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तेजस्वी की 'चाल' से विरोधियों में बेचैनी, BJP याद करा रही RJD का शासनकाल

परशुराम जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में तेजस्वी यादव ने बड़ा दांव खेल दिया. अपने पिता की गलती को सुधारने का ऐलान किया. इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा था कि, अगर सरकार बनी तो भूमिहार के साथ ब्राह्मण पर भी ध्यान देंगे. तेजस्वी यादव के इसी बयान पर अब बीजेपी ने पलटवार किया है. पढ़ें पूरी खबर

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव
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Published : May 4, 2022, 10:36 PM IST

पटना: बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) को 'एटूजेड' की पार्टी बनाने में जुटे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नए पैंतरे से जहां विरोधियों में बेचैनी आई है. इस बीच, हालांकि बीजेपी और जेडीयू भी आरजेडी की भाषा में ही जवाब देने में जुटे हैं. दरअसल तेजस्वी मंगलवार को परशुराम जयंती (Tejashwi Yadav in Parshuram Jayanti) के बहाने सवर्णों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.

ये भी पढ़ें : तेजस्वी ने 'भूमिहार-ब्राह्मण समाज' से मांगी माफी, कहा- भरोसा कीजिए, कभी आपका यकीन नहीं तोड़ूंगा

भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के तत्वाधान में आयोजित परशुराम जन्मोत्सव के मौके पर तेजस्वी ने साफ लहजे में कहा कि भूमिहार समाज ने सबको मौका दिया है. आप एकबार भरोसा कीजिए, हम निराश नहीं करेंगे. उन्होंने यहां तक कहा कि हम मिलकर नया बिहार बनाएंगे. उन्होंने भूमिहार जाति के लोगों को रिझाते हुए कहा कि एमएलसी के चुनाव में पांच टिकट भूमिहार ब्राह्मण समाज को दिये, जिसमें तीन जीते. तेजस्वी ने दावा किया कि परशुराम के वंशज साथ दें तो उन्हें सत्ता में आने से कोई रोक नहीं सकता है. एक तरह से देखा जाए तेजस्वी का लक्ष्य किस तरह सवर्ण की इन दो प्रमुख जातियों को अपनी ओर आकर्षित करें. यह भी गौर करने की बात है कि परशुराम जयंती के कई आयोजन में ब्राम्हण और भूमिहार समाज के लोग एक साथ शामिल हुए.

BJP शासनकाल में सवर्णों पर जुल्म ढाए गए - BJP : इधर, बीजेपी याद दिला रही है कि आरजेडी शासन काल में सवर्णों पर कितने तरह के जुल्म ढाए गए. परशुराम जयंती के मौके पर परशुराम सेवा संघ सह राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा द्वारा भी परशुराम जयंती का आयोजन किया गया. इसमें बिहार के कई मंत्री शामिल हुए. बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने कहा कि समाज निर्माण में इस समाज की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि परशुराम ज्ञान और शक्ति के उपासक थे.

''तेजस्वी यादव किस किस बात के लिए प्रायश्चित करेंगे? कहां कहां जाकर माफी मांगेंगे? अपने पिता लालू यादव के कृत्यों पर कहां कहां पर्दा डालेंगे? इतिहास गवाह है कि इनके पिता लालू यादव ने अगड़े समाज खास कर भूमिहार समाज को किस तरह से प्रताड़ित किया था. भले भूमिहार समाज के कुछ भटके हुए लोगो ने तेजस्वी यादव को मंच दे दिया हो लेकिन, उनको नहीं भूलना चाहिए लालू-राबड़ी की सरकार थी तो उन्हें कैसे प्रताड़ित किया गया था. तेजस्वी यादव की ये सोची समझी साजिश है. जिसके तहत ये सत्ता के शीर्ष पर पहुंचना चाहते हैं.'' - मनोज शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

संजय जायसवाल का तेजस्वी पर निशाना : वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि वो सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलना चाहते हैं, लेकिन आरजेडी के शासनकाल में उनके घर से जितनी हत्याएं, अपहरण कराए गए और लूट की घटनाओं को अंजाम दिया गया उसके बारे में भी तेजस्वी बताएं.

इधर, जेडीयू के अध्यक्ष और मुंगेर के सांसद ललन सिंह मोकामा में आयोजित परशुराम जयंती में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किए गए कार्यों का उल्लेख किया. कहा जा रहा है कि आरजेडी के साथ एम वाई (मुस्लिम-यादव) वोटबैंक बना हुआ है, लेकिन पिछड़े अब पूरी तरह गोलबंद नहीं है. ऐसे में तेजस्वी किसी भी हाल में सवर्णों को आकर्षित करने में जुटे हैं.

ये भी पढ़ें : भूमिहारों के बीच बोले ललन सिंह- 'आप लोगों ने जिताया, तभी तो बिहार के CM बने नीतीश कुमार'

भूमिहार-ब्राह्मण को साधने की कोशिश : बता दें भूमिहार समेत सवर्ण बीजेपी के वोटर माने जाते हैं. पिछले कुछ चुनावों में सवर्ण समाज खासकर भूमिहार आरजेडी की तरफ लामबंद होता दिख रहा है. मंगलवार के कार्यक्रम में आकर तेजस्वी ने भूमिहार-ब्राह्मण को साधने की कोशिश की है. बिहार में भूमिहार करीब छह फीसद हैं, जबकि ब्राह्मण पांच फीसद हैं.

