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पटना में RTI एक्टिविस्टों का फूटा गुस्सा, मुख्य सूचना आयुक्त की बर्खास्तगी को लेकर किया हंगामा

राजधानी पटना में पूरे बिहार से आए आरटीआई कार्यकर्ताओं (RTI Activists Protest) ने प्रदर्शन किया. आरटीआई एक्टिविस्टों ने मुख्य सूचना आयुक्त (Chief Information Commissioner) की बर्खास्तगी की मांग करते हुए कहा कि लोगों को सूचना मांगने पर महीनों परेशान किया जाता है और कारण भी पूछा जाता है. 90 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में सूचना नहीं दी जा रही है.

RTI कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
RTI कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
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Published : Nov 24, 2021, 9:11 AM IST

पटना: बिहार में सूचना का अधिकार (Right to Information in Bihar) माखौल बन कर रह गया है. महीनों चक्कर लगाने के बाद भी लोगों को सूचना नहीं मिल पा रही है. बिहार भर के आरटीआई एक्टिविस्ट (RTI Activists Across Bihar) सूचना आयोग के रवैया से परेशान हैं. नाराज आरटीआई एक्टिविस्टों ने आयोग के दफ्तर के सामने हंगामा किया. आरटीआई एक्टिविस्टों का कहना है कि सूचना आयोग सफेद हाथी बन कर रह गया है. लोगों को सूचना मांगने पर महीनों परेशान किया जाता है.

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सूचना आम लोगों का अधिकार है और आरटीआई के जरिए लोग सूचना हासिल करते हैं. इन दिनों लोगों को सूचना देने में आयोग की तरफ से भेदभाव किया जा रहा है. सूचना देने में जहां काफी देरी की जा रही है. वहीं आरटीआई कार्यकर्ताओं को परेशान भी किया जा रहा है. बिहार भर से आए नाराज आरटीआई कार्यकर्ताओं ने सूचना आयोग के दफ्तर के समक्ष जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं ने मुख्य सूचना आयुक्त के बर्खास्तगी की मांग भी की.

RTI एक्टिविस्टों का प्रदर्शन

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आरटीआई एक्टिविस्ट प्रकाश राय ने कहा कि- 'सूचना आयोग सफेद हाथी बन कर रह गया है. लोगों को सूचना मांगने पर महीनों परेशान किया जाता है और कारण भी पूछा जाता है. 90% से ज्यादा मामलों में सूचना नहीं दी जा रही है.'

रजी हसन ने कहा कि- 'विकलांग होने के बावजूद मैं सूचना आयोग के दफ्तर का चक्कर लगाता हूं. सूचना मांगने पर हमें परेशान किया जाता है और कुछ ना कुछ कारण लगाकर लौटा दिया जाता है.'

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आरटीआई कार्यकर्ता अजय कुमार चौरसिया ने कहा कि अब तक वर्चुअल माध्यम से ही सूचना आयोग का काम चल रहा है और 20 मामलों की सुनवाई की जा रही है. हमें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है. हम सूचना आयुक्त के बर्खास्तगी की मांग करते हैं.

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सूचना आम लोगों का अधिकार है और आरटीआई के जरिए लोग सूचना हासिल करते हैं. इन दिनों लोगों को सूचना देने में आयोग की तरफ से भेदभाव किया जा रहा है. सूचना देने में जहां काफी देरी की जा रही है. वहीं आरटीआई कार्यकर्ताओं को परेशान भी किया जा रहा है. बिहार भर से आए नाराज आरटीआई कार्यकर्ताओं ने सूचना आयोग के दफ्तर के समक्ष जमकर हंगामा किया और नारेबाजी की. कार्यकर्ताओं ने मुख्य सूचना आयुक्त के बर्खास्तगी की मांग भी की.

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रजी हसन ने कहा कि- 'विकलांग होने के बावजूद मैं सूचना आयोग के दफ्तर का चक्कर लगाता हूं. सूचना मांगने पर हमें परेशान किया जाता है और कुछ ना कुछ कारण लगाकर लौटा दिया जाता है.'

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आरटीआई कार्यकर्ता अजय कुमार चौरसिया ने कहा कि अब तक वर्चुअल माध्यम से ही सूचना आयोग का काम चल रहा है और 20 मामलों की सुनवाई की जा रही है. हमें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया जा रहा है. हम सूचना आयुक्त के बर्खास्तगी की मांग करते हैं.

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