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हो गया फाइनल, इस दिन पटना आएंगे लालू यादव, भरेंगे हुंकार

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (RJD supremo Lalu Prasad Yadav) शीघ्र ही पटना आने वाले हैं. यहां वे बापू सभागार में आरजेडी की ओर वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसमें आरजेडी सुप्रीमो शिरकत करेंगे. इस कार्यक्रम के माध्यम से लालू हुंकार भरेंगें (Lalu Prasad Yadav in Patna on June 5) और साबित करने की कोशिश करेंगे कि आरजेडी में अब भी वही जोश हैं. पढ़ें पूरी खबर.

RJD supremo Lalu Prasad Yadav
RJD supremo Lalu Prasad Yadav
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Published : May 23, 2022, 6:56 PM IST

पटना: राजनीति में जितना अहम दूसरी पार्टियों पर हमला करना होता है, उतना ही अहम होता है, अपनी पार्टी की शाख को भी बचाना. एक पार्टी चाहे जितनी भी बार दूसरी पार्टी पर हमला करे लेकिन जब उस पर उंगली उठती है तो बेचैनी स्वभाविक है. फिलहाल कुछ ऐसे ही हालात राजद के साथ देखने को मिल रहा है. एक तरफ पार्टी अपने विरोधियों को मैसेज देना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ सीबीआई की छापेमारी के बाद डेंट हो रही छवि में सुधार की कवायद कर रही है. इसका सबसे बड़ा मंच बना है संपूर्ण क्रांति दिवस. दरअसल, अगले 5 जून को राजधानी के बापू सभागार (Bapu Auditorium Patna) में राजद की तरफ से एक ऐसा आयोजन किया जा रहा है, जिसमें यह संदेश देने की पूरी कोशिश की जाएगी कि राजद में अभी भी वही जोश है.

ये भी पढ़ें: 'तेजस्वी के कारण जातीय जनगणना पर सर्वदलीय बैठक', RJD ने कहा- मांग मानने के लिए CM का आभार

इस दिन पटना आ सकते हैं लालू: राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार यह दिन पार्टी के लिए कितना खास है, इसका अंदाजा इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने जन्मदिन के सात दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव पांच जून को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में हिस्सा (RJD supremo Lalu Prasad Yadav in Patna) ले सकते हैं. इस मसले पर लालू प्रसाद की तरफ से सहमति मिल चुकी है. जमानत के बाद यह पहला मौका होगा, जब लालू प्रसाद राजधानी में आएंगे और संपूर्ण क्रांति दिवस (Sampurn Kranti Divas)के मध्य से अपने विरोधियों के सामने हुंकार भरेंगे. इसके लिए अंदर ही अंदर जोरशोर से तैयारी की जा रही है क्योंकि लालू प्रसाद का आना राजद में नई स्फूर्ति और ऊर्जा का संचार होना भी बताया जा रहा है.

छवि संभालने की कोशिश: राजनीति के जानकारों की मानें तो संपूर्ण क्रांति दिवस राजद के लिए एक बड़ा मौका हो सकता है, जब वह जनता के बीच में अपनी छवि को फिर से अच्छे तरीके से पेश कर सकता है. दरअसल, हाल के दिनों में सीबीआई की तरफ से लालू प्रसाद पर रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन लेने के आरोप के बाद जांच की गई और उसमें से जो भी तथ्य सामने निकल कर आए, इससे विरोधी दलों को लालू प्रसाद पर हमला करने का एक बड़ा मौका मिल गया है. पार्टी के अंदरखाने इस बात की भी चर्चा है कि जाने अनजाने में इन सारी चीजों का गलत मैसेज जनता के बीच में जा रहा है. अगर इससे छवि थोड़ा भी नुकसान होगा तो यह राजद के लिए अच्छी बात नहीं है.

देखें रिपोर्ट
पेश हो सकता है रिपोर्ट कार्ड: पार्टी के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं, पांच जून को सरकार का जो कार्यकलाप है, उस पर रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा. किस तरीके से डबल इंजन की सरकार काम कर रही है, इसके बारे में आम लोगों को जानकारी दी जाएगी. कार्यक्रम का आयोजन बापू सभागार में किया जाएगा. इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में महागठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक बुलाई गई थी. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था.

