पटना: रविवार को एलजेपी संस्थापक रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की बरखी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने शिरकत नहीं की, जिस पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) ने सीएम को शिष्टाचार दिखाने की नसीहत दी थी. अब बीजेपी नेता और मंत्री सम्राट चौधरी (Minister Samrat Choudhary) ने उनका बचाव किया है.
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बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वर्गीय रामविलास पासवान को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सुबह-सुबह ही श्रद्धांजलि देकर कर सामान्य शिष्टाचार का पालन कर दिया था. वैसे भी अगर आमंत्रण मिला है तो यह व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह उसके यहां जाना चाहता है या नहीं, इसमें शिष्टाचार का कोई सवाल नहीं उठता है.
'तेजस्वी जी से पहले पूछियेगा कि शिष्टाचार क्या होता है. शिष्टाचार व्यक्ति का अपना विवेक है कि किनके यहां जाना है या नहीं जाना है. नीतीश कुमार जी ने रामविलास पासवान जी को श्रद्धांजलि सवेरे-सवेरे दिया. इसमें कोई शिष्टाचार क्या होता है?'- सम्राट चौधरी, मंत्री, पंचायती राज विभाग
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दरअसल, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार की देर शाम एलजेपी नेता चिराग पासवान के आवास पर पहुंचकर दिवंगत रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि दी थी. इस मौके पर उन्होंने पासवान को याद किया और उनके साथ के अनुभव को साझा किया. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रामविलास पासवान की बरखी में शामिल नहीं होने पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वैसे तो यह उनका अपना व्यक्तिगत फैसला है, कोई जबरदस्ती तो कर नहीं सकता लेकिन एक शिष्टाचार तो दिखना चाहिए था.
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'नीतीश कुमार उनसे और चिराग पासवान से बड़े हैं, बुजुर्ग हैं और बिहार के 15 सालों तक मुख्यमंत्री रहे हैं और हमलोगों के चाचा जैसे हैं. ऐसे मौकों पर शिष्टाचार जरूर दिखना चाहिए था.'