पटना: इन दिनों बिहार की राजधानी पटना की हवा जहरीली (Air is Poisonous in Patna) होती जा रही है. पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स (Patna Air Quality Index) 394 के पार पहुंच गया है. जिस वजह से लोगों को सांस लेने समेत कई तरह की समस्याएं होने लगी है. वहीं, विशेषज्ञ भी कहते हैं कि जहरीली हवा के कारण लोगों की सेहत खराब होती चली जा रही है, इस दिशा में सकारात्मक पहल जरूरी है.
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पिछले कई दिनों से राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है. सोमवार को जहां पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 381 था, उसी डिस्प्ले बोर्ड में मंगलवार को 394 देखने को मिला है. लगातार बढ़ रहे एयर क्वालिटी इंडेक्स को अगर देखें तो यह स्पष्ट है कि पटना वासी अब सांस में जहरीली हवा ले रहे हैं.
हालांकि बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड (Bihar State Pollution Board) इसे नियंत्रित करने का लगातार दावा करता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि लगातार पटना में वायु प्रदूषण (Air Pollution in Patna) बढ़ता जा रहा है.
वायु प्रदूषण के कारण शहर के लोगों में तमाम तरह की परेशान भी नजर आने लगी है. बुद्धा कॉलोनी के निवासी धनंजय कुमार का कहना है कि अब तो सड़क पर निकलने में ही डर लगता है. बच्चों को स्कूल जब पहुंचाते रहते हैं तो मोटरसाइकिल के पीछे बैठे बच्चों की आंखों से आंसू तक आ जाते हैं. इसी से समझा जा सकता है कि पटना का हवा कितनी प्रदूषित हो गई है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स को लेकर बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष का कहना है कि सरकार इसका उपाय कर रही है और इसमें समय लग सकता है, लेकिन कब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हो जाएगा उसको लेकर वह कुछ कहने को तैयार नहीं हैं.
वहीं, डॉक्टर भी मानते हैं कि राजधानी पटना में जिस तरह से प्रतिदिन हवा खराब होती जा रही है, वह इंसानों के लिए काफी घातक है. शहर में रहने वाले लोग सांस के रुप में जहरीली हवा ले रहे हैं, इससे कई तरह की बीमारियां भी होती हैं. डॉ. सुनील कुमार सिंह का कहना है कि आंख में जलन, आंख लाल होना, आंखों में कई तरह के इन्फेक्शन वायु प्रदूषण के कारण ही होता है. साथ ही जो सांस की बीमारी से ग्रसित लोग हैं, उन्हें काफी असर पड़ता है. वे कहते हैं कि एक स्वस्थ मनुष्य भी अगर प्रदूषित हवा लेगा तो उन्हें फेफड़े की बीमारी से लेकर कई तरह की बीमारी होने की संभावना रहती है.
राजधानी में कई जगह निर्माण कार्य भी चल रहा है. विशेषज्ञों की मानें तो हवा में धुल कण की मात्रा ज्यादा मिल रही है. यही कारण है कि हवा प्रदूषित हो रही है. ठंड का मौसम है कोहरा भी गिर रहा है और उसमें धूल कण के लिए मात्रा जो है, वह हवा में मिल रही