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स्वच्छता सर्वेक्षण की तिमाही रैंकिंग जारी, पटना को मिला 46वां स्थान - स्वच्छ भारत मिशन की साइट पर बहुत कम डाटा अपलोड किया

स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार को लेकर निगम की ओर से किए जा रहे दावों को लेकर जब ईटीवी भारत ने कुछ इलाकों में पड़ताल की तो कई जगह पर गंदगी का अंबार लगा मिला.

Patna
स्वच्छता सर्वेक्षण की तिमाही रैंकिंग जारी
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Published : Jan 3, 2020, 9:48 PM IST

पटना: स्वच्छता सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी वाला पटना इस बार फिर तिमाही रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुआ है. इस बार पटना को रैंकिंग में 46 वां स्थान मिला है. फाइनल रिपोर्ट मार्च के अंत में आएगी लेकिन इस बार पटना फाइनल रैंकिंग में सुधार करेगा ऐसा दावा नगर निगम की ओर से किया जा रहा है.

कम डाटा अपलोड किया
सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि शहर साफ हो इसके लिए निगम की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. लेकिन हम आपको बता दें कि अभी तक हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना सहित बिहार के निकायों की स्थिति अच्छी नहीं है. इस बार तो हालात और खराब दिख रहे हैं. अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही के आधार पर रैंकिंग का फैसला होना है. जबकि अभी तक राज्य के करीब 20 निकाय ऐसे हैं, जिन्हें स्वच्छ भारत मिशन की साइट पर बहुत कम डाटा अपलोड किया है. जबकि इसी डाटा के आधार पर केंद्रीय एजेंसी जांच करती है.

Patna
सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी

निगम का दावा
निगम का दावा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछली बार हमें जो रैंक मिली थी. इस बार उस रैंक में सुधार होगा और हमारा शहर भी साफ रहेगा. इसके लिए बहुत सी योजनाएं बनाई गई हैं और चलाई भी जा रही हैं. पिछले दिनों तिमाही मे जो रैंक जारी हुई थी. उसमें भी कुछ सुधार हुआ है और सुधार करने के लिए निगम की अध्यक्षता में समीक्षा भी कर रहा है. जितने भी कागज अपलोड करने हैं. उसकी भी प्रक्रिया शुरू की गई है.

निगम ने आम लोगों से की अपील
शहर को साफ रखने के लिए और स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग के सुधार के लिए निगम आम लोगों से अपील भी कर रहा है कि वो निगम की मदद करें. यदि शहर के आम लोग निगम की मदद करना शुरू कर देंगे तो निश्चित तौर पर पटना भी स्वच्छता सर्वेक्षण में आगे आ सकता है.

स्वच्छता सर्वेक्षण की तिमाही रैंकिंग जारी

ईटीवी भारत ने की पड़ताल
स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार को लेकर निगम की ओर से किए जा रहे दावों को लेकर जब ईटीवी भारत ने कुछ इलाकों में पड़ताल की तो कई जगह पर गंदगी का अंबार लगा मिला. बता दें कि निगम शहर की मुख्य सड़को को भले ही साफ रख रहा हो लेकिन लिंक रोड की सड़कों पर गंदगी का अंबार है. लोगों ने बताया कि निगम की ओर से जगह-जगह पर सफाई अभियान भी नहीं चलाया जाता है.

पटना: स्वच्छता सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी वाला पटना इस बार फिर तिमाही रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुआ है. इस बार पटना को रैंकिंग में 46 वां स्थान मिला है. फाइनल रिपोर्ट मार्च के अंत में आएगी लेकिन इस बार पटना फाइनल रैंकिंग में सुधार करेगा ऐसा दावा नगर निगम की ओर से किया जा रहा है.

कम डाटा अपलोड किया
सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि शहर साफ हो इसके लिए निगम की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. लेकिन हम आपको बता दें कि अभी तक हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना सहित बिहार के निकायों की स्थिति अच्छी नहीं है. इस बार तो हालात और खराब दिख रहे हैं. अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही के आधार पर रैंकिंग का फैसला होना है. जबकि अभी तक राज्य के करीब 20 निकाय ऐसे हैं, जिन्हें स्वच्छ भारत मिशन की साइट पर बहुत कम डाटा अपलोड किया है. जबकि इसी डाटा के आधार पर केंद्रीय एजेंसी जांच करती है.

Patna
सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी

निगम का दावा
निगम का दावा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछली बार हमें जो रैंक मिली थी. इस बार उस रैंक में सुधार होगा और हमारा शहर भी साफ रहेगा. इसके लिए बहुत सी योजनाएं बनाई गई हैं और चलाई भी जा रही हैं. पिछले दिनों तिमाही मे जो रैंक जारी हुई थी. उसमें भी कुछ सुधार हुआ है और सुधार करने के लिए निगम की अध्यक्षता में समीक्षा भी कर रहा है. जितने भी कागज अपलोड करने हैं. उसकी भी प्रक्रिया शुरू की गई है.

निगम ने आम लोगों से की अपील
शहर को साफ रखने के लिए और स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग के सुधार के लिए निगम आम लोगों से अपील भी कर रहा है कि वो निगम की मदद करें. यदि शहर के आम लोग निगम की मदद करना शुरू कर देंगे तो निश्चित तौर पर पटना भी स्वच्छता सर्वेक्षण में आगे आ सकता है.

