पटना: राजधानी पटना का रीजेंट सिनेमा हॉल बिहार का पहला थ्री डी सिनेमा हॉल (Bihar first 3D Cinema Hall) बन गया है. रीजेंट सिनेमा हॉल बिहार का सबसे पुराना सिनेमा हॉल है. इसके अंदर 3D सिस्टम लगाया गया है. यह 3D सिस्टम पूरे देश में दूसरा थ्री डी थियेटर सिस्टम है जिसे रीजेंट सिनेमा हॉल में उपयोग किया जा रहा है, जिससे पिक्चर की क्वालिटी और पारदर्शिता में काफी फर्क देखने को मिलता है. अन्य सिनेमा हॉल की अपेक्षा थ्री डी सिस्टम लगे सिनेमा हॉल में काफी अंतर भी पाया जाता है.
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रीजेंट सिनेमा हॉल के संचालक ईशान सिन्हा ने बताया कि ''यह 3D सिस्टम काफी नई तकनीक है, जिससे पिक्चर की क्वालिटी देखने में काफी अच्छी लगती है. वहीं, पिक्चर का डेफ़्ट भी काफी क्लियर दिखता है. पिक्चर का इफेक्ट स्क्रीन को काफी नजदीक भी ला देता है. मानो आपको ऐसा एहसास होगा कि जैसे मूवी मेरे आंखों के सामने चल रही हो.''
दरअसल, बिहार का गौरव कहा जाने वाला पटना का रीजेंट सिनेमा हॉल जो लगभग 94 साल पुराना सिनेमा हॉल है. इस सिनेमा हॉल में कोरोना संक्रमण काल के समय यूवी सिस्टम लगाया गया था, जिससे कि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके और हॉल के अंदर खुद-ब-खुद सैनिटाइजेशन होता रहे. जिसके बाद अब इसी रीजेंट सिनेमा हॉल में 3D सिस्टम लगाया गया है, जो कि थिएटर देखने वालों और थिएटर के चहेतों के लिए खुशखबरी है.
बता दें कि 1929 में कैलाश बिहारी सिन्हा के द्वारा रीजेंट सिनेमा हॉल की नींव रखी गई थी. उस समय काफी कुछ पुरानी संस्कृति चल रही थी और उसी समय रीजेंट सिनेमा हॉल में एक ऑडिटोरियम भी बनाया गया था. हॉल जब शुरू हुआ था उस समय साइलेंट मूवी चलती थी. पिक्चर नहीं होती थी तो पर्दे को उठा दिया जाता था और उसी स्टेज पर म्यूजिक प्रोग्राम का भी आयोजन किया जाता था. जब यह सिनेमा हॉल शुरू हुआ था तो इसका नाम 'द प्लेस ऑफ वैरायटी' था. फिर 1981 में पिक्चर हॉल को 2 साल के लिए बंद किया गया और फिर से रेनोवेट किया गया और फिर 83 में इसे सुचारु ढंग से चलाने का प्रयास किया गया.
शुरुआती दौर में लगभग सभी फिल्में बॉलीवुड की लगाई जाती थी, जिसके बाद सबसे पहली हॉलीवुड फिल्म हिंदी मूवी जुरासिक पार्क को लगाया गया. जो काफी दिन तक चली. उसके बाद फिर जुरासिक पार्क के बाद हिंदी फिल्म ट्विस्टर लगाया गया. जो 14 हफ्ते तक चली और ऐसे ही धीरे-धीरे सिलसिला चलता रहा. बाद में रीजेंट सिनेमा से रीजेंट फन सिनेमा हॉल बना है. लगभग 94 साल होने को हैं और अब बिहार का गौरव बन गया है.
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