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लगातार चौथे दिन भी नहीं खुला RJD दफ्तर का ताला, रघुवंश बाबू की याद में 7 दिनों तक शोक मनाएगी पार्टी

चुनावी साल में रघुवंश प्रसाद के निधन से आरजेडी में शोक की लहर है. हालांकि, जीवन के अंतिम क्षणों में रघुवंश बाबू ने आरजेडी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरजेडी सुप्रीमो को पत्र लिखकर इस्तीफा दिया.

आरजेडी ऑफिस
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Published : Sep 17, 2020, 3:41 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 5:14 PM IST

पटना: रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन से बिहार राजनीति जगत में शोक की लहर है. लगातार तीसरे दिन भी राष्ट्रीय जनता दल के दफ्तर का ताला लटका रहा. समर्थक, कार्यकर्ता और नेता यह उम्मीद लगाए थे कि चुनावी साल में 3 दिन के शोक के बाद राज्य कार्यालय खुल जाएगा. लेकिन रघुवंश प्रसाद सिंह की याद में अब पार्टी का दफ्तर 7 दिन के बाद ही खुलेगा. साथ ही पार्टी दफ्तर का झंडा भी 7 दिन तक झुका रहेगा.

चुनाव को लेकर नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हर रोज दफ्तर पहुंच रहे थे. बायोडाटा देने वालों की हर दिन लाइन लगी रहती थी. खुद प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष बैठकर लोगों से बायोडाटा ले रहे थे. लेकिन 13 फरवरी को पार्टी के प्रमुख नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद सात दिन के शोक की घोषणा की गई. सूत्रों के मुताबिक जितनी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय जनता दल में टिकट के दावेदारों ने अपना बायोडाटा जमा किया है उतनी भीड़ बिहार में किसी अन्य पार्टी के दफ्तर में देखने को नहीं मिली.

आरजेडी कार्यालय पहुंच रहे कार्यकर्ता
आरजेडी कार्यालय पहुंच रहे कार्यकर्ता

चुनावी तैयारियों पर लगा ब्रेक
जानकारी के मुताबिक 10000 से ज्यादा बायोडाटा जमा हो चुके हैं. बता दें कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह बीमारी से पूरी तरह उबर नहीं पाए. दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था. खांसी और सांस लेने में तकलीफ की वजह से आखिरकार उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा और 13 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई. मौत से पहले उन्होंने दो-तीन पत्र लिखे थे. जिनमें पार्टी से इस्तीफा देने और कई क्रिया-कलापों को लेकर सवाल उठाए गए थे. रघुवंश सिंह के इस्तीफे और उनके सवालों को लेकर बीजेपी-जदयू की ओर से राजद पर लगातार हमला बोला जा रहा है.

पटना: रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन से बिहार राजनीति जगत में शोक की लहर है. लगातार तीसरे दिन भी राष्ट्रीय जनता दल के दफ्तर का ताला लटका रहा. समर्थक, कार्यकर्ता और नेता यह उम्मीद लगाए थे कि चुनावी साल में 3 दिन के शोक के बाद राज्य कार्यालय खुल जाएगा. लेकिन रघुवंश प्रसाद सिंह की याद में अब पार्टी का दफ्तर 7 दिन के बाद ही खुलेगा. साथ ही पार्टी दफ्तर का झंडा भी 7 दिन तक झुका रहेगा.

चुनाव को लेकर नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में हर रोज दफ्तर पहुंच रहे थे. बायोडाटा देने वालों की हर दिन लाइन लगी रहती थी. खुद प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष बैठकर लोगों से बायोडाटा ले रहे थे. लेकिन 13 फरवरी को पार्टी के प्रमुख नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के निधन के बाद सात दिन के शोक की घोषणा की गई. सूत्रों के मुताबिक जितनी बड़ी संख्या में राष्ट्रीय जनता दल में टिकट के दावेदारों ने अपना बायोडाटा जमा किया है उतनी भीड़ बिहार में किसी अन्य पार्टी के दफ्तर में देखने को नहीं मिली.

आरजेडी कार्यालय पहुंच रहे कार्यकर्ता
आरजेडी कार्यालय पहुंच रहे कार्यकर्ता

चुनावी तैयारियों पर लगा ब्रेक
जानकारी के मुताबिक 10000 से ज्यादा बायोडाटा जमा हो चुके हैं. बता दें कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह बीमारी से पूरी तरह उबर नहीं पाए. दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था. खांसी और सांस लेने में तकलीफ की वजह से आखिरकार उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा और 13 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई. मौत से पहले उन्होंने दो-तीन पत्र लिखे थे. जिनमें पार्टी से इस्तीफा देने और कई क्रिया-कलापों को लेकर सवाल उठाए गए थे. रघुवंश सिंह के इस्तीफे और उनके सवालों को लेकर बीजेपी-जदयू की ओर से राजद पर लगातार हमला बोला जा रहा है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 5:14 PM IST
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