पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार लगातार सभी पार्टियों काे बीजेपी के खिलाफ एकजुट करने का अभियान चला रहे हैं. हरियाणा के फतेहाबाद में देवीलाल जयंती के मौके पर आयोजित रैली में भी शामिल हुए. वहां भी विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं से मुलाकात की है और एकजुट होने का आह्वान किया. कांग्रेस को भी साथ लेने की बात कही है. नीतीश कुमार ने यह भी कहा है कि मेरी कोई इच्छा नहीं है हम तो चाहते हैं विपक्ष एकजुट हो जाए विपक्ष एकजुट हो जाएगा तो बीजेपी सत्ता में नहीं आएगी. कांग्रेस को साथ लेने के लिए सोनिया गांधी से भी मुलाकात होना है (Nitish and Lalu reached to meet Sonia Gandhi).
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दूसरी तरफ जदयू नेताओं को दोनों कार्यक्रम से बहुत उम्मीद है. मुख्य प्रवक्ता नीरज का कहना है देवीलाल जयंती कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी जाते रहे हैं, इस बार इसलिए खास है क्योंकि बिहार में महागठबंधन की सरकार है. विपक्षी एकजुटता के लिए लगातार चर्चा हो रही है. ऐसे में इस कार्यक्रम का असर पड़ेगा. वहीं सोनिया गांधी से मुलाकात होगी तो एक तरफ राहुल गांधी की देश जोड़ो यात्रा और दूसरी तरफ विपक्ष को एकजुट करने का कार्यक्रम के सुर मिल रहे हैं.
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नीतीश कुमार ने ऐसे तो प्रधानमंत्री पद की दावेदारी से इनकार किया है, लेकिन पार्टी के नेता लगातार कहते रहे हैं कि नीतीश कुमार में प्रधानमंत्री बनने की योग्यता है. पोस्टर से भी मैसेज देने की कोशिश होती रही है. दूसरी तरफ महागठबंधन के दूसरे सहयोगी चाहे आरजेडी हो या फिर जीतन राम मांझी, नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताते रहे हैं. इसलिए जहां देवीलाल जयंती समारोह में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल हुए है तो दूसरी तरफ नीतीश कुमार के साथ लालू यादव सोनिया गांधी से मुलाकात में साथ निभा रहे हैं. लालू यादव लगातार बीजेपी को सत्ता से उखाड़ फेंकने की बात भी कर रहे हैं.