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दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे दो अभियुक्तों को पटना हाई कोर्ट ने किया बरी - ETV Bihar News

उम्रकैद की सजा काट रहे दो अभियुक्त बरी कर दिए गए हैं. पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया है. संदेह का लाभ दोनों अभियुक्तों को मिला है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Patna High Court
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Published : Jun 30, 2022, 4:21 PM IST

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा पाए दो अभियुक्तों को बरी कर (Two Accused Released From Life Sentence In Rape Case) दिया. जस्टिस ए एम बदर एवं जस्टिस राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने हीरा यादव एवं अन्य की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा से मुक्त कर दिया.

ये भी पढ़ें - पटना हाई कोर्ट ने सीनियर सेकेंडरी शिक्षकों की नियुक्ति पर लगाई रोक

क्या आरोप लगाया गया था : पीड़िता ने आरोप लगाया था कि दिनांक 17.04.2001 को जब वह पश्चिम चंपारण स्थित अपने गांव में परिवार के साथ सो रही थी. तभी रात के 11 बजे हीरा यादव एवं दो अन्य अभियुक्त उसके घर में जबरन घुस आए और उसके पिता के साथ मारपीट की. इसके बाद उन लोगों ने उसे घसीट कर खेत में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. इसके विरुद्ध पीड़िता ने दिनांक 18.01.2001 को भितहा थाने में उपरोक्त अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.

संदेह का लाभ देते हुए किया सजामुक्त : इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने इन सभी अभियुक्तों को दोषी मानते हुए 19.02.2014 को आईपीसी की धारा 376(2)(g) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई. अपीलार्थियों की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप से मेडिकल रिपोर्ट मेल नहीं खाता है. इस पूरे मामले में किसी भी स्वतंत्र गवाह का परीक्षण नहीं हुआ है. इस पर खंडपीठ ने संदेह का लाभ देते हुए उक्त दोनों अभियुक्तों को सजामुक्त कर दिया.

पटना : पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने एक महत्वपूर्ण फैसले में दुष्कर्म के आरोप में उम्रकैद की सजा पाए दो अभियुक्तों को बरी कर (Two Accused Released From Life Sentence In Rape Case) दिया. जस्टिस ए एम बदर एवं जस्टिस राजेश कुमार वर्मा की खंडपीठ ने हीरा यादव एवं अन्य की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा से मुक्त कर दिया.

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क्या आरोप लगाया गया था : पीड़िता ने आरोप लगाया था कि दिनांक 17.04.2001 को जब वह पश्चिम चंपारण स्थित अपने गांव में परिवार के साथ सो रही थी. तभी रात के 11 बजे हीरा यादव एवं दो अन्य अभियुक्त उसके घर में जबरन घुस आए और उसके पिता के साथ मारपीट की. इसके बाद उन लोगों ने उसे घसीट कर खेत में ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया. इसके विरुद्ध पीड़िता ने दिनांक 18.01.2001 को भितहा थाने में उपरोक्त अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई.

संदेह का लाभ देते हुए किया सजामुक्त : इसके बाद ट्रायल कोर्ट ने इन सभी अभियुक्तों को दोषी मानते हुए 19.02.2014 को आईपीसी की धारा 376(2)(g) के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई. अपीलार्थियों की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोप से मेडिकल रिपोर्ट मेल नहीं खाता है. इस पूरे मामले में किसी भी स्वतंत्र गवाह का परीक्षण नहीं हुआ है. इस पर खंडपीठ ने संदेह का लाभ देते हुए उक्त दोनों अभियुक्तों को सजामुक्त कर दिया.

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