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'पटना सीरियल बम ब्लास्ट और पटना जंक्शन', खौफनाक मंजर को याद कर आज भी लोगों की कांप जाती है रूह - etv bharat bihar

पटना में 27 अक्टूबर 2013 को भाजपा की तरफ से हुंकार रैली के दौरान हुए बम धमाकों को याद कर लोग आज भी सहम जाते हैं. इन बम धमाकों में 6 लोगों की जान चली गई थी और 84 लोग घायल हो गए थे.

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Published : Oct 27, 2021, 7:24 PM IST

पटना: साल 2013 में राजधानी पटना (Patna) के गांधी मैदान में हुए बम धमाका (Gandhi Maidan Bomb Blast Case) मामले में एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने एक आरोपी फखरुद्दीन को छोड़कर बाकी सभी 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब कोर्ट एक नवंबर को सजा का ऐलान करेगा. लेकिन, कई साल बीत जाने के बाद भी लोग उस आतंकी हमले को याद कर सहम जाते हैं.

ये भी पढ़ें- पटना गांधी मैदान ब्‍लास्‍ट: नौ आरोपी दोषी करार...एक रिहा, 1 नवम्‍बर को सजा का एलान

पटना में 27 अक्टूबर 2013 को भाजपा की तरफ से हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. उस वक्त भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी लोगों को संबोधित करने के लिए पटना के गांधी मैदान में पहुंचने वाले थे. गांधी मैदान लोगों से खचाखच भरा हुआ था. कहा जाता है कि जितनी भीड़ गांधी मैदान में थी उतनी ही भीड़ पटना की सभी सड़कों पर भी उमड़ी थी. नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनने के लिए सभी लोगों की निगाहें उस रैली पर थी, लेकिन 27 अक्टूबर का वह काला दिन आज भी लोग उस मंजर को याद कर कांप जाते हैं.

देखें रिपोर्ट

हुंकार रैली के दिन सबसे पहले पटना जंक्शन के करबिगहिया छोर पर प्लेटफार्म नंबर 10 पर बने शौचालय बम में धमाका हुआ था. कहा जाता है कि दो लोग उस शौचालय में छिपकर मानव बम बना रहे थे और मानव बम तैयार करने के दौरान ही बम ब्लास्ट हुआ और 1 शख्स की जान चली गई और एक घायल हो गया. हालांकि, वहां पर मौजूद धर्मा नाम के कुली ने उसको धर दबोचा.

ये भी पढ़ें- पटना गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट: रांची के सीठियो बस्ती में रची गई थी साजिश, जानिए कैसे जुड़े तार

सुरक्षा एजेंसी और पुलिस महकमे में पटना जंक्शन पर बम ब्लास्ट के बाद हड़कंप मच गया था. कहा तो यह भी जाता है कि यह मानव बम तैयार कर नरेंद्र मोदी की गाड़ी से टकराने का प्लान था, लेकिन मानव बम तैयार करने के साथ ही उसने खुद को मौत के गले लगा लिया. पटना जंक्शन पर बम ब्लास्ट के बाद तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंखों के सामने एक के बाद एक बम धमाका गांधी मैदान में हुआ.

इस आतंकी हमले में 6 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 84 लोग घायल हो गए. घायलों को पटना पीएमसीएच और कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. मंच पर बैठे नेता भीड़ में शांति बनाए रखने के लिए अपने भाषण में यह कहते रहे कि मोदी के आने की खुशी में लोग पटाखे छोड़ रहे हैं, लेकिन वास्तव में मंच पर बैठे सभी नेता जान रहे थे कि ये पटाखे नहीं, बल्कि आतंकियों द्वारा साजिश रची गई है.

ये भी पढ़ें- 8 साल पुराना गांधी मैदान का वो खौफनाक मंजर, आज भी सिहर जाती है रूह

पटना जंक्शन पर यह शौचालय प्लेटफार्म नंबर 10 पर आज भी स्थापित है, लेकिन वहां के आसपास स्टॉल पर काम करने वाले लोग इस मंजर को याद करके कांप जाते हैं. बम धमाके होने के बावजूद भी नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन को पूरा किया.

