पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के जज जस्टिस राजेंद्र कुमार मिश्रा (Judge Rajendra Kumar Mishra) सेवानिवृत हो गए हैं. 30 सितंबर तक राजेंद्र कुमार मिश्रा का कार्यकाल था. उनके सेवानिवृत होने के बाद पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस समेत कुल जजों की संख्या 18 रह गई है. पटना हाईकोर्ट में जजों के स्वीकृत पदों की संख्या 53 है, लेकिन अब तक इस संख्या तक जजों के पद नहीं भरे जा सके हैं.
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बिहार के जनसंख्या के अनुपात में वर्तमान जजों की स्वीकृत संख्या 53 से बढ़ाकर कम से कम 75 होनी चाहिए थी, लेकिन अभी स्वीकृत जजों की संख्या के एक तिहाई जज ही कार्यरत हैं. सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने अभी हाल में पटना हाईकोर्ट के जज जस्टिस ए अमानुल्लाह को आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की अनुशंसा की है.
साथ ही हाईकोर्ट से चार जजों के पटना हाईकोर्ट स्थानांतरित करने की भी अनुशंसा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कर दी है. इनमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता, कर्नाटक हाईकोर्ट से जस्टिस पी बी बजनथ्री, राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और केरल हाईकोर्ट से जस्टिस ए एम बदर के नाम शामिल हैं.
इनके अतिरिक्त पटना हाईकोर्ट के वकील कोटा से 6 वकीलों के नाम और बिहार न्यायिक सेवा से दो लोगों के नाम जज की बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने अनुशंसित किया है. वकील कोटा से पटना हाईकोर्ट के जज नियुक्त करने के लिए जिनकी अनुशंसा की गई है, उनके नाम खातीम रजा, संदीप कुमार, अंशुमान पांडे, पूर्णेंदु कुमार सिंह, सत्यव्रत वर्मा और राजेश कुमार वर्मा हैं. न्यायिक सेवा से पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल नवनीत कुमार पांडे और सुनील कुमार पंवार के नाम की भी अनुशंसा की गई है.
अगर ये सभी जज के रूप में अपना योगदान दे देते हैं, तो जजों की संख्या निश्चित रूप से बढ़ेगी. फिर भी जजों के स्वीकृत पदों की संख्या के लगभग आधे पद रिक्त पड़े रहेंगे.
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