स्वच्छता सर्वेक्षण की तिमाही रैंकिंग जारी

ईटीवी भारत ने की पड़ताल
स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में सुधार को लेकर निगम की ओर से किए जा रहे दावों को लेकर जब ईटीवी भारत ने कुछ इलाकों में पड़ताल की तो कई जगह पर गंदगी का अंबार लगा मिला. बता दें कि निगम शहर की मुख्य सड़को को भले ही साफ रख रहा हो लेकिन लिंक रोड की सड़कों पर गंदगी का अंबार है. लोगों ने बताया कि निगम की ओर से जगह-जगह पर सफाई अभियान भी नहीं चलाया जाता है.

Intro: स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार पिछड़ रहे पटना नगर निगम इस बार अपना रैंकिंग सुधारने में लगा है हालांकि तिमाही रिपोर्ट में कुछ खास प्रोग्रेस नहीं हुआ है लेकिन निगम का दावा है कि फाइनल स्वच्छता सर्वेक्षण काजू रिपोर्ट आएगा उसमें रैकिंग में सुधार होगा


Body:पटना--- आपका शहर सुंदर साफ दिखे इसके लिए सरकार और निगम के तरफ से कई योजना चलाई जाती हैं, स्वच्छता सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी वाला शहर पटना इस बार फिर तिमाही रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुआ है इस बार पटना का 46 वां स्थान मिला है फाइनल रिपोर्ट मार्च के अंत में आएगा लेकिन इस बार फाइनल रैंक में पटना सुधार करेगा यह दावा नगर निगम का है सशक्त स्थाई समिति के सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने कहा है कि शहर साफ हो इसके लिए नियम के तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं लेकिन हम आपको बता दें कि अभी तक हुए स्वच्छता सर्वेक्षण में पटना सहित बिहार के निकायों की स्थिति अच्छी नहीं है इस बार तो हालात और खराब दिख रहे हैं अक्टूबर से दिसंबर की तिमाही के आधार पर रैंकिंग का फैसला होना है जबकि अभी तक राज्य के करीब 20 निकाय ऐसे हैं जिन्हें स्वच्छ भारत मिशन की साइट पर बहुत कम डाटा अपलोड किया है जबकि इसी डाटा के आधार पर केंद्रीय एजेंसी जांच करती है तब रैंकिंग तय की जाएगी कचरा मुक्त शहर की कैटेगरी में जहां कोई भी निकाय मानक पर खरा नहीं उतर रहा है वही सीवरेज की गंदगी के लिए प्रबंधन काम भी कम ही दिख रहा है हालांकि निगम का दावा है कि कचरा प्रबंधन के साथ सीवरेज के काम भी हो रहा है इसके साथ डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और कूड़े का प्रशासक करण का काम शुरू है।


निगम का दावा
निगम का दावा है कि स्वच्छता सर्वेक्षण पिछले बार जो हमें रैंक मिला था इस बार उस रैंक में सुधार होगा और हमारा शहर भी साफ रहेगा इसके लिए बहुत सी योजनाएं बनाई गई हैं और चलाई भी जा रहे हैं, पिछले दिनों तिमाही मे जो रैंक जारी वह है उसमें कुछ सुधार भी हुआ है और सुधार करने के लिए निगम नियर की अध्यक्षता में समीक्षा भी कर रहा है और जितने भी कागज अपलोड करना है उसकी भी प्रक्रिया शुरू की गई है,

निगम ने आम लोगों से की अपील

शहर को साफ रखने के लिए और स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग के सुधार के लिए निगम आम लोगों से अपील भी कर रहा है कि वो निगम की मदद करें, यदि शहर के आम लोग निगम की मदद करना शुरू कर देंगे तो निश्चित ही तौर पर पटना भी स्वच्छता सर्वेक्षण में आगे आ सकता है।

निगम के दावे के बीच ईटीवी भारत में की कुछ जगहों की पड़ताल

स्वच्छता सर्वेक्षण के रैंकिंग में सुधार को लेकर निगम के द्वारा किए जा रहे दावों को लेकर जब हमने कुछ इलाकों में सर्वेक्षण करें निकले तो हमने देखा की उस जगह पर गंदगी का अंबार लगा हुआ है निगम शहर की मुख्य सड़कों को भले ही साफ सुथरा रख रहा हूं लिंग की मुख्य सड़कें से जुड़ी लिंक रोड की हालत बहुत ही खस्ता है निगम के द्वारा जगह पर सफाई अभियान भी नहीं चलाया जाता है चुकी स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम जब पटना आती है तो सड़कों के बजाएं पटना की विभिन्न एरिया में घूम कर सर्वेक्षण करती है उसी के आधार पर अंक देती है।

बाइट--- इंद्रदीप चंद्रवंशी सशक्त स्थाई समिति के सदस्य पटना नगर निगम

ईटीवी भारत की पड़ताल


Conclusion: हम आपको बता दें कि निकायों की रैंकिंग खराब होने का व्यापक असर होता है केंद्र सरकार अपनी तमाम योजनाओं में अच्छी रैंकिंग वाले शहर को ही प्राथमिकता देती है उन्हें निकाय द्वारा ज्यादा सुविधा भी दी जाती है बिहार के सभी निकाय इस मामले में अभी तक बिछड़ते हैं जा रहे हैं अब देखना है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में बिहार के कितने निकाय रैंकिंग में सुधार लाते हैं।

ईटीवी भारत के पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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