पटनाः पूरे देश में लागू लॉकडाउन का असर गरीब से लेकर अमीर सभी वर्गों पर पड़ा है. राजधानी पटना समेत बिहार में करीबन 40 हजार से ज्यादा व्यक्ति अपना भरण-पोषण रिक्शा और ठेला चलाकर करते है. लॉकडाउन की वजह से उनके उनके खाने पर भी मुसीबत आ गई है. जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
रिक्शा-ठेला चालकों का रोजगार खत्म
देश में बढ़ते महामारी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 3 मई तक लॉक डाउन की अवधि बढ़ा दी है. लॉक डाउन से रिक्शा ठेला चालकों का रोजगार खत्म हो गया है. रिक्शा चालकों ने बताया कि सामान्य दिनों में जहां 400 से 500 रुपये प्रतिदिन कमा लिया करते थे. वहीं, आज के समय में बोहनी भी नहीं हो रही है.
घर पहुंचा देने की मांग
रिक्शा चालकों ने कहा कि सरकार की तरफ से हमें न राशन मिल रहा है और न ही सहायता राशि दी जा रही है. उन्होंने बताया कि कुछ समाजसेवियों की तरफ से दिन भर में एक बार उन्हें भोजन मुहैया कराई जाती है. रिक्शा चालकों ने सरकार से उनके घर पहुंचा देने की मांग की है.
खाने की हो रही दिक्कत
बिहार के अन्य जिलों से पटना में रहकर ठेला रिक्शा चलाने वालों को ज्यादा दिक्कत हो गई है. लॉकडाउन बढ़ने की वजह से ठेला रिक्शा चालकों की आमदनी बिल्कुल खत्म हो गई है. साथ ही वे लोग घर भी नहीं जा पा रहे हैं और यहां खाने की भी दिक्कत हो रही है.