ETV Bharat / city

पटना हाईकोर्टः स्काडा के कर्मियों को नहीं दी जा सकती सरकारी पेंशन

पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि स्काडा से सेवानिवृत्त कर्मियों को सरकारी पेंशन (Bihar Pension Rules) का लाभ नहीं दिया जा सकता है. कोर्ट ने यह तय किया कि 1974 में निर्णय लेनेवाली प्राधिकार के रूप में स्काडा ने अस्तित्व खो दिया था. पढ़ें रिपोर्ट...

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट
author img

By

Published : Dec 14, 2021, 10:55 PM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट (Patna High court) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि स्काडा से सेवानिवृत्त कर्मियों को सरकारी पेंशन नहीं दी जा सकती है. जस्टिस मोहित कुमार शाह ने लक्ष्मण किशोर समेत स्काडा (Sone Command Area Development Authority) के 30 से भी ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मियों की ओर से दायर रिट याचिका को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया.

यह भी पढ़ें- सिपाही बर्खास्तगी का मामलाः पटना हाईकोर्ट ने BMP 11 के कमांडेंट को किया तलब, 21 को अगली सुनवाई

इस मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि स्काडा (सोन कमांड एरिया डेवेलपमेंट एजेंसी) कर्मियों की सेवाओं के मामलों में बिहार सर्विस कोड, बिहार पेंशन रूल्स तथा राज्य सरकार की अन्य सेवा शर्तें लागू होंगी. इस मामले में तत्कालीन स्काडा (प्राधिकार) ने 22 जून 1976 को ही एक निर्णय लिया था. ये सभी कर्मी 1975 में नियुक्त हुए थे.

कोर्ट ने यह तय किया कि वर्ष 1974 में निर्णय लेने वाली प्राधिकार के रूप में स्काडा ने अपना अस्तित्व उसी समय खो दिया था. जब वर्ष 1978 में पारित किये गए कानून के तहत स्काडा एजेंसी बन गई. प्राधिकार के निर्णय अथवा आदेश से एजेंसी के कर्मियों की सेवा शर्तें तय नहीं की जा सकती हैं.

यह भी पढ़ें- कोरोना महामारी पर सुनवाई के दौरान HC ने तलब किया केंद्र से ब्यौरा, बिहार को ऑक्सीजन और उपलब्धता की मांगी रिपोर्ट

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटनाः पटना हाईकोर्ट (Patna High court) ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया कि स्काडा से सेवानिवृत्त कर्मियों को सरकारी पेंशन नहीं दी जा सकती है. जस्टिस मोहित कुमार शाह ने लक्ष्मण किशोर समेत स्काडा (Sone Command Area Development Authority) के 30 से भी ज्यादा सेवानिवृत्त कर्मियों की ओर से दायर रिट याचिका को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया.

यह भी पढ़ें- सिपाही बर्खास्तगी का मामलाः पटना हाईकोर्ट ने BMP 11 के कमांडेंट को किया तलब, 21 को अगली सुनवाई

इस मामले में याचिकाकर्ताओं का कहना था कि स्काडा (सोन कमांड एरिया डेवेलपमेंट एजेंसी) कर्मियों की सेवाओं के मामलों में बिहार सर्विस कोड, बिहार पेंशन रूल्स तथा राज्य सरकार की अन्य सेवा शर्तें लागू होंगी. इस मामले में तत्कालीन स्काडा (प्राधिकार) ने 22 जून 1976 को ही एक निर्णय लिया था. ये सभी कर्मी 1975 में नियुक्त हुए थे.

कोर्ट ने यह तय किया कि वर्ष 1974 में निर्णय लेने वाली प्राधिकार के रूप में स्काडा ने अपना अस्तित्व उसी समय खो दिया था. जब वर्ष 1978 में पारित किये गए कानून के तहत स्काडा एजेंसी बन गई. प्राधिकार के निर्णय अथवा आदेश से एजेंसी के कर्मियों की सेवा शर्तें तय नहीं की जा सकती हैं.

यह भी पढ़ें- कोरोना महामारी पर सुनवाई के दौरान HC ने तलब किया केंद्र से ब्यौरा, बिहार को ऑक्सीजन और उपलब्धता की मांगी रिपोर्ट

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.