पटना: बिहार में नीरा की बिक्री (Neera Sale In Bihar) हो रही है. बिहार सरकार ने शराब के विकल्प के तौर पर 'नीरा' के उत्पादन और बिक्री पर जोर दिया है. खुद सीएम नीतीश समाज सुधार अभियान की सभाओं में नीरा को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बता चुके हैं. नीरा की बिक्री को जहरीली शराब से हो रही मौतों पर काबू पाने का एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. अब पटना जिला प्रशासन इसकी बिक्री बढ़ाने (increasing the sale of Neera) में जुटा है.
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डीएम ने बिक्री बढ़ाने का दिया निर्देश: पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने नीरा का उत्पादन एवं बिक्री (Production and sale of Neera) बढ़ाने का निर्देश दिया है. इस विषय पर आयोजित एक समीक्षात्मक बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने ने कहा कि नीरा के जरिए हजारों परिवारों को जीविकोपार्जन से जोड़ा जा सकता है. नीरा का उत्पादन एवं बिक्री बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करने का निर्देश दिया गया है.
शहर में 20 स्थानों पर बिक्री केंद्र खोलने का आदेश: बैठक में पटना डीएम ने नीरा उत्पादन और बिक्री की प्रगति को लेकर समीक्षा की. जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि पटना में 8 स्थायी काउंटर द्वारा नीरा की बिक्री की जा रही है. डीएम ने शहर में कम-से-कम 20 स्थानों पर बिक्री केंद्र खोलने का आदेश दिया. उन्होंने अस्थाई काउंटर द्वारा विभिन्न जगहों पर स्थान चयनित कर नीरा की बिक्री का निदेश दिया.
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने पटना समाहरणालय के कैंटीन, रजिस्ट्री ऑफिस एवं अन्य भीड़-भाड़ वाले सुगोचर जगहों यथा गांधी मैदान के गेट नंबर 1 एवं 10, पटना चिड़ियाखाना गेट नंबर 1,बिहार म्यूजियम, इको पार्क, मीठापुर बस स्टैंड, जीरो माइल बस अड्डा, बिस्कोमान भवन, सचिवालय भवन (ग्रामीण विकास विभाग), कंकड़बाग टेंपो स्टैंड, स्पोर्ट्स क्लब राजेंद्र नगर, पटना मेडिकल कॉलेज इत्यादि जगहों पर नीरा बिक्री केंद्र खोलने का निदेश दिया. उन्होंने कहा कि नीरा को गांव-गांव से संग्रह कर बिक्री केंद्र पर बेचा जाएगा.
2,000 से 2,500 लीटर प्रतिदिन बिक्री का लक्ष्य: गौरतलब हो कि अभी पटना के अलग-अलग प्रखंडों में कुल 50 नीरा काउंटर पर नीरा का विक्रय किया जा रहा है. कुल 862 सक्रिय टैपर्स को जीविका के सहयोग से मद्य निषेध विभाग, पटना के द्वारा लाइसेंस निर्गत किया जा चुका है. पटना जिला में कुल 2,10,000 लीटर नीरा बिक्री का लक्ष्य रखा गया है. अभी प्रतिदिन लगभग 1,000 लीटर बिक्री हो रही है. डीएम ने 2,000 से 2,500 लीटर प्रतिदिन बिक्री का लक्ष्य प्राप्त करने का निर्देश दिया है. डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि नीरा बिक्री केंद्र खोलने के साथ-साथ इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके.
बैठक से पहले डीएम ने आज सगुना मोड़ पर नीरा काउंटर का उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने चिड़ियाखाना के गेट नंबर दो पर अवस्थित नीरा काउंटर का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए नीरा एक स्वास्थ्य वर्धक प्राकृतिक पेय है. इसका उपयोग सभी उम्र के लोग कर सकते हैं. डीएम डॉ. सिंह ने उत्पादक समूहों के माध्यम से नीरा उत्पादन एवं बिक्री करने वालों को प्रोत्साहित करने का निर्देश दिया. उन्होंने उत्तम प्रशिक्षण के द्वारा दुकानों के माध्यम से नीरा उत्पाद लोगों को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. डीएम ने नीरा के उत्पादन एवं बिक्री को बढ़ाने के लिए मांग-आपूर्ति तंत्र तथा विपणन प्रबंधन को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया है.
