पटनाः बिहार के मधेपुर जिले में आंगनवाड़ी सेविका की नियुक्ति के लिए कंचन कुमारी उर्फ कंचन देवी के दस्तावेज को फर्जी बताकर उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया गया था. कंचन कुमारी की ओर से इसको लेकर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी थी. मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने मधेपुरा के डीएम को सम्बंधित रिकॉर्ड के साथ 18 मई को हाजिर होने का निर्देश (Patna HC Ordered Madhepura DM To Appear In Kanchan Kumari Case) दिया है. जस्टिस पी बी बजनथरी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की.
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किस अधिकारी ने निर्णय दिया कि सर्टिफिकेट जाली हैः कोर्ट ने डीएम से जानना चाहा है कि किस अधिकारी ने निर्णय दिया कि आवेदिका का सर्टिफिकेट जाली है. क्या सर्टिफिकेट को जाली ठहराने के पूर्व आवेदिका को सुनवाई का अवसर प्रदान किया गया था? आंगनवाड़ी सेविका की नियुक्ति के लिए आवेदिका कंचन कुमारी उर्फ कंचन देवी ने आवेदन किया था. लेकिन उसके सर्टिफिकेट को जाली बताकर उसके आवेदन को स्वीकार नहीं किया गया.
नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत की अवहेलना का आरोपः आवेदिका के वकील प्रमोद मिश्रा ने कोर्ट को बताया कि उसे सुनवाई का अवसर दिए बिना ही मनमाने तरीके से सर्टिफिकेट को जाली बताकर उसकी उम्मीदवारी को अमान्य कर दिया गया जो नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत की अवहेलना है. इस मामले पर 18 मई को फिर सुनवाई होगी. कोर्ट ने सरकारी वकील प्रशांत प्रताप को आदेश की प्रति डीएम को भेजने का निर्देश दिया है.
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