशुपालन विभाग ने संयुक्त रूप से इस महत्वपूर्ण विषय पर सेमिनार आयोजित किया।


Body:इमरजेन्स एन्ड कंट्रोल ऑफ जनौटिक डिजीज इन इंडिया विषय पर आयोजित सेमिनार का उद्घाटन पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार ने किया। इस मौके पर पशुपालन विभाग की प्रधान सचिव एन विजयलक्ष्मी सहित बिहार के साथ साथ पंजाब,पश्चिम बंगाल,झारखंड,मध्यप्रदेश,उत्तरप्रदेश और हरियाणा के पशु चिकित्सक शामिल हुए। कार्यक्रम के बारे के बताते हुए पशुपालन मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि ये सेमिनार सिर्फ बिहार ही नही बल्कि पूरे देश के लिए मिल का पत्थर साबित होगा क्योंकि इस सेमिनार के माध्यम से ऐसे रास्ते निकाले जाएंगे जिससे पशुओं में होने वाले खतरनाक वायरस मनुष्यो तक न पहुंच सके। उन्होंने बताया कि डब्ल्यू एच ओ के आंकड़े के मुताबिक पशुओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के वायरस,वेकटेरिया,प्रोटोजोआ और फंगस उनके संपर्क में आने वाले मनुषयो में फैलते है इसमें 1400 से अधिक रोगाणु जो मनुष्यों में बीमारी उत्पन्न करते है उसमे 70 प्रतिशत पशुओं के माध्यम से होते हैं । ऐसे में जरूरत है इस समस्या से निपटने की और ये सेमिनार इस समस्या का हल निकालने का एक रास्ता है जिसमे देश के अलग अलग राज्यो के पशु चिकित्सक और वैज्ञानिक अपनी अपनी राय रखेंगे और समस्या से निपटने का हल ढूंढेंगे ताकि हाल के दिनों में फैले बर्ड फ्लू,स्वाइन फ्लू,इबोला वायरस,जीका वायरस, रेबीज,ब्रुसिलोसीसी,डेंगू,जापानी इंसेफ्लाइटिस और बिभाइन टीबी जैसी खतरनाक से होने वाले जन धन के नुकसान से बचा जा सके और इस तरह की ख़तरनाक बिनारियो से मनुष्यो के साथ साथ पशुओं को भी बचाया जा सके।


Conclusion:इस मौके पर पशुपालन मंत्री ने सभी चिकित्सको को सेमिनार का आयोजन करने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि जिस तरह पशु चिकित्सक विभिन्न मुद्दों को लेकर चिंतित है उसी तरह पशुपालन मंत्रालय भी इस विभाग को विकसित करने को लेकर चिंतित है। मंत्री ने कहा कि पशुपालन विभाग को और सुदृढ़ करने के लिए रिक्त पदों पर जल्द ही बहाली की जाएगी। इसके अलावा,पशु चिकित्सा व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाएगा साथ ही पशुओं की बीमारी से निपटने के लिए समय समय पर टीकाकरण योजना चलाया जाएगा। मंत्री प्रेम कुमार ने एक और गंभीर विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि अब बिहार की सड़कों पर घूमने वाले लावारिश पशुओं के लिए भी पशुपालन विभाग काम करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जो गाय दूध नही देती और जो पशु बांझ हो जाते है उन्हें लोग सड़कों पर लावारिश छोड़ देते है ऐसे के अब विभाग पायलट प्रोजेक्ट लाकर एक प्रयोग करेगी जिसके माध्यम से दूध नही देने वाली गाय को दूध देने लायक बनाया जाएगा साथ ही जो पशु बांझ हो जाते है उन्हें गर्ववती बनाने के प्रयोग पर भी काम किया जाएगा। मंत्री ने बताया कि इस तरह का प्रयोग राजस्थान में चल रहा है और बिहार लगातार राजस्थान के संपर्क में है प्रयोग सफल होते ही उसे बिहार के भी लागू किया जाएगा।
बाईट - प्रेम कुमार - पशुपालन मंत्री - बिहार
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