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IGIMS में शुरू हुआ विश्राम सदन, रियायती दरों में भोजन और ठहरने की है व्यवस्था - Anurabh Kumar

5 माले के इस विश्राम सदन में 256 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. फिलहाल इसके शुरू होते ही सारे कमरे मरीज के परिजन से भरे रहते हैं. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान राज्य का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहां लगभग सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है. मरीज के परिजन भी इस व्यवस्था से काफी खुश हैं.

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Published : Nov 21, 2019, 11:39 PM IST

Updated : Nov 22, 2019, 5:24 PM IST

पटना: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में अब मरीज के परिजनों के लिए विश्राम सदन की शुरुआत की गई है. विश्राम सदन भावराव देवरस सेवा न्यास को संचालित करने दिया गया है. यहां मरीज और उसके परिजन मात्र 35 रुपये में भरपेट भोजन कर सकते हैं और 50 रुपए में डोरमेट्री के बेड की सुविधा ले सकते हैं.

गंभीर मरीज के परिजन को प्राथमिकता
विश्राम सदन के प्रबंधक अनुराभ कुमार ने बताया कि यहां 50 रुपये में मरीज के परिजन को डोरमेट्री का बेड मिल जाता है. सिंगल कमरा 350 रुपये में उपलब्ध हैं जिसमे मरीज के साथ एक परिजन रह सकते हैं. विश्राम सदन में मुख्य रूप से वैसे ही लोगों को बेड या कमरा मिलता है जिनके परिजन यहां भर्ती है. सबसे पहले गंभीर मरीज के परिजन को प्राथमिकता दी जाती है.

देखें रिपोर्ट.

मरीज के परिजन इस व्यवस्था से खुश
5 माले के इस विश्राम सदन में 256 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. फिलहाल इसके शुरू होते ही सारे कमरे मरीज के परिजन से भरे रहते हैं. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान राज्य का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहां लगभग सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है. मरीज के परिजन भी इस व्यवस्था से काफी खुश हैं. उन्हें किफायती कीमतों पर मिल रही सुविधाओं से काफी सहुलियत हो रही है

पटना: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में अब मरीज के परिजनों के लिए विश्राम सदन की शुरुआत की गई है. विश्राम सदन भावराव देवरस सेवा न्यास को संचालित करने दिया गया है. यहां मरीज और उसके परिजन मात्र 35 रुपये में भरपेट भोजन कर सकते हैं और 50 रुपए में डोरमेट्री के बेड की सुविधा ले सकते हैं.

गंभीर मरीज के परिजन को प्राथमिकता
विश्राम सदन के प्रबंधक अनुराभ कुमार ने बताया कि यहां 50 रुपये में मरीज के परिजन को डोरमेट्री का बेड मिल जाता है. सिंगल कमरा 350 रुपये में उपलब्ध हैं जिसमे मरीज के साथ एक परिजन रह सकते हैं. विश्राम सदन में मुख्य रूप से वैसे ही लोगों को बेड या कमरा मिलता है जिनके परिजन यहां भर्ती है. सबसे पहले गंभीर मरीज के परिजन को प्राथमिकता दी जाती है.

देखें रिपोर्ट.

मरीज के परिजन इस व्यवस्था से खुश
5 माले के इस विश्राम सदन में 256 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है. फिलहाल इसके शुरू होते ही सारे कमरे मरीज के परिजन से भरे रहते हैं. इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान राज्य का एकमात्र ऐसा अस्पताल है जहां लगभग सभी बीमारियों का इलाज किया जाता है. मरीज के परिजन भी इस व्यवस्था से काफी खुश हैं. उन्हें किफायती कीमतों पर मिल रही सुविधाओं से काफी सहुलियत हो रही है

Intro:एंकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में मरीज के साथ आये परिजनों को रुकने की व्यवस्था नही थी और अस्पताल कैंपस में ही रहना पड़ता था अब मरीज के परिजनों के लिए विश्राम सदन सुरु कर दिया गया है और इसकी सेवा शुरू हो गयी है ये बिश्राम सदन भावराव देवरस सेवा न्यास को संचालित करने दिया गया है और इस बिश्राम सदन में मरीज और उसके परिजन मात्रा 35 रुपये में भरपेट भोजन कर सकते है विश्राम सदन के प्रवन्धक अनुराभ कुमार ने बताया कि यहाँ 50 रुपये में डोरमेट्री का बेड मरीज के परिजन को मिल जाता है और सिंगल कमरा 350 रुपये में उपलब्ध है जिसमे मरीज के साथ एक परिजन रह सकते है बिश्राम सदन में मुख्य रुप से वैसे ही लोगों को बेड या कमरा मिलता है जिनके परिजन यहां भर्ती है सबसे पहले गंभीर मरीज के परिजन को प्राथमिकता दी जाती है


Body: 5 तल्ले के इस विश्राम सदन में 256 लोगों की व्यवस्था है फिलहाल इसके शुरू होते ही सारे कमरे मरीज के परिजन से भरे रहते हैं आपको बता दे कि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान राज्य का मात्र एक ऐसा एकलौता अस्पताल है जहां लगभग सभी बीमारी का इलाज किया जाता है इसीलिए राज्य के बिभिन्न हिस्से के मरीजों का यहां जमघट लगा रहता है मरीज की संख्या के हिसाब से यह विश्राम सदन नाकाफी है लेकिन फिर भी इसके संचालन शुरू हो जाने से मरीज कर परिजन को काफी राहत मिली है। बाइट मरीज के परिजन


Conclusion: राज्य सरकार इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पटना को पीजीआई चंडीगढ़ के तरह विकसित करना चाहती है लेकिन जिस तरह मरीज की संख्या बढ़ रही है निश्चित तौर पर मरीज के परिजनों के रहने में काफी दिक्कत होती है विश्राम सदन बनने से मरीज के परिजनों को निश्चित तौर पर सुबिधा मिली है लेकिन जरूरत है कि सरकार यहाँ इसके आलाबे भी जगह की व्यवस्था करे जहां मरीज के परिजन रात गुजार सकें वाक थ्रू कुन्दन कुमार पटना
Last Updated : Nov 22, 2019, 5:24 PM IST
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