नीरा और ताड़ी में अंतर: बहुत से लोग 'नीरा' को 'ताड़ी' समझते हैं. लेकिन इसमें बड़ा ही खास अंतर है. इस अंतर को समझना जरूरी है, क्योंकि जब तक ये ताजा रहती है उसे 'नीरा' कहते हैं. जब यही ताड़ी बासी होती जाती है यानी फर्मेंट (खमनीकरण) होने लगती है तो उसे ताड़ी कहा जाने लगता है. इसलिए पेड़ से निकालकर तुरंत इसका सेवन नीरा का सेवन है. लेकिन जब यही कुछ देर बाद फर्मेंट होकर बाजार में बेची जाती है तो 'अल्कोहलिक' हो जाती है. इसके स्वाद में भी काफी अंतर आ जाता है. नीरा के रूप में इसका स्वाद मीठा होता है जबकि ताड़ी के रूप में ये खट्टी हो जाती है. ताड़ी को इसीलिए सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है. एक शोध के मुताबिक नीरा के इस्तेमाल से कई बीमारियां दूर होती हैं.
कब करें 'नीरा' का सेवन?: चिकित्सक की माने तो नीरा का सेवन सूर्योदय के पहले करें. सूर्योदय के पहले ताड़ या खजूर से उतरने वाली ताड़ी में नीरा के बराबर पौष्टिक होता है. नीरा के सेवन से कई तरह के फायदे हैं. बिहार के फिजीशियन डॉक्टर आशीष कुमार ने कहा कि इसमें 25 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. इस रस से जॉन्डिस और दमा समेत अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने की ताकत होती है. नीरा शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.
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'नीरा' स्वास्थ्य के लिए रामबाण: नीरा में मुख्य रूप से 84.72 प्रतिशत जल रहता है, जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35 प्रतिशत, प्रोटीन 0.10 प्रतिशत, वसा 0.17 प्रतिशत, मिनरल 0.66 प्रतिशत होता है. मिनरल्स में कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम और फॉस्फोरस की प्रचुर मात्रा में मिलती है. साथ ही विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्पलेक्स भी भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. यानि 100 ml नीरा से 110 कैलोरी मिलती है. नीरा न तो अम्लीय है और न ही क्षारीय होती है, ये पानी से थोड़ी ही भारी होती है. सुबह-सुबह नीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.
बिहार में 'नशे' की वापसी?: बड़ा सवाल ये है कि क्या ताड़ी की आड़ में सरकार बैक डोर से 'नशा' बेचने की तैयारी कर रही है? ताजा रहने पर ही नीरा अमृत है, बासी होने पर यह शराब की तरह रिएक्ट करती है. हल्का नशा चढ़ने लगता है. ताड़ी सेहत के लिए हानिकारक है. फिर ये कैसे तय होगा की पीने वाला 'नीरा' पी रहा है कि 'ताड़ी'. नशेड़ियों को आसानी से ताड़ी उपलब्ध हो जाएगी. जिसके लिए बिहार में शराबबंदी लागू की गई घुमाकर वो एक विकल्प के रूप में परोसी जाएगी. फिर शराबबंदी कानून के मकसद का क्या होगा? सरकार ने 5000 करोड़ के राजस्व को दरकिनार कर दारू को बैन किया हुआ है. तो क्या सरकार इसे शराब का विकल्प के रूप में पेश कर रही है ताकि जहरीली शराब से मौत को काबू में किया जा सके? इसका जवाब कौन देगा?
शराब पीने से गंभीर बीमारी: डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट का हवाला देकर सीएम नीतीश कह चुके हैं कि शराब पीने से पूरी दुनिया में प्रत्येक वर्ष 30 लाख लोगों की मौत होती है, जिसमें 20 से 39 आयु वर्ग के लगभग 15 प्रतिशत युवा शामिल हैं. फिर भी लोग सचेत नहीं हो रहे हैं. शराब पीने से कई तरह की गंभीर बीमारी हो रही है और आत्महत्या करने वालों में 18 प्रतिशत शराब पीने वाले होते हैं. सरकार नीरा को हेल्थ के आधार पर मंजूरी दे रही है.
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