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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला: फेल हो रहे हैं सरकार के दावे, CBI की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

एक्टिविस्ट संतोष कुमार ने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है शेल्टर होम से गायब लड़की आज भी लापता है. वो इस मामले की मुख्य गवाह थी, जिसे सीबीआई अब तक नहीं ढूंढ पाई है.

patna
बयान
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Published : Jan 12, 2020, 8:12 AM IST

Updated : Jan 12, 2020, 8:32 AM IST

मुजफ्फरपुर: प्रदेश के शेल्टर होम मामले के खुलासे के बाद बिहार की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई थी. बिहार सरकार ने अपनी साख बचाने के लिए जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था. सीबीआई ने कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की पहल की है, लेकिन बड़ी मछलियां अभी भी कार्रवाई की जद में नहीं आ पाए हैं.

सरकार के दावे झूठे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना के बाद कहा था कि शेल्टर होम को अब निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा. बिहार के तमाम शेल्टर होम को सरकार चलाएगी. लेकिन, सारे दावे झूठे निकले. आज भी शेल्टर होम एनजीओ के माध्यम से संचालित हो रहे हैं. 17 शेल्टर होम में गंभीर अनियमितता पाई गई थी, जिसमें सिर्फ मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को ही ब्लैक लिस्ट किया गया. बाकि 16 शेल्टर होम को आज भी सरकारी अनुदान मिल रहा है.

पेश है रिपोर्ट

सीबीआई की कार्यप्रणाली पर सवाल
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक्टिविस्ट संतोष कुमार ने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई जिस तरह से जांच कर रही है, उससे काफी संदेह पैदा होता है. शेल्टर होम से गायब लड़की आज भी लापता है. वो इस मामले की मुख्य गवाह थी, जिसे सीबीआई अब तक नहीं ढूंढ पाई है.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नहीं हुई किसी लड़की की हत्या- CBI

'सीएम दें इस्तीफा'
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस मामले में सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोषियों को बचाना चाहती है. यदि सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी में थोड़ी भी शर्म बची है, तो वे इस्तीफा दे दें.

'विपक्षी खेमे में बैचेनी'
वहीं, विपक्ष के आरोपों पर जदयू ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि विपक्ष सिर्फ राजनीति करना जानती है. विपक्ष की मांग पर मामले को सीबीआई के हवाले किया गया था. वहीं, जब सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी है, तो विपक्षी खेमे में बेचैनी है.

मुजफ्फरपुर: प्रदेश के शेल्टर होम मामले के खुलासे के बाद बिहार की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई थी. बिहार सरकार ने अपनी साख बचाने के लिए जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था. सीबीआई ने कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की पहल की है, लेकिन बड़ी मछलियां अभी भी कार्रवाई की जद में नहीं आ पाए हैं.

सरकार के दावे झूठे
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना के बाद कहा था कि शेल्टर होम को अब निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा. बिहार के तमाम शेल्टर होम को सरकार चलाएगी. लेकिन, सारे दावे झूठे निकले. आज भी शेल्टर होम एनजीओ के माध्यम से संचालित हो रहे हैं. 17 शेल्टर होम में गंभीर अनियमितता पाई गई थी, जिसमें सिर्फ मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को ही ब्लैक लिस्ट किया गया. बाकि 16 शेल्टर होम को आज भी सरकारी अनुदान मिल रहा है.

पेश है रिपोर्ट

सीबीआई की कार्यप्रणाली पर सवाल
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक्टिविस्ट संतोष कुमार ने सीबीआई की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में सीबीआई जिस तरह से जांच कर रही है, उससे काफी संदेह पैदा होता है. शेल्टर होम से गायब लड़की आज भी लापता है. वो इस मामले की मुख्य गवाह थी, जिसे सीबीआई अब तक नहीं ढूंढ पाई है.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में नहीं हुई किसी लड़की की हत्या- CBI

'सीएम दें इस्तीफा'
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने इस मामले में सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार दोषियों को बचाना चाहती है. यदि सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी में थोड़ी भी शर्म बची है, तो वे इस्तीफा दे दें.

'विपक्षी खेमे में बैचेनी'
वहीं, विपक्ष के आरोपों पर जदयू ने पलटवार किया है. पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि विपक्ष सिर्फ राजनीति करना जानती है. विपक्ष की मांग पर मामले को सीबीआई के हवाले किया गया था. वहीं, जब सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी है, तो विपक्षी खेमे में बेचैनी है.

Intro: बिहार में शेल्टर होम मामले के खुलासे के बाद मानवता शर्मसार हुई थी और बिहार की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल हुई थी बिहार सरकार ने अपनी साख बचाने के लिए जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था सीबीआई ने कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की पहल की है लेकिन बड़ी मछलियां भी कार्रवाई की जद में नहीं आ पाए हैं


Body:मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले के खुलासे से पूरा देश हिल गया था लाचार बेबस और नाबालिग लड़कियों के साथ जिस तरीके से यौन शोषण हुआ था उसे लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य की फजीहत हुई थी बिहार सरकार ने साख बचाने के लिए शेल्टर होम मामले को सीबीआई को सौंप दिया था ।
सुशासन का दावा करने वाले नीतीश कुमार ने घटना के बाद कई बड़ी-बड़ी बातें की थी मुख्यमंत्री ने कहा था कि शेल्टर होम अब निजी हाथों में नहीं दिया जाएगा बिहार के तमाम शेल्टर होम को सरकार चलाएगी लेकिन दावा ढकोसला निकला और आज भी सेंटर हूं एनजीओ के माध्यम से संचालित हो रहे हैं 17 शेल्टर होम में गंभीर अनियमितता पाई गई थी जिसमें सिर्फ मुजफ्फरपुर शेल्टर होम को ही ब्लैक लिस्ट कर दिया बाकी के 16 शेल्टर होम को आज भी सरकारी अनुदान मिल रहे हैं


Conclusion: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में एक्टिविस्ट संतोष कुमार ने सीबीआई के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं संतोष कुमार ने कहा है कि जिस तरीके से सीबीआई जांच कर रही है उससे संदेह पैदा होता है मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से गायब लड़की आज भी लापता है और वह मुख्य गवाह थी उसे सीबीआई नहीं ढूंढ पाई है।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा है कि पूरे मामले में लीपापोती की कवायद चल रही है केंद्र और राज्य में कर दोषियों को बचाना चाहते हैं सीबीआई अब तक मूछ वाले और तोंद वाले की तलाश नहीं कर पाई है जगदानंद सिंह ने कहा है कि अगर सीएम नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के अंदर अगर थोड़ी भी शर्म बची हो तो वह इस्तीफा दे दें।
विपक्ष के आरोपों पर जदयू ने पलटवार किया है पार्टी प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा है कि विपक्ष सिर्फ राजनीति करना जानती है विपक्ष की मांग पर मामले को सीबीआई के हवाले किया गया था और अब जब सीबीआई कार्रवाई कर रही है तब विपक्षी खेमे में बेचैनी है ।
Last Updated : Jan 12, 2020, 8:32 AM IST
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