पटना: नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ वामदलों ने बिहार बंद का ऐलान किया था. सुबह से ही बिहार के कई जिलों में बंद का असर देखने को मिला. तो कुछ जिलों में बंद पूरी तरह से बेअसर दिखा.
कई जगह-जगह हंगामा प्रदर्शन जारी है. वहीं, कुछ जगहों से मारपीट की खबरें भी सामने आ रही हैं.
बांका में बेअसर रहा बंद
जिले में बंद पूरी तरह बेअसर रहा. यहां आमजीवन सामान्य रूप से चलता रहा. बंद को लेकर प्रशासन भी पूरी तरह अलर्ट मोड पर रहा. वहीं, पुलिस की चप्पे-चप्पे पर नजर रही. पुलिस के जवान इलाकों में गश्त भी करते रहे.
नहीं नजर आए कई छात्र संगठन
वामपंथ के बुलावे पर बिहार बंद में सिर्फ सीपीआई और सीपीएम के कार्यकर्ता ही नजर आए. जबकि जाप, हम, रालोसपा सहित विभिन्न छात्र संगठन के कार्यकर्ता प्रदर्शन के दौरान बांका की सड़कों पर नहीं दिखे. सड़कों पर प्रदर्शन के दौरान सिर्फ सीपीआई और सीपीएम के कार्यकर्ता ही नजर आए.
खगड़िया में भिड़े जाप कार्यकर्ता और व्यवसायी
बताया जा रहा है कि यहां बंद के दौरान जाप कार्यकर्ता व्यवसायियों से उलझ गए. जिसके बाद बात मारपीट तक पहुंच गई. दोनों ओर से हुई मारपीट में जाप के तीन छात्र नेता और व्यवसायी विकास घायल हो गए. विकास का कहना है कि वह राष्ट्रीय हॉकी टीम के खिलाड़ी रहे हैं. इस तरह के कृत्य को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. वहीं, जाप के किसान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोहर यादव ने पक्ष रखते हुए कहा कि ये असामाजिक तत्व है. जो कि ड्रग्स और कोरेक्स का बिजनेस करता है. बंदी के दौरान वह दुर्व्यवहार कर रहा था. इसलिए चित्रगुप्त नगर पुलिस ने उसको गिरफ्तार किया है. डीएसपी अमर कांत झा ने बताया कि अभी तक किसी की ओर से आवेदन नहीं दिया गया है. आवेदन मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
'हिंदुस्तानी होते हुए भी देना पड़ रहा खुद का परिचन'
वहीं, पूर्व एमएलसी सीपीआई नेता संजय कुमार ने कहा कि वाममोर्चा के बुलावे पर सीएए और एनआरसी के विरोध में भारत और बिहार बंद बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लोगों को बरगलाने का काम कर रही है. वहीं, पूर्व एमएलसी संजय कुमार ने कहा कि हिंदुस्तानी रहते हुए भी खुद का परिचय देना पड़ रहा है कि हम हिंदुस्तानी हैं. इसलिए वामपंथ ने भारत और बिहार बंद बुलाया है. सारे लोग हमारे साथ हैं और एनआरसी का पुरजोर विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को नागरिकता संशोधन बिल वापस लेना होगा. जब तक बिल को वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा.
बेतिया में दिखा बंद का असर
जिले में वामदल की बंदी का असर देखने को मिला. यहां सैकड़ों की तादाद में जुटे वामपंथी पार्टी के कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर तख्ती, बैनर ,लाल झंडा के साथ उतरे सड़क पर उतरे, कार्यकर्ताओ ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध मार्च निकाला. इस दौरान शहर की काफी दुकानें बंद रहीं. सुरक्षा के लिहाज से चप्पे-चप्पे पर पुलिस भी तैनात रही. वहीं, बंद समर्थकों ने बेतिया-बगहा एनएच 27 को स्टेशन चौक पर जाम किया. जिसके चलते कई घंटे आवागमन बाधित रहा.
विरोध मार्च निकाला
बेतिया में सीएए के खिलाफ विरोध मार्च निकाला गया. यह मार्च राज देवड़ी से स्टेशन चौक होते हुए हरिवाटिका चौक तक पहुंचा. इस दौरान प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार से सीएए और एनआरसी को वापस लेने की मांग कर रहे थे. दूसरी तरफ नरकटियागंज अनुमंडल क्षेत्र में भी बंद समर्थक सड़कों पर उतरे और बिहार बंद को लेकर जुलूस निकाला. प्रदर्शनकारियों ने शहर के हाई स्कूल चौक पर सड़क जाम कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. जिसके चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और नरकटियागंज गौनाहा, नरकटियागंज भिखनाठोरी पथ पर घंटों आवागमन बाधित रहा.