पटना: बिहार में राज्यसभा की 5 सीटों के लिए चुनाव (Rajya Sabha Election For 5 Seats of Bihar) हो रहे हैं. उनमें से एक जदयू के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (Rajya Sabha election doubts about RCP Singh) की सीट है. उनके अलावा भाजपा के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दूबे भी कार्यकाल पूरा हो रहा है. राजद से मीसा भारती की सीट है, इसके अलावा एक सीट शरद यादव की है. वे जदयू कोटे से राज्यसभा गये थे. अब इस चुनाव के लिए टिकट के दावेदार जहां अपने लिए लॉबिंग करने में जुट गए हैं वहीं ज्यादातर नेता अपनी सीट को बरकरार रखने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. जदयू में तो राज्यसभा चुनाव को लेकर महासंग्राम जैसी स्थिति बन गयी है.
ये भी पढ़ें: जदयू में राज्यसभा उम्मीदवारों को लेकर सस्पेंस, आरसीपी सिंह का समाप्त हो रहा है कार्यकाल
मीसा भारती दोबारा जाएगी राज्यसभा: राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले राज्यसभा चुनाव हो रहा है. बिहार में भी 5 सीटों के लिए राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. राजनीतिक दलों के अंदर राज्यसभा चुनाव को लेकर मंथन शुरू हो गया है. सबसे कठिन परिस्थिति जदयू में है. आरसीपी सिंह और ललन सिंह के बीच घमासान है. तब चर्चा थी कि आरसीपी सिंह जब राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, तब वह बगैर सहमति के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गए लेकिन अब ललन सिंह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. राज्यसभा टिकट ललन सिंह ही तय करेंगे.
ऐसे में ललन सिंह खेमा आरसीपी सिंह को सबक सिखाने के लिए तैयार है. आरसीपी सिंह के विकल्प के रूप में मनीष वर्मा को राज्यसभा टिकट देने की तैयारी अंदर खाने चल रही है. अगर आरसीपी सिंह को जदयू राज्यसभा के टिकट नहीं देती है तो ऐसी स्थिति में भाजपा के समक्ष धर्मसंकट वाली स्थिति होगी. भाजपा को आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजने का जुगाड़ करना होगा.
मीसा भारती का राज्यसभा जाना तय: राजद कोटे से मीसा भारती का राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है. दूसरी सीट से मुंबई के किसी व्यवसाई को राज्यसभा भेजे जाने की संभावना है. आपको बता दें कि मीसा भारती राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की देखरेख कर रही है. मीसा भारती के टिकट पर कैंची चलना मुश्किल दिख रहा है. मीसा भारती ने तेज प्रताप यादव से भी दूरी बढ़ा कर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Leader of Opposition Tejashwi Yadav) का विश्वास जीत लिया है. ऐसे में उनके लिए मुश्किल ना के बराबर है.
आरसीपी सिंह और ललन सिंह में घमासान: वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का मानना है कि भाजपा राज्यसभा चुनाव को लेकर तैयारियों में जुटी है. टिकट का फैसला दिल्ली स्तर पर लिए जाना है लेकिन पार्टी के अंदर जिस तरीके का माहौल है, उससे स्पष्ट है कि एक सीट पर अगड़ी जाति और दूसरी सीट से किसी पिछड़ी जाति के प्रत्याशी या दलित को भेजा जा सकता है.
'जहां तक जदयू का सवाल है तो ललन सिंह और आरसीपी सिंह की लड़ाई चरम पर है. अगर आरसीपी सिंह का टिकट कट जाये तो यह आश्चर्य की बात नहीं होगी. पूरे घटनाक्रम में नीतीश कुमार की भूमिका अहम होने वाली है. पूर्व आईएएस मनीष वर्मा को आरसीपी सिंह के विकल्प के रूप में पेश किया जा रहा है.' -प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार
'राज्यसभा चुनाव को लेकर सबसे कठिन परिस्थिति जदयू के अंदर है. वहां एक अनार और कई बीमार वाली स्थिति है. केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और ललन सिंह के विवाद में आरसीपी सिंह के लिए राज्यसभा का टिकट पाना आसान नहीं होगा. हाल के दिनों में नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच की दूरियां बढ़ी हैं. आरसीपी सिंह इफ्तार से भी नदारद रहे थे. जहां तक राजद का सवाल है तो वहां मीसा भारती के लिए कोई परेशानी नहीं है. दूसरी सीट पर किसी व्यवसाय को भेजा जा सकता है.'-डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक
ये भी पढ़ें: राज्यसभा चुनाव : RJD को फायदा, JDU को हो सकता है नुकसान, क्या कहते हैं आंकड़े?
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP