पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद के असफल ऑपरेशन (Unsuccessful Cataract Surgery in Muzaffarpur) में कई लोगों की आंख की रोशनी चले जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मोतियाबिंद कांड पर आरजेडी विधायक आलोक मेहता (Alok Mehta attack on Bihar Government) ने कहा कि निजी क्षेत्र में ऑपरेशन जरूर हुआ है, लेकिन सरकार अपनी जिम्मेदारियों से बच नहीं सकती है.
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''मुजफ्फरपुर में कई लोगों की आंखों की रोशनी गई है. सरकार को इस पर गंभीरता दिखानी चाहिए और पूरे मामले की जांच करवानी चाहिए. जो भी इसके लिए दोषी हैं उनको बख्शा नहीं जाना चाहिए. जिन लोगों की आंख की रोशनी गई है, उसे रिस्टोर करने की कोशिश होनी चाहिए.''- आलोक मेहता, विधायक, आरजेडी
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मुजफ्फरपुर की घटना पर मंगल पांडे (Mangal Pandey on Muzaffarpur Incident) ने मुजफ्फरपुर की घटना पर दुख जताया है. इसको लेकर उन्होंने कहा कि हम जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं. पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराएंगे और जो कोई इस मामले में दोषी होगा उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन असफल होने के कारण 25 से ज्यादा लोगों की आंखें खराब (Many people Lost Eyes in Muzaffarpur) हो गई. अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की लापरवाही का नतीजा ये हुआ कि अब तक 7 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी हैं. बाकी लोगों की आंखों में भी दर्द, जलन और दिखाई नहीं देने की समस्या बरकरार है.
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