पटना: अग्निपथ योजना को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा (Political in Bihar Over Agneepath Scheme) हुआ है. महागठबंधन नेता छात्रों के समर्थन में मजबूती से खड़े हैं. राजद की ओर से राजभवन मार्च का ऐलान किया गया है तो भाजपा और जदयू नेता भी आमने सामने हैं. दोनों ओर से तलवारें खींच चुकी हैं और बयानों के तीर भी चलाए जा रहे हैं. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल (Bihar BJP State President Sanjay Jaiswal) ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, और पुलिस प्रशासन के रवैया पर गंभीर सवाल खड़े किए. उन्होंने बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि ना तो पुलिस भाजपा नेताओं को सुरक्षा दे पा रही है और ना ही भाजपा दफ्तर महफूज है. लाचार होकर केंद्रीय गृह मंत्रालय को हरकत में आना पड़ा और भाजपा के दर्जनभर नेताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई.
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भाजपा और जदयू के नेता आमने-सामने: सुरक्षा को लेकर भी भाजपा और जदयू में सियासत शुरू हो गई है. भाजपा नेताओं ने दबे जुबान में यह कहा कि बिहार के पुलिस नेताओं को सुरक्षा नहीं दे रही है. लिहाजा केंद्र सरकार को हरकत में आना पड़ा तो जदयू की ओर से भी पलटवार किया गया. पार्टी की ओर से कहा गया कि सुरक्षा की दरकार नेताओं को नहीं छात्रों को है. उनके भविष्य को सुरक्षा देने की जरूरत है. हद तो तब हो गई जब जदयू नेता और पूर्व मंत्री जय कुमार सिंह ने भाजपा को धमकी दे डाली और कहा कि भाजपा फैसला करेगी गठबंधन में रहना है या नहीं.
'संजय जयसवाल ने जो भी सवाल उठाए हैं, वह शत प्रतिशत सही है. और जदयू के जो नेता संजय जयसवाल पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें औकात में रहने की जरूरत है. छोटे दलों को अपनी हैसियत समझने की जरूरत है. दलबदल करने वाले नेताओं को हम तवज्जों नहीं देते हैं.' - नवल किशोर यादव, भाजपा के वरिष्ठ नेता
'बिहार में नेताओं को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है. किन परिस्थिति में नेताओं की सुरक्षा बढ़ाई गई है, मुझे जानकारी नहीं है. जहां तक सुरक्षा का सवाल है तो छात्रों को सुरक्षा देने की जरूरत है और उनके भविष्य को भी सुरक्षित किया जाना चाहिए.' - नीरज कुमार, जदयू प्रवक्ता
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