'इस कार्यक्रम में न केवल महागठबंधन के सभी दलों के नेता रहेंगे बल्कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के भी उपस्थित होने की पूरी संभावना है. सरकार का जो कार्यक्रम है, सरकार का आमजनों के साथ जो व्यवहार है, राज्य में जिस तरीके से लॉ एंड ऑर्डर में हालात हैं, विकास के नाम पर लूट, भ्रष्टाचार का बोलबाला, बिहार समेत पूरे देश में नफरत का माहौल, इस बारे में बताया जाएगा.'-एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता.

कांग्रेस अभी महागठबंधन से अलग लेकिन स्वागत: एजाज अहमद बताते हैं कि कांग्रेस अभी महागठबंधन से अलग है. अगर कांग्रेस के लोग महागठबंधन के साथ आना चाहेंगे तो राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मसले पर फैसला लेंगे. उसी समय सारी बातें सामने आ जाएंगी लेकिन महागठबंधन के जिन वामपंथी दलों के साथ हमारा समझौता है, उन दलों के सभी के नेता इस मौके पर उपस्थित रहेंगे.

लालू सम्पूर्ण क्रांति की ही उपज: वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क कहते हैं राजद ने 5 जून की जो तारीख तय की है, उसका संदेश यह है कि लालू प्रसाद संपूर्ण क्रांति की ही उपज हैं. सच्चाई यही है कि संपूर्ण क्रांति जो बिहार में हुई थी, जब जेपी ने पटना की एक विशाल रैली में संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया और उस समय की महंगाई, सामाजिक और आर्थिक बदलाव की उस वक्त की सबसे बड़ी क्रांति होने लगी. जब उस आंदोलन से उपजे लालू प्रसाद को सत्ता मिली तो लगभग वही काम उन्होंने किए जिसका विरोध संपूर्ण क्रांति के जरिए किया गया था.

'सबको पता है कि जंगलराज लालू प्रसाद के शासनकाल को कहा गया. भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा लालू प्रसाद के राज में हुई. अभी हाल में रेलवे में नियुक्ति घोटाले की बात जो सामने आई है, इस तरह के कई ऐसे आरोप आरजेडी पर लगे हुए हैं. इससे राजद को अपने को मुक्त करना होगा. इस मुक्ति के लिए ही शायद संपूर्ण क्रांति दिवस की तारीख तय की गई है.'-ओम प्रकाश अश्क, वरिष्ठ पत्रकार.

ये भी पढ़ें: 'नीतीश-तेजस्वी आएंगे साथ तो CBI भेजेगा केंद्र', पोस्टर के जरिए RJD का PM मोदी पर वार

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पटना: राजनीति में जितना अहम दूसरी पार्टियों पर हमला करना होता है, उतना ही अहम होता है, अपनी पार्टी की शाख को भी बचाना. एक पार्टी चाहे जितनी भी बार दूसरी पार्टी पर हमला करे लेकिन जब उस पर उंगली उठती है तो बेचैनी स्वभाविक है. फिलहाल कुछ ऐसे ही हालात राजद के साथ देखने को मिल रहा है. एक तरफ पार्टी अपने विरोधियों को मैसेज देना चाहती है, वहीं दूसरी तरफ सीबीआई की छापेमारी के बाद डेंट हो रही छवि में सुधार की कवायद कर रही है. इसका सबसे बड़ा मंच बना है संपूर्ण क्रांति दिवस. दरअसल, अगले 5 जून को राजधानी के बापू सभागार (Bapu Auditorium Patna) में राजद की तरफ से एक ऐसा आयोजन किया जा रहा है, जिसमें यह संदेश देने की पूरी कोशिश की जाएगी कि राजद में अभी भी वही जोश है.

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इस दिन पटना आ सकते हैं लालू: राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेताओं से मिली जानकारी के अनुसार यह दिन पार्टी के लिए कितना खास है, इसका अंदाजा इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपने जन्मदिन के सात दिन पहले ही लालू प्रसाद यादव पांच जून को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में हिस्सा (RJD supremo Lalu Prasad Yadav in Patna) ले सकते हैं. इस मसले पर लालू प्रसाद की तरफ से सहमति मिल चुकी है. जमानत के बाद यह पहला मौका होगा, जब लालू प्रसाद राजधानी में आएंगे और संपूर्ण क्रांति दिवस (Sampurn Kranti Divas)के मध्य से अपने विरोधियों के सामने हुंकार भरेंगे. इसके लिए अंदर ही अंदर जोरशोर से तैयारी की जा रही है क्योंकि लालू प्रसाद का आना राजद में नई स्फूर्ति और ऊर्जा का संचार होना भी बताया जा रहा है.

