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पटना में अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर, लोग बोले- '24 घंटे पहले दिया नोटिस.. फिर तोड़ दिया हमारा आशियाना'

बिहार की राजधानी पटना में अवैध निर्माण पर बुलडोजर (Removal Of Encroachment in patna) चलाया गया है. बिहार विद्यापीठ में बने अवैध मकानों को तोड़ा गया. लोगों ने कहा कि केवल 24 घंटे का समय हम लोगों को दिया गया और मकान तोड़ दिए गए. पढ़ें पूरी खबर..

पटना में अवैध निर्माण
पटना में अवैध निर्माण
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Published : Apr 3, 2022, 3:18 PM IST

पटना: बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय (Minister Ramsurat Rai) ने इस बार बजट सत्र में ही कहा था कि 1 अप्रैल से बिहार में सरकारी जमीन पर जो अवैध कब्जा है उसे हटाया जाएगा. इसके तहत रविवार को लगातार तीसरे दिन राजधानी पटना में अवैध निर्माण (Illegal Construction in Patna) को तोड़ने का मिशन जारी है. पटना के बिहार विद्यापीठ के अंदर अवैध रूप से बने मकान और दुकानों को जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर तोड़ा है. लोगों का यह भी कहना है कि मात्र 24 घंटे का समय हम लोगों को दिया गया. 24 घंटे के अंदर ही हमारे घर और मकान को तोड़ दिए गए.

ये भी पढ़ें- पटना में गरीबों की झोपड़ी पर फिर चला निगम का बुलडोजर, शहर को आधुनिक बनाने की है कवायद

अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर: 70 सालों से बिहार विद्यापीठ के अंदर घर बनाकर रह रहे परीक्षण ठाकुर का कहना है कि हम लोग यहां बिहार विद्यापीठ को लगातार किराया दे रहे थे. हम उस समय से यहां पर रह रहे हैं जब देश के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद रहा करते थे. हमने राजेंद्र प्रसाद के यहां दाढ़ी बनाने तक का काम किया है. उन्होंने कहा कि जो आज हो रहा है, वह बहुत गलत है. बिहार विद्यापीठ को चाहिए था कि हम लोगों का किराया बढ़ा देता, लेकिन इस तरह जो बुलडोजर चलाया गया है कहीं न कहीं सरकार गरीबों के साथ अन्याय कर रही है, अब हम लोगों के पास घर भी नहीं है. कहां रहने जाएं सड़क पर तो रात गुजारी नहीं जा सकती है.

केवल 24 घंटे पहले दिया नोटिस: वहीं, परीक्षण ठाकुर के बेटे आलोक ठाकुर का कहना है कि हम लोग कई पुश्तों से यहां पर रह रहे थे और हमें आभास भी नहीं था कि हमारा घर तोड़ दिया जाएगा. मात्र 24 घंटे पहले एक नोटिस आया और जगह खाली करने को कहा गया. जब तक हम लोग खाली करते या कोई व्यवस्था करते तब तक प्रशासन ने कार्रवाई कर दी, जो कि गलत है. हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें कहीं भी रहने की जगह दी जाए.

अतिक्रमण हटाने से लोगों में गुस्सा: आपको बता दें कि बिहार विद्यापीठ (Bihar Vidyapeeth) की जमीन में बड़ी संख्या में लोगों ने मकान बना रखे थे. साथ ही कई दुकान भी सड़क किनारे थे, जिसे भी बुलडोजर के द्वारा तोड़ा गया है. लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला. खासकर जो कई सालों से इस कैंपस में मकान बनाकर रह रहे थे, वह काफी आक्रोशित नजर आ रहे थे.

