पटनाः पटना हाईकोर्ट के कड़े रूख के बाद ओबरा के सीओ (FIR against Obra CO) और खुदवा के थानाध्यक्ष (FIR against Khudwa si ) के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. गुरुवार 13 अक्टूबर काे औरंगाबाद के डीएम और एसपी ने पटना हाईकोर्ट काे यह जानकारी दी. अतिक्रमण हटाने मामले में गड़बड़ी की शिकायत के बाद हाईकाेर्ट ने डीएम और एसपी काे फटकार लगायी थी. 11 अक्टूबर काे 48 घंटे में प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था. प्राथमिकी नहीं होने पर हिरासत में लिये जा सकने की चेतावनी दी थी.
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डीएम और एसपी कोर्ट में उपस्थित रहेः औरंगाबाद के डीएम और एसपी गुरुवार काे कोर्ट में उपस्थित हो कर इस मामले में की गयी कार्रवाई का ब्योरा पेश किया. कोर्ट ने इस मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि इस तरह के गलत कार्य करने वाले सरकारी अधिकारियो और कर्मचारियों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. कोर्ट इस प्रकार की घटनाओं पर काफी सख्त कार्रवाई करेगा.
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क्या है मामलाः याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अभिषेक कुमार ने बताया कि खुदवा थानाध्यक्ष पर एक महिला को सहयोग देकर पीड़ित और उसके पूरे परिवार पर एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाने का आरोप है. वहीं, इस कांड में ओबरा सीओ की भी भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. हाईकोर्ट के जस्टिस मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 11 अक्टूबर काे 48 घंटे के अंदर आरोपी थानाध्यक्ष और सीओ को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था.