ETV Bharat / city

JDU-BJP में चलता है डिक्टेटरशिप, किसी को बोलने की आजादी नहीं : RJD

author img

By

Published : Jan 23, 2020, 11:58 AM IST

Updated : Jan 23, 2020, 12:24 PM IST

आरजेडी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार आरएसएस के गोद में खेल रहे हैं. देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध हो रहा है. ऐसे में जेडीयू नेता द्वारा विरोध में दिए गए बयान पर कार्रवाई की बात करना डिक्टेटरशिप को दर्शाता है.

rjd
rjd

पटना: सीएम नीतीश कुमार द्वारा पवन वर्मा के लिए दिए गए बयान के बाद आरजेडी ने जेडीयू पर हमला बोला है. आरजेडी नेता भाई वीरेन्द्र ने कहा कि जेडीयू और बीजेपी में डिक्टेटरशिप चलता है. यहां किसी को बोलने की आजादी नहीं है.

आरजेडी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार आरएसएस के गोद में खेल रहे हैं. देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध हो रहा है. ऐसे में जेडीयू नेता द्वारा विरोध में दिए गए बयान पर कार्रवाई की बात करना डिक्टेटरशिप को दर्शाता है. जो व्यक्ति देशहित और समाज हित में बोलता है उस पर कार्रवाई करने की बात हो रही है.

पेश है रिपोर्ट

नीतीश कुमार की दो टूक
बता दें कि, सीएम नीतीश कुमार ने पवन वर्मा मामले पर अपनी दो टूक राय रखी. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि अपनी पार्टी के हर नेता और खास करके पवन वर्मा का वह काफी सम्मान करते हैं. पर, पवन वर्मा का इस तरह का विरोध करना ठीक नहीं है. पवन वर्मा पार्टी की ओर से पूरी तरह से फ्री हैं उनको जहां जाना है जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पवन वर्मा ने जो भी बयान दिया है वह उनकी निजी राय हो सकती है.

यहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनसे सफाई देने की मांग की थी. पवन वर्मा ने भी इस बिल का विरोध किया है और नीतीश कुमार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.

जेडीयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था, 'मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन पर दोबारा विचार करें. ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है. ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते.'

  • This is the letter I have written to ⁦@NitishKumar⁩ today asking him how the JD(U) has formed an alliance with the BJP for the Delhi elections, given his own views on the BJP, and the massive national outrage against the divisive CAA-NPR-NRC scheme. pic.twitter.com/ErSynnuiYm

    — Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) 21 January 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आरजेडी की नजर
बता दें कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सीएए, एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं. आरजेडी जेडीयू के दो खेमे में खींचतान पर नजर गड़ाए हुए हैं क्योंकि चुनावी साल में जो भी मुद्दा मिल जाए वह तो आपके समय तरकस में बड़ा तीर साबित होता है और उसे भुनाने में सभी लगे रहते हैं .ऐसे में आरजेडी भी समय और मुद्दे का इंतजार कर रही है.

यह भी पढ़ें- पवन वर्मा को CM नीतीश की नसीहत- जहां जाना है जाएं, मेरी शुभकामनाएं

पटना: सीएम नीतीश कुमार द्वारा पवन वर्मा के लिए दिए गए बयान के बाद आरजेडी ने जेडीयू पर हमला बोला है. आरजेडी नेता भाई वीरेन्द्र ने कहा कि जेडीयू और बीजेपी में डिक्टेटरशिप चलता है. यहां किसी को बोलने की आजादी नहीं है.

आरजेडी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार आरएसएस के गोद में खेल रहे हैं. देशभर में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध हो रहा है. ऐसे में जेडीयू नेता द्वारा विरोध में दिए गए बयान पर कार्रवाई की बात करना डिक्टेटरशिप को दर्शाता है. जो व्यक्ति देशहित और समाज हित में बोलता है उस पर कार्रवाई करने की बात हो रही है.