हालांकि, हुंकार रैली में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी. एक के बाद एक हुए बम धमाकों के बाद भी नेताओं ने अपना धैर्य बनाए रखा और लोगों को गांधी मैदान से सुरक्षित घर पहुंचने के लिए भाषण में भी कहते रहे. पटना जंक्शन में हुए बम ब्लास्ट के बाद पटना जंक्शन रेलवे प्रशासन काफी सक्रिय रहता है. उस काले दिन के बारे में लोग कहते हैं कि शायद इस तरह का मंजर कहीं देखने को ना मिले.

पटना: साल 2013 में राजधानी पटना (Patna) के गांधी मैदान में हुए बम धमाका (Gandhi Maidan Bomb Blast Case) मामले में एनआईए कोर्ट (NIA Court) ने एक आरोपी फखरुद्दीन को छोड़कर बाकी सभी 9 आरोपियों को दोषी करार दिया है. अब कोर्ट एक नवंबर को सजा का ऐलान करेगा. लेकिन, कई साल बीत जाने के बाद भी लोग उस आतंकी हमले को याद कर सहम जाते हैं.

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पटना में 27 अक्टूबर 2013 को भाजपा की तरफ से हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. उस वक्त भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी लोगों को संबोधित करने के लिए पटना के गांधी मैदान में पहुंचने वाले थे. गांधी मैदान लोगों से खचाखच भरा हुआ था. कहा जाता है कि जितनी भीड़ गांधी मैदान में थी उतनी ही भीड़ पटना की सभी सड़कों पर भी उमड़ी थी. नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनने के लिए सभी लोगों की निगाहें उस रैली पर थी, लेकिन 27 अक्टूबर का वह काला दिन आज भी लोग उस मंजर को याद कर कांप जाते हैं.

देखें रिपोर्ट

हुंकार रैली के दिन सबसे पहले पटना जंक्शन के करबिगहिया छोर पर प्लेटफार्म नंबर 10 पर बने शौचालय बम में धमाका हुआ था. कहा जाता है कि दो लोग उस शौचालय में छिपकर मानव बम बना रहे थे और मानव बम तैयार करने के दौरान ही बम ब्लास्ट हुआ और 1 शख्स की जान चली गई और एक घायल हो गया. हालांकि, वहां पर मौजूद धर्मा नाम के कुली ने उसको धर दबोचा.

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सुरक्षा एजेंसी और पुलिस महकमे में पटना जंक्शन पर बम ब्लास्ट के बाद हड़कंप मच गया था. कहा तो यह भी जाता है कि यह मानव बम तैयार कर नरेंद्र मोदी की गाड़ी से टकराने का प्लान था, लेकिन मानव बम तैयार करने के साथ ही उसने खुद को मौत के गले लगा लिया. पटना जंक्शन पर बम ब्लास्ट के बाद तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंखों के सामने एक के बाद एक बम धमाका गांधी मैदान में हुआ.

इस आतंकी हमले में 6 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और 84 लोग घायल हो गए. घायलों को पटना पीएमसीएच और कई अस्पतालों में भर्ती कराया गया था. मंच पर बैठे नेता भीड़ में शांति बनाए रखने के लिए अपने भाषण में यह कहते रहे कि मोदी के आने की खुशी में लोग पटाखे छोड़ रहे हैं, लेकिन वास्तव में मंच पर बैठे सभी नेता जान रहे थे कि ये पटाखे नहीं, बल्कि आतंकियों द्वारा साजिश रची गई है.

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पटना जंक्शन पर यह शौचालय प्लेटफार्म नंबर 10 पर आज भी स्थापित है, लेकिन वहां के आसपास स्टॉल पर काम करने वाले लोग इस मंजर को याद करके कांप जाते हैं. बम धमाके होने के बावजूद भी नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन को पूरा किया.

हालांकि, हुंकार रैली में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी. एक के बाद एक हुए बम धमाकों के बाद भी नेताओं ने अपना धैर्य बनाए रखा और लोगों को गांधी मैदान से सुरक्षित घर पहुंचने के लिए भाषण में भी कहते रहे. पटना जंक्शन में हुए बम ब्लास्ट के बाद पटना जंक्शन रेलवे प्रशासन काफी सक्रिय रहता है. उस काले दिन के बारे में लोग कहते हैं कि शायद इस तरह का मंजर कहीं देखने को ना मिले.

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