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HC ने राज्य सरकार से कहा- ADJ अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर FIR वापस लें - etv news

पटना हाईकोर्ट ने झंझारपुर एडीजे से मारपीट मामले में सुनवाई (Patna HC Hearing In Jhanjharpur ADJ Assault case) की. मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जज के खिलाफ हुए एफआईआर को वापस लेने का निर्देश दिया. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Aug 4, 2022, 10:34 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार-I पर किये गए, कथित आक्रमण और मारपीट के मामले (Case of Misbehavior with Jhanjharpurs ADJ) सुनवाई की. जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि डीजीपी, बिहार ने एडीजे अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर प्राथमिकी के कार्रवाई पर रोक लगा दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर एफआईआर वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. बुधवार को इस मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी.

ये भी पढ़ें- Muzaffarpur Eye Hospital Case: HC ने अपर मुख्य सचिव को पुनः विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत करने का दिया आदेश

जज से मारपीट मामले में HC में सुनवाई : एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि गलत ढंग से समझने के कारण एडीजे अविनाश कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया. इसे वापस लेने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किसी न्यायिक पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के पहले चीफ जस्टिस की अनुमति जरुरी है. इस मामलें में इस प्रक्रिया का पालन गलतफहमी में नहीं किया जा सका है. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था.

झंझारपुर जज से मारपीट के मामले में HC सख्त : गौरतलब है कि मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया था. साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था. मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की थी. जिला जज मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एसएचओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था.

जज से पुलिस अधिकारियों ने की थी मारपीट : उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार और हाथापाई किया था. इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट किया. साथ ही अपना सर्विस रिवॉल्वर भी निकाल लिया था. इस मामलें में पुलिसकर्मियो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया. पुलिस ने भी जज के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दिया था. लेकिन प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. इस मामले पर अगली सुनवाई सुनवाई 24 अगस्त 2022 को होगी.

एडीजे से मारपीट में पटना हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी : गौरतलब है कि एडीजे से मारपीट के आरोपी घोघरडीहा के पूर्व थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण के बयान पर सात माह बाद झंझारपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई. इस प्राथमिकी में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार, नगर पंचायत के जेई दीपक राज एवं कोर्ट कर्मी अवकाश मिश्रा को नामजद किया गया था. घटना के बाद से ही एडीजे से मारपीट के आरोपी पूर्व थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण एवं उनके सहयोगी एसआइ अभिमन्यु कुमार शर्मा न्यायिक हिरासत में हैं. इस दौरान इनलोगों के जमानत का प्रयास किया गया, लेकिन जमानत मिल नहीं सकी.

पटना: पटना हाईकोर्ट ने झंझारपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार-I पर किये गए, कथित आक्रमण और मारपीट के मामले (Case of Misbehavior with Jhanjharpurs ADJ) सुनवाई की. जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ को राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि डीजीपी, बिहार ने एडीजे अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर प्राथमिकी के कार्रवाई पर रोक लगा दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को अविनाश कुमार के विरुद्ध दायर एफआईआर वापस लेने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. बुधवार को इस मामले पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बिहार पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की थी.

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जज से मारपीट मामले में HC में सुनवाई : एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट को बताया कि गलत ढंग से समझने के कारण एडीजे अविनाश कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया. इसे वापस लेने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारम्भ की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किसी न्यायिक पदाधिकारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के पहले चीफ जस्टिस की अनुमति जरुरी है. इस मामलें में इस प्रक्रिया का पालन गलतफहमी में नहीं किया जा सका है. कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई में मदद करने के लिए वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली को एमिकस क्यूरी नियुक्त किया था.

झंझारपुर जज से मारपीट के मामले में HC सख्त : गौरतलब है कि मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज द्वारा 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया था. साथ ही साथ कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, राज्य के गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था. मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर, 2021 को सुनवाई की थी. जिला जज मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एसएचओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने जज अविनाश के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था.

जज से पुलिस अधिकारियों ने की थी मारपीट : उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार और हाथापाई किया था. इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट किया. साथ ही अपना सर्विस रिवॉल्वर भी निकाल लिया था. इस मामलें में पुलिसकर्मियो के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज किया गया. पुलिस ने भी जज के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर दिया था. लेकिन प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. इस मामले पर अगली सुनवाई सुनवाई 24 अगस्त 2022 को होगी.

एडीजे से मारपीट में पटना हाईकोर्ट ने जताई थी नाराजगी : गौरतलब है कि एडीजे से मारपीट के आरोपी घोघरडीहा के पूर्व थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण के बयान पर सात माह बाद झंझारपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई. इस प्राथमिकी में एडीजे प्रथम अविनाश कुमार, नगर पंचायत के जेई दीपक राज एवं कोर्ट कर्मी अवकाश मिश्रा को नामजद किया गया था. घटना के बाद से ही एडीजे से मारपीट के आरोपी पूर्व थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण एवं उनके सहयोगी एसआइ अभिमन्यु कुमार शर्मा न्यायिक हिरासत में हैं. इस दौरान इनलोगों के जमानत का प्रयास किया गया, लेकिन जमानत मिल नहीं सकी.

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