पेश है रिपोर्ट

नीतीश कुमार की दो टूक
बता दें कि, सीएम नीतीश कुमार ने पवन वर्मा मामले पर अपनी दो टूक राय रखी. मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि अपनी पार्टी के हर नेता और खास करके पवन वर्मा का वह काफी सम्मान करते हैं. पर, पवन वर्मा का इस तरह का विरोध करना ठीक नहीं है. पवन वर्मा पार्टी की ओर से पूरी तरह से फ्री हैं उनको जहां जाना है जा सकते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि पवन वर्मा ने जो भी बयान दिया है वह उनकी निजी राय हो सकती है.

यहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन के बाद जेडीयू के अंदर घमासान मचा हुआ है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने पार्टी अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर उनसे सफाई देने की मांग की थी. पवन वर्मा ने भी इस बिल का विरोध किया है और नीतीश कुमार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.

जेडीयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा था, 'मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर समर्थन पर दोबारा विचार करें. ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है. ये बिल जदयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते.'

  • This is the letter I have written to ⁦@NitishKumar⁩ today asking him how the JD(U) has formed an alliance with the BJP for the Delhi elections, given his own views on the BJP, and the massive national outrage against the divisive CAA-NPR-NRC scheme. pic.twitter.com/ErSynnuiYm

    — Pavan K. Varma (@PavanK_Varma) 21 January 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आरजेडी की नजर
बता दें कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सीएए, एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं. आरजेडी जेडीयू के दो खेमे में खींचतान पर नजर गड़ाए हुए हैं क्योंकि चुनावी साल में जो भी मुद्दा मिल जाए वह तो आपके समय तरकस में बड़ा तीर साबित होता है और उसे भुनाने में सभी लगे रहते हैं .ऐसे में आरजेडी भी समय और मुद्दे का इंतजार कर रही है.

यह भी पढ़ें- पवन वर्मा को CM नीतीश की नसीहत- जहां जाना है जाएं, मेरी शुभकामनाएं

Intro:नीतीश के बयान के बाद राजद ने जदयू पर हमला करते हुए कहा है कि जदयू में डिक्टेटरशीपचलता है जेडीयू में बोलने की आजादी नहीं है


Body:पटना-- सीएम नीतीश कुमार द्वारा पवन वर्मा के लिए दिए गए बयान के बाद आरजेडी ने जेडीयू पर हमला बोलते हुए कहा है कि जदयू और बीजेपी में डिक्टेटरशिप चलता है यहां किसी को बोलने की आजादी नहीं है नीतीश कुमार आरएसएस के गोद में खेल रहे हैं जिस तरह से देशभर में सीए और एलआरसी को लेकर विरोध हो रहा है ऐसे में जदयू के नेता द्वारा विरोध में दिए गए बयान के बाद उन पर कार्रवाई की बात गणना डिक्टेटरशिप को दर्शाता है जो व्यक्ति देशहित और समाज हित में बोलता है उस पर कार्रवाई करने की बात हो रही है और हम समझते हैं कि जो भी जेडीयू में देश हीत् और समाज हित की बात करेगा उसे जदयू पार्टी से निकाल देंगे चाहे प्रशांत किशोर हो या पवन वर्मा।

हम आपको बता दें कि प्रशांत किशोर और पवन वर्मा सी ए ए एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं लेकिन जदयू सी ए ए के पक्ष में लोकसभा और राज्यसभा में अपना समर्थन दिया था ऐसी स्थिति में पार्टी लाइन से अलग हटकर प्रशांत किशोर और पवन वर्मा केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं हम आप को बता दे कि पवन वर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा था और ईटीवी भारत से कहा था कि अगर मैं राज्यसभा सांसद होता तो राज्यसभा में इसका विरोध करता जिसके बाद आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और कहां है कि वह स्वतंत्र है जहां जाना चाहते हैं जा सकते हैं
बाइट भाई बीरेंद्र मुख्य प्रबक्ता राजद


Conclusion: आरजेडी जदयू के दो खेमे में खींचतान पर नजर गड़ाए हुए हैं क्योंकि चुनावी साल में जो भी मुद्दा मिल जाए वह तो आपके समय तरकस में बड़ा तीर साबित होता है और उसे भुनाने में सभी लगे रहते हैं ऐसे में राजद भी समय और मुद्दे का इंतजार कर रहा है
Last Updated : Jan 23, 2020, 12:24 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.