अतिक्रमण हटाने के लिए विभाग तत्पर: बता दें कि पिछले दिनों ही राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा था कि बिहार में अतिक्रमण को हटाने के लिए विभाग काम करेगा. सरकारी जमीन पर जो भी अतिक्रमणकारी हैं, उनसे बरसात के मौसम से पहले ही जमीन को खाली करवाया जाएगा. साथ ही जो भूमिहीन हैं और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं, उनको कहीं दूसरी जगह बसाने की भी व्यवस्था सरकार करेगी. हांलाकि सरकार ये व्यवस्था कब और कैसे करेगी, इसकी कोई योजना नहीं है.

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पटना: बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के मंत्री रामसूरत राय (Minister Ramsurat Rai) ने इस बार बजट सत्र में ही कहा था कि 1 अप्रैल से बिहार में सरकारी जमीन पर जो अवैध कब्जा है उसे हटाया जाएगा. इसके तहत रविवार को लगातार तीसरे दिन राजधानी पटना में अवैध निर्माण (Illegal Construction in Patna) को तोड़ने का मिशन जारी है. पटना के बिहार विद्यापीठ के अंदर अवैध रूप से बने मकान और दुकानों को जिला प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर तोड़ा है. लोगों का यह भी कहना है कि मात्र 24 घंटे का समय हम लोगों को दिया गया. 24 घंटे के अंदर ही हमारे घर और मकान को तोड़ दिए गए.

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अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर: 70 सालों से बिहार विद्यापीठ के अंदर घर बनाकर रह रहे परीक्षण ठाकुर का कहना है कि हम लोग यहां बिहार विद्यापीठ को लगातार किराया दे रहे थे. हम उस समय से यहां पर रह रहे हैं जब देश के राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद रहा करते थे. हमने राजेंद्र प्रसाद के यहां दाढ़ी बनाने तक का काम किया है. उन्होंने कहा कि जो आज हो रहा है, वह बहुत गलत है. बिहार विद्यापीठ को चाहिए था कि हम लोगों का किराया बढ़ा देता, लेकिन इस तरह जो बुलडोजर चलाया गया है कहीं न कहीं सरकार गरीबों के साथ अन्याय कर रही है, अब हम लोगों के पास घर भी नहीं है. कहां रहने जाएं सड़क पर तो रात गुजारी नहीं जा सकती है.

केवल 24 घंटे पहले दिया नोटिस: वहीं, परीक्षण ठाकुर के बेटे आलोक ठाकुर का कहना है कि हम लोग कई पुश्तों से यहां पर रह रहे थे और हमें आभास भी नहीं था कि हमारा घर तोड़ दिया जाएगा. मात्र 24 घंटे पहले एक नोटिस आया और जगह खाली करने को कहा गया. जब तक हम लोग खाली करते या कोई व्यवस्था करते तब तक प्रशासन ने कार्रवाई कर दी, जो कि गलत है. हम सरकार से मांग करते हैं कि हमें कहीं भी रहने की जगह दी जाए.

अतिक्रमण हटाने से लोगों में गुस्सा: आपको बता दें कि बिहार विद्यापीठ (Bihar Vidyapeeth) की जमीन में बड़ी संख्या में लोगों ने मकान बना रखे थे. साथ ही कई दुकान भी सड़क किनारे थे, जिसे भी बुलडोजर के द्वारा तोड़ा गया है. लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला. खासकर जो कई सालों से इस कैंपस में मकान बनाकर रह रहे थे, वह काफी आक्रोशित नजर आ रहे थे.

अतिक्रमण हटाने के लिए विभाग तत्पर: बता दें कि पिछले दिनों ही राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने कहा था कि बिहार में अतिक्रमण को हटाने के लिए विभाग काम करेगा. सरकारी जमीन पर जो भी अतिक्रमणकारी हैं, उनसे बरसात के मौसम से पहले ही जमीन को खाली करवाया जाएगा. साथ ही जो भूमिहीन हैं और सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रह रहे हैं, उनको कहीं दूसरी जगह बसाने की भी व्यवस्था सरकार करेगी. हांलाकि सरकार ये व्यवस्था कब और कैसे करेगी, इसकी कोई योजना नहीं है.

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