पटनाः एलोपैथी को लेकर दिए गए योग गुरू बाबा रामदेव के हालिया बयान को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. अब बिहार में भी एलोपैथिक चिकित्सा जगत से जुड़े चिकित्सकों ने भी बाबा के खिलाफ आवाज बुलंद करना शुरू कर दिया हैं. आज देशभर में बाबा रादादेव के बयान को लेकर काला दिवस मनाया जा रहा है. इसी को लेकर पटना के पीएमसीएच में भी डॉक्टर्स हाथ में काली पट्टी बांधकर काम करते दिखाई दिए. वहीं अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने अस्पताल कैंपस में मंगलवार के दिन बाबा रामदेव की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जमकर नारेबाजी भी की है.
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रामदेव के बयान से हुआ डॉक्टरों का अपमान
पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने आरोप लगाया कि रामदेव बाबा के दिए गए बयान से एलोपैथिक चिकित्सा जगत की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए हैं. कोरोना ड्यूटी में जो डॉक्टर शहीद हुए हैं उनका रामदेव बाबा के बयान से अपमान हुआ है.
पीएमसीएच कैंपस में नारेबाजी का नेतृत्व कर रहे जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव डॉ कुंदन सुमन ने कहा कि रामदेव बाबा ने जो बयान दिया है कि जो चिकित्सक अपनी जान नहीं बचा पाए, वह दूसरों की जान क्या बचा पाएंगे? इस बयान से उनके साथ उन डॉक्टरों का भी अपमान हुआ है जो मरीजों का इलाज करते हुए संक्रमित हुए और अपनी जान तक गंवा दी.
"मरीजों के इलाज के लिए चिकित्सक अपनी जान की परवाह किए बिना कार्य करते रहें और ऐसे में कई चिकित्सक गंभीर रूप से संक्रमित हुए हैं और संक्रमण से उनकी मौत हुई हुई है. कोरोना ड्यूटी में तैनात जितने भी चिकित्सकों की कोरोना से मौत हुई है, उन्हें हम शहीद मानते हैं और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मांग है कि सरकार उन चिकित्सकों को पूर्ण रूप से शहीद का दर्जा दे. शहीद चिकित्सकों के परिवार और आश्रितों को सहायता राशि दे." डॉ कुंदन सुमन. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव
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"एक तरफ सरकार वैक्सीनेशन को अधिक से अधिक प्रमोट करने पर लगी हुई है, वहीं दूसरी तरफ बाबा रामदेव बयान देकर वैक्सीनेशन के बारे में भ्रम फैला रहे हैं. जोकि एक तरह से देशद्रोह है. कोरोना की तीसरी और चौथी लहर को रोकना है, तो इसके लिए सबसे अनिवार्य है वैक्सीनेशन और वैक्सीनेशन को लेकर बाबा रामदेव ने जिस प्रकार से भ्रम फैलाया है उसे लेकर सरकार को चुप्पी तोड़नी चाहिए और उनकी गिरफ्तारी कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए." डॉ कुंदन सुमन. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के सचिव
आगे विरोध का रूप बदल सकता है.
डॉ कुंदन सुमन ने कहा कि सरकार अगर बाबा रामदेव के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाती है, तो अभी केवल विरोध के तौर पर काला बिल्ला हाथ में लगाकर हमलोग काम कर रहे हैं. आगे विरोध का रूप और भी दूसरे तरीके का हो सकता है और इसके लिए पूर्ण रूप से सरकार ही जिम्मेदार होगी.