पटना: राजद (RJD) के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) की मुखालफत से शुरू हुई तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) की लड़ाई अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है. भले ही जगदानंद सिंह राजद में कलह से इनकार करते हैं लेकिन घटनाक्रम दूसरी ओर इशारा करते हैं. तेज प्रताप यादव आज अचानक सड़क मार्ग से दिल्ली रवाना हो गये (Tej Pratap Yadav leaves for Delhi). बताया जाता है कि कल वे अपने पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से मुलाकात करेंगे.
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बताया जाता है कि हालिया घटनाक्रम को लेकर तेज प्रताप सिर्फ जगदानंद सिंह ही नहीं बल्कि अपने परिवार के कुछ सदस्यों से भी नाराज हैं. उनका हाल में दिया बयान इसका प्रमाण है. वे अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. उनके खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं.
तेज प्रताप यादव पर आरोप है कि वे पार्टी में सीनियर नेताओं को अपमानित करते रहे हैं. पहले प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे को कई बार तेज प्रताप ने अपमानित किया. दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह भी कई बार तेज प्रताप के बयान से आहत हुए. अब बारी जगदा बाबू और शिवानंद तिवारी की है. इस बार जगदानंद सिंह भी झुकने के लिए तैयार नहीं हैं. तेज प्रताप को लेकर उन्होंने तल्ख बयानबाजी की है.
बता दें कि तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) कल ही दिल्ली पहुंच चुके हैं. तेज प्रताप भी कल दिल्ली जाना चाहते थे लेकिन उनके अंगरक्षकों ने उनका साथ छोड़ दिया है. जिसके चलते वे दिल्ली नहीं जा सके. तेज प्रताप यादव ने कहा कि मेरे तीनों बॉडीगार्ड भाग खड़े हुए और उन्होंने फोन स्विच ऑफ कर लिया है. मेरी हत्या की साजिश चल रही है.
आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से तेज प्रताप यादव और जगदानंद सिंह के बीच विवाद ने बिहार की राजनीति में तमाम मुद्दों को पीछे छोड़ दिया है. तेज प्रताप यादव जगदानंद सिंह पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं. दूसरी तरफ जगदानंद सिंह ने भी यह कह दिया था कि वे किसी तेजप्रताप को नहीं जानते. इससे तेज प्रताप भड़क गये थे. हालांकि आज इस पूरे मामले को लेकर जगदानंद सिंह ने कहा कि कहीं कोई विवाद नहीं है. तमाम मुद्दे सुलझ चुके हैं.
जानकारी के मुताबिक तेज प्रताप के रुख से नाराज तेजस्वी ने जिस तरह से यह कहा कि बड़ों का सम्मान होना चाहिए. उसके बाद तेज प्रताप के रुख में भी नरमी आई है. इस बात की संभावना है कि बहुत जल्द यह मामला सुलझ जाएगा.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह (Jagdanand Singh) द्वारा राजद के युवा प्रदेश अध्यक्ष को हटाए जाने के मामले को लेकर तेजप्रताप यादव (Tej Pratap yadav) नाराज हो गए हैं. तेजप्रताप यादव ने सीधे तौर पर जगदानंद सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) और मेरे बीच लड़ाई लगवा रहे हैं. भाई-भाई के बीच जगदानंद सिंह झगड़ा लगाने का काम कर रहे हैं. इस काम का इनाम उन्हें भगवान देंगे.
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तेजप्रताप यादव ने कहा था कि जगदानंद सिंह पोस्टर लगाने और हटवाने का काम करते हैं. इसी राजनीति में उनका पूरा जीवन बीता है. तेज प्रताप यादव ने इससे पहले ट्वीट करके अपना विरोध जताया था. उन्होंने कहा था कि जिन प्रवासी लोगों से तमाम सलाह ली गई है उनसे पार्टी के हित के बारे में भी जानकारी ले ली जाती. तेजप्रताप ने आकाश को हटाने के फैसले को पार्टी के संविधान के खिलाफ बताया. उन्होंने कहा कि बिना नोटिस दिए किसी को पद से नहीं हटाया जा सकता.
आपको बता दें कि तेजप्रताप यादव लगातार जगदानंद सिंह पर आरोप लगाते रहे हैं. यहां तक कि जगदानंद सिंह पर पार्टी कार्यालय का गेट बंद करवाने से लेकर उनके आने पर पार्टी कार्यालय में सम्मान नहीं देने तक का आरोप लगा चुके हैं. युवा सम्मेलन के दौरान तेजप्रताप यादव ने कहा था कि जब हमारे पिताजी थे तो गेट खुला रहता था, लेकिन जबसे जगदानंद चाचा आए हैं पार्टी कार्यालय का गेट बंद करा देते हैं.
इसीलिए अब हम बीच में आ गए हैं. हालांकि सार्वजनिक मंच से जिस तरीके से तेजप्रताप यादव जगदानंद सिंह के बारे में अपनी बात रखते थे उससे एक बात तो साफ होने लगी थी कि इस पर कोई ना कोई बड़ी राजनीतिक प्रक्रिया होगी.
दरअसल, तेजप्रताप यादव का पोस्टर राजद कार्यालय के बाहर लगा था. बैठक से ज्यादा इस पोस्टर की चर्चा हुई, क्योंकि तेजस्वी यादव पोस्टर में नहीं दिख रहे थे. हालांकि इस पर तेजप्रताप यादव ने सफाई दी थी कि यह कोई मुद्दा नहीं है. अब फिर ये पोस्टर चर्चा में है, क्योंकि पोस्टर पर कालिख पोत दी गई है. आकाश यादव के मुंह पर कालिख पोती गई थी.
आपको बताएं कि पटना में आयोजित छात्र आरजेडी की बैठक के दौरान तेजप्रताप यादव ने प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह पर हमला बोलते हुए कहा था, 'जगदानंद सिंह हिटलर शाही चला रहे हैं और पार्टी में मनमानी कर रहे हैं. वह कुर्सी को अपनी बपौती समझ रहे हैं, जबकि कुर्सी किसी की नहीं होती है, कब किसकी कुर्सी चली जाए कोई ठिकाना नहीं होता है.'
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माना जा रहा है कि तेजप्रताप के इस बयान के बाद से जगदानंद सिंह काफी नाराज हुए. उसी दिन से उन्होंने पार्टी कार्यालय भी आना बंद कर दिया था. यहां तक कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी झंडा फहराने के लिए पार्टी दफ्तर नहीं पहुंचे थे. जिस वजह से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने झंडोत्तोलन किया था, जबकि पार्टी की स्थापना के बाद से प्रदेश अध्यक्ष ही झंडा फहराते रहे हैं. हालांकि 11 दिन बाद बुधवार को राबड़ी आवास में तेजस्वी से मुलाकात के बाद वह पार्टी दफ्तर पहुंचे थे.
दरअसल, तेजप्रताप के करीबी छात्र आरजेडी के अध्यक्ष आकाश यादव को जगदानंद सिंह द्वारा पद से हटाए जाने के बाद पार्टी और परिवार, दोनों में बवाल मचा है. तेज प्रताप के तेवर बता रहे हैं कि यह तूफान अब जल्दी थमने वाला नहीं है. तेजप्रताप का कहना है कि बिना नोटिस दिए छात्र आरजेडी के अध्यक्ष को पार्टी ने हटा दिया गया है. बिना नोटिस के हटा देना गलत है.
युवा विंग के आकाश यादव को हटाकर गगन कुमार को कमान सौंपने से तेज प्रताप यादव भड़क गये थे. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि 'प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने में अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलती है और आरजेडी का संविधान कहता है कि बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते.
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