पटना: चारा घोटाला के डोरंडा कोषागार मामले में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव (RJD President Lalu Yadav) को 5 साल की जेल और 60 लाख रुपये जुर्माना देने की सजा सुनाई गई है. अब तक बिहार झारखंड के किसी नेता को जुर्माने के तौर पर इतनी बड़ी रकम देने की सजा नहीं मिली थी. डोरंडा कोषागार मामले (Doranda Treasury Case) में 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी हुई थी. इसी मामले में रांची की सीबीआई कोर्ट ने लालू को यह सजा सुनाई है. लालू यादव को अब तक पांच मामलों में 1 करोड़ 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है. वहीं पांचों मामले में जोड़कर उन्हें 32 साल 6 महीने की सजा सुनाई जा गई है.
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चारा घोटाला से जुड़ा पांचवां केसः 139.35 करोड़ का घोटाला
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़ा यह पांचवां केस है. डोरंडा ट्रेजरी से चारा खरीद के नाम पर हुए 139.35 करोड़ के अवैध निकासी हुई थी. 15 फरवरी को सीबीआई कोर्ट ने लालू को दोषी करार दिया और 21 फरवरी को 5 साल जेल के साथ साथ 60 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है.
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चौथा केस: दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ का घोटाला
ये मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालने का है. सीबीआई कोर्ट ने 24 मार्च 2018 को लालू प्रसाद यादव को इस मामले में अलग-अलग धाराओं में 7-7 साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 30-30 लाख का जुर्माना भी लगा था.
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तीसरा केस : चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ का घोटाला
चाईबासा ट्रेजरी से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपये की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में 1996 में केस दर्ज हुआ था. जिसमें कुल 76 आरोपी थे. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 24 जनवरी 2018 को लालू को दोषी करार देते हुए 5 साल की सजा सुनाई. सजा के साथ-साथ 10 लाख का जुर्माना भी लगा.
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दूसरा केस : देवघर कोषागार से 84.5 लाख का घोटाला
देवघर ट्रेजरी से फर्जी तरीके से 84.5 लाख रुपये अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद को 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराया गया था और 6 जनवरी को साढ़े तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी. साथ ही उनपर 5 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया गया था.
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पहला केस : चाईबासा कोषागार से 37.7 करोड़ का घोटाला
चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा ट्रेजरी मामले में साल 2013 में लालू प्रसाद यादव को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 30 सितंबर 2013 को सभी 45 आरोपियों को दोषी ठहराया था. लालू समेत इन आरोपियों को चाईबासा ट्रेजरी से 37.70 करोड़ रुपये अवैध तरीके से निकालने का दोषी पाया गया था. इस मामले में 3 अक्टूबर 2013 को कोर्ट ने सजा सुनाई थी. लालू प्रसाद को 5 साल की जेल और 25 लाख का जुर्माना देने की सजा सुनाई गई थी.
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