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पटना: बिहार में मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी (RJD) को 'एटूजेड' की पार्टी बनाने में जुटे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के नए पैंतरे से जहां विरोधियों में बेचैनी आई है. इस बीच, हालांकि बीजेपी और जेडीयू भी आरजेडी की भाषा में ही जवाब देने में जुटे हैं. दरअसल तेजस्वी मंगलवार को परशुराम जयंती (Tejashwi Yadav in Parshuram Jayanti) के बहाने सवर्णों को रिझाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.

ये भी पढ़ें : तेजस्वी ने 'भूमिहार-ब्राह्मण समाज' से मांगी माफी, कहा- भरोसा कीजिए, कभी आपका यकीन नहीं तोड़ूंगा

भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच के तत्वाधान में आयोजित परशुराम जन्मोत्सव के मौके पर तेजस्वी ने साफ लहजे में कहा कि भूमिहार समाज ने सबको मौका दिया है. आप एकबार भरोसा कीजिए, हम निराश नहीं करेंगे. उन्होंने यहां तक कहा कि हम मिलकर नया बिहार बनाएंगे. उन्होंने भूमिहार जाति के लोगों को रिझाते हुए कहा कि एमएलसी के चुनाव में पांच टिकट भूमिहार ब्राह्मण समाज को दिये, जिसमें तीन जीते. तेजस्वी ने दावा किया कि परशुराम के वंशज साथ दें तो उन्हें सत्ता में आने से कोई रोक नहीं सकता है. एक तरह से देखा जाए तेजस्वी का लक्ष्य किस तरह सवर्ण की इन दो प्रमुख जातियों को अपनी ओर आकर्षित करें. यह भी गौर करने की बात है कि परशुराम जयंती के कई आयोजन में ब्राम्हण और भूमिहार समाज के लोग एक साथ शामिल हुए.

BJP शासनकाल में सवर्णों पर जुल्म ढाए गए - BJP : इधर, बीजेपी याद दिला रही है कि आरजेडी शासन काल में सवर्णों पर कितने तरह के जुल्म ढाए गए. परशुराम जयंती के मौके पर परशुराम सेवा संघ सह राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा द्वारा भी परशुराम जयंती का आयोजन किया गया. इसमें बिहार के कई मंत्री शामिल हुए. बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने कहा कि समाज निर्माण में इस समाज की बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि परशुराम ज्ञान और शक्ति के उपासक थे.

''तेजस्वी यादव किस किस बात के लिए प्रायश्चित करेंगे? कहां कहां जाकर माफी मांगेंगे? अपने पिता लालू यादव के कृत्यों पर कहां कहां पर्दा डालेंगे? इतिहास गवाह है कि इनके पिता लालू यादव ने अगड़े समाज खास कर भूमिहार समाज को किस तरह से प्रताड़ित किया था. भले भूमिहार समाज के कुछ भटके हुए लोगो ने तेजस्वी यादव को मंच दे दिया हो लेकिन, उनको नहीं भूलना चाहिए लालू-राबड़ी की सरकार थी तो उन्हें कैसे प्रताड़ित किया गया था. तेजस्वी यादव की ये सोची समझी साजिश है. जिसके तहत ये सत्ता के शीर्ष पर पहुंचना चाहते हैं.'' - मनोज शर्मा, बीजेपी प्रवक्ता

संजय जायसवाल का तेजस्वी पर निशाना : वहीं, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल (BJP State President Sanjay Jaiswal) ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि यह खुशी की बात है कि वो सभी वर्ग के लोगों को साथ लेकर चलना चाहते हैं, लेकिन आरजेडी के शासनकाल में उनके घर से जितनी हत्याएं, अपहरण कराए गए और लूट की घटनाओं को अंजाम दिया गया उसके बारे में भी तेजस्वी बताएं.

इधर, जेडीयू के अध्यक्ष और मुंगेर के सांसद ललन सिंह मोकामा में आयोजित परशुराम जयंती में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के किए गए कार्यों का उल्लेख किया. कहा जा रहा है कि आरजेडी के साथ एम वाई (मुस्लिम-यादव) वोटबैंक बना हुआ है, लेकिन पिछड़े अब पूरी तरह गोलबंद नहीं है. ऐसे में तेजस्वी किसी भी हाल में सवर्णों को आकर्षित करने में जुटे हैं.

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भूमिहार-ब्राह्मण को साधने की कोशिश : बता दें भूमिहार समेत सवर्ण बीजेपी के वोटर माने जाते हैं. पिछले कुछ चुनावों में सवर्ण समाज खासकर भूमिहार आरजेडी की तरफ लामबंद होता दिख रहा है. मंगलवार के कार्यक्रम में आकर तेजस्वी ने भूमिहार-ब्राह्मण को साधने की कोशिश की है. बिहार में भूमिहार करीब छह फीसद हैं, जबकि ब्राह्मण पांच फीसद हैं.

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