छवि संभालने की कोशिश: राजनीति के जानकारों की मानें तो संपूर्ण क्रांति दिवस राजद के लिए एक बड़ा मौका हो सकता है, जब वह जनता के बीच में अपनी छवि को फिर से अच्छे तरीके से पेश कर सकता है. दरअसल, हाल के दिनों में सीबीआई की तरफ से लालू प्रसाद पर रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन लेने के आरोप के बाद जांच की गई और उसमें से जो भी तथ्य सामने निकल कर आए, इससे विरोधी दलों को लालू प्रसाद पर हमला करने का एक बड़ा मौका मिल गया है. पार्टी के अंदरखाने इस बात की भी चर्चा है कि जाने अनजाने में इन सारी चीजों का गलत मैसेज जनता के बीच में जा रहा है. अगर इससे छवि थोड़ा भी नुकसान होगा तो यह राजद के लिए अच्छी बात नहीं है.

देखें रिपोर्ट
पेश हो सकता है रिपोर्ट कार्ड: पार्टी के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं, पांच जून को सरकार का जो कार्यकलाप है, उस पर रिपोर्ट कार्ड जारी किया जाएगा. किस तरीके से डबल इंजन की सरकार काम कर रही है, इसके बारे में आम लोगों को जानकारी दी जाएगी. कार्यक्रम का आयोजन बापू सभागार में किया जाएगा. इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व में महागठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक बुलाई गई थी. बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया था.

'इस कार्यक्रम में न केवल महागठबंधन के सभी दलों के नेता रहेंगे बल्कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के भी उपस्थित होने की पूरी संभावना है. सरकार का जो कार्यक्रम है, सरकार का आमजनों के साथ जो व्यवहार है, राज्य में जिस तरीके से लॉ एंड ऑर्डर में हालात हैं, विकास के नाम पर लूट, भ्रष्टाचार का बोलबाला, बिहार समेत पूरे देश में नफरत का माहौल, इस बारे में बताया जाएगा.'-एजाज अहमद, आरजेडी प्रवक्ता.

कांग्रेस अभी महागठबंधन से अलग लेकिन स्वागत: एजाज अहमद बताते हैं कि कांग्रेस अभी महागठबंधन से अलग है. अगर कांग्रेस के लोग महागठबंधन के साथ आना चाहेंगे तो राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस मसले पर फैसला लेंगे. उसी समय सारी बातें सामने आ जाएंगी लेकिन महागठबंधन के जिन वामपंथी दलों के साथ हमारा समझौता है, उन दलों के सभी के नेता इस मौके पर उपस्थित रहेंगे.

लालू सम्पूर्ण क्रांति की ही उपज: वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क कहते हैं राजद ने 5 जून की जो तारीख तय की है, उसका संदेश यह है कि लालू प्रसाद संपूर्ण क्रांति की ही उपज हैं. सच्चाई यही है कि संपूर्ण क्रांति जो बिहार में हुई थी, जब जेपी ने पटना की एक विशाल रैली में संपूर्ण क्रांति का आह्वान किया और उस समय की महंगाई, सामाजिक और आर्थिक बदलाव की उस वक्त की सबसे बड़ी क्रांति होने लगी. जब उस आंदोलन से उपजे लालू प्रसाद को सत्ता मिली तो लगभग वही काम उन्होंने किए जिसका विरोध संपूर्ण क्रांति के जरिए किया गया था.

'सबको पता है कि जंगलराज लालू प्रसाद के शासनकाल को कहा गया. भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा लालू प्रसाद के राज में हुई. अभी हाल में रेलवे में नियुक्ति घोटाले की बात जो सामने आई है, इस तरह के कई ऐसे आरोप आरजेडी पर लगे हुए हैं. इससे राजद को अपने को मुक्त करना होगा. इस मुक्ति के लिए ही शायद संपूर्ण क्रांति दिवस की तारीख तय की गई है.'-ओम प्रकाश अश्क, वरिष्ठ पत्रकार.

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