ETV Bharat / city

फाइलों में पटना जिला ODF घोषित, फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खुले में शौच जाने को मजबूर

पटना जिले को स्वच्छ भारत मिशन (Swachh Bharat Mission) और लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त जिला फाइलों में घोषित कर दिया गया है, लेकिन आज भी पटना के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं. आगे पढ़िए पूरी रिपोर्ट..

हर घर शौचालय की मांग
हर घर शौचालय की मांग
author img

By

Published : Dec 11, 2021, 7:37 AM IST

पटना: राजधानी पटना के ग्रामीण (Rural Areas of Patna) क्षेत्रों में आज भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है, हालांकि फाइलों में पटना जिले को खुले में शौच मुक्त जिला (ODF) घोषित कर दिया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि, पटना के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे महादलित टोले हैं, जहां आज तक शौचालय नहीं बना है. आज भी लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं.

ये भी पढ़ें- बेतिया: सरकारी कर्मचारी ने तोड़ी शराब ना पीने की शपथ, सड़क पर हंगामा करते लोगों ने पकड़ा

लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त को लेकर कई तरह के सरकार द्वारा कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, यहां तक कि पूरे पटना जिला को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम मसौढ़ी मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर तुलसीचक गांव पहुंची, जहां पर सभी महादलित परिवारों ने सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि आज तक हमारे गांव में शौचालय बनवाने के लिए कोई भी नहीं आया है और हमारे गांव में कई बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां तक कि शौचालय तक की सुविधा नहीं मिली है.

खुले में शौच जाने को मजबूर लोग

तुलसीचक गांव के लोगों ने बताया कि, रात के अंधेरे में किसी तरह से शौच के लिए चले जाते हैं, लेकिन दिन के उजाले में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार घटनाएं भी घट चुकी हैं, पटना के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे महादलित टोले हैं, जहां आज तक शौचालय नहीं बना है, नतीजतन आज भी लोगों को खुले में शौच करने जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- अब घर बैठे देख सकेंगे पटना हाईकोर्ट की कार्यवाही, यूट्यूब पर होगी लाइव स्ट्रीमिंग

वहीं पूरे मामले पर मसौढ़ी प्रखंड के बीएलएस अभय कुमार ने बताया कि महादलित टोला में सबसे बड़ी समस्या जमीन की है, उन लोगों के पास में शौचालय बनाने के लिए जमीन नहीं है, इस वजह से शौचालय नहीं बन पा रहा है, लेकिन सामुदायिक शौचालय बनाने का सरकार के यहां प्रस्ताव भेजा गया है. जैसे ही फंड आएगा, वैसे ही जगह चिन्हित कर समुदायिक शौचालय बनाया जाएगा.

पटना: राजधानी पटना के ग्रामीण (Rural Areas of Patna) क्षेत्रों में आज भी लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है, हालांकि फाइलों में पटना जिले को खुले में शौच मुक्त जिला (ODF) घोषित कर दिया गया है. लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि, पटना के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे महादलित टोले हैं, जहां आज तक शौचालय नहीं बना है. आज भी लोग खुले में शौच जाने को विवश हैं.

ये भी पढ़ें- बेतिया: सरकारी कर्मचारी ने तोड़ी शराब ना पीने की शपथ, सड़क पर हंगामा करते लोगों ने पकड़ा

लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत खुले में शौच मुक्त को लेकर कई तरह के सरकार द्वारा कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, यहां तक कि पूरे पटना जिला को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम मसौढ़ी मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर तुलसीचक गांव पहुंची, जहां पर सभी महादलित परिवारों ने सरकार के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि आज तक हमारे गांव में शौचालय बनवाने के लिए कोई भी नहीं आया है और हमारे गांव में कई बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. यहां तक कि शौचालय तक की सुविधा नहीं मिली है.

खुले में शौच जाने को मजबूर लोग

तुलसीचक गांव के लोगों ने बताया कि, रात के अंधेरे में किसी तरह से शौच के लिए चले जाते हैं, लेकिन दिन के उजाले में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार घटनाएं भी घट चुकी हैं, पटना के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे महादलित टोले हैं, जहां आज तक शौचालय नहीं बना है, नतीजतन आज भी लोगों को खुले में शौच करने जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- अब घर बैठे देख सकेंगे पटना हाईकोर्ट की कार्यवाही, यूट्यूब पर होगी लाइव स्ट्रीमिंग

वहीं पूरे मामले पर मसौढ़ी प्रखंड के बीएलएस अभय कुमार ने बताया कि महादलित टोला में सबसे बड़ी समस्या जमीन की है, उन लोगों के पास में शौचालय बनाने के लिए जमीन नहीं है, इस वजह से शौचालय नहीं बन पा रहा है, लेकिन सामुदायिक शौचालय बनाने का सरकार के यहां प्रस्ताव भेजा गया है. जैसे ही फंड आएगा, वैसे ही जगह चिन्हित कर समुदायिक शौचालय बनाया जाएगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.