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Chhath Puja 2021: मारवाड़ी समाज की व्रतियों ने दूसरे दिन किया खरना

पटना के मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने भी खरना किया. सभी ने बड़ी ही शुद्धता के साथ पूजा अर्चना की. पूरे दिन उपवास में रहने के बाद व्रतियों ने खरना किया.

खरना
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Published : Nov 9, 2021, 7:11 PM IST

पटनाः छठ महापर्व (Chhath Puja 2021 In Bihar) के दूसरे दिन छठ व्रतियों ने पूरे दिन उपवास रहने के बाद शाम में खरना किया. बता दें कि मारवाड़ी समाज के लोग भी छठ महापर्व में बड़ी ही शुद्धता के साथ पूजा अर्चना करते हैं. राजधानी पटना के मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने भी छठ महापर्व खरना किया.

यह भी पढ़ें- 10 नवंबर को छठ महापर्व का 'पहला अर्घ्य', यहां जानें सूर्यास्त का समय

खरना में प्रसाद के तौर पर मुख्य रूप से खीर बनायी जाती है. इसके अलावा खरना की पूजा में मूली, केला और मौसमी फल रखकर पूजा की जाती है. साथ ही प्रसाद में रोटी और गुड़ की खीर के साथ भगवान भास्कर को भोग लगाया जाता है. खरना के दिन घर के सभी लोग स्नान ध्यान करके भगवान भास्कर की पूजा करते हैं. फिर उसके बाद जो छठ व्रती होती हैं, उस प्रसाद को ग्रहण करती हैं.

देखें वीडियो

आज खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठव्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी. बुधवार को पहला अर्घ्य है. बाजार में छठ महापर्व को लेकर चहल-पहल है. सभी लोग छठ महापर्व में लगने वाले पूजा सामग्री की खरीदारी में जुटे हुए हैं. कल दिनभर छठ व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तालाब या नदी घाट के किनारे पहुंचेंगे. लेकिन उसके पहले दिन भर व्रती छठ मैया के लिए प्रसाद में ठेकुआ और तरह-तरह के प्रसाद बनाएंगी.

यह भी पढ़ें- छठ पूजा में सबसे पवित्र परंपरा है "कोसी भराई", जानिए "कोसी सेवना" का महत्व और विधि

पटनाः छठ महापर्व (Chhath Puja 2021 In Bihar) के दूसरे दिन छठ व्रतियों ने पूरे दिन उपवास रहने के बाद शाम में खरना किया. बता दें कि मारवाड़ी समाज के लोग भी छठ महापर्व में बड़ी ही शुद्धता के साथ पूजा अर्चना करते हैं. राजधानी पटना के मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने भी छठ महापर्व खरना किया.

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खरना में प्रसाद के तौर पर मुख्य रूप से खीर बनायी जाती है. इसके अलावा खरना की पूजा में मूली, केला और मौसमी फल रखकर पूजा की जाती है. साथ ही प्रसाद में रोटी और गुड़ की खीर के साथ भगवान भास्कर को भोग लगाया जाता है. खरना के दिन घर के सभी लोग स्नान ध्यान करके भगवान भास्कर की पूजा करते हैं. फिर उसके बाद जो छठ व्रती होती हैं, उस प्रसाद को ग्रहण करती हैं.

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आज खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद छठव्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी. बुधवार को पहला अर्घ्य है. बाजार में छठ महापर्व को लेकर चहल-पहल है. सभी लोग छठ महापर्व में लगने वाले पूजा सामग्री की खरीदारी में जुटे हुए हैं. कल दिनभर छठ व्रती भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तालाब या नदी घाट के किनारे पहुंचेंगे. लेकिन उसके पहले दिन भर व्रती छठ मैया के लिए प्रसाद में ठेकुआ और तरह-तरह के प्रसाद बनाएंगी.

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