पटनाः पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के इलाज की व्यवस्था की गई है, लेकिन सर्जरी की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में गंभीर स्थिति के मरीजों को एम्स या फिर आईजीआईएमएस में रेफर कर दिया जाता है. वहीं अब अस्पताल में दी जा रही चिकित्सा से संतुष्ट नहीं होने वाले मरीजों का लामा होना भी शुरू हो गया है.
बता दें कि मेडिकल टर्म में लामा होने का अर्थ होता है- (लीव अगेंस्ट मेडिकल एडवाइस) यानि बिना डॉक्टर की एडवाइस के और बिना बताए ही मरीज अस्पताल को छोड़कर दूसरी जगहों पर इलाज के लिए चले जा रहे हैं.
इसे भी पढ़ेंः PMCH में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए नहीं है सर्जरी की सुविधा
शुक्रवार को 3 मरीज लामा हो गए
शुक्रवार के दिन पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के वार्ड से 3 मरीजों के लामा होने की खबर है. सूत्रों की मानें तो मरीज अस्पताल की व्यवस्था से संतुष्ट नहीं थे. पीएमसीएच जैसे प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए सर्जरी की व्यवस्था नहीं होने के कारण अस्पताल से रोजाना काफी संख्या में मरीजों के लामा होने की खबरें सामने आ रही हैं. वहीं अस्पताल भी मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर कर रहा है.
अस्पताल में नहीं है सर्जरी की मशीन
पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के इलाज से जुड़े ईएनटी विभाग के डॉक्टर शाहिन जफर बताते हैं कि ब्लैक फंगस की सर्जरी के लिए जिस मशीन की आवश्यकता है, वह अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. इसे उपलब्ध कराने के लिए अस्पताल प्रबंधन अपनी तरफ से तमाम प्रयास कर रहा है और उम्मीद है कि जल्द ही कुछ ही दिनों में अस्पताल में ब्लैक फंगस की सर्जरी भी शुरू हो जाएगी.
पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के 19 मरीजों का इलाज जारी
वहीं खबर है कि अस्पताल में शुक्रवार को पटना के विक्रम की रहने वाली 70 वर्षीय हमीदा बेगम की मौत ब्लैक फंगस से हो गई. हालांकि पीएमसीएच में शुक्रवार को ब्लैक फंगस के 6 नए मरीज भी एडमिट हुए हैं. जबकि 6 मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर और सर्जरी की आवश्यकता महसूस होने पर उन्हें आईजीआईएमएस और एम्स रेफर कर दिया गया. वर्तमान समय में पीएमसीएच में ब्लैक फंगस के 19 मरीजों का इलाज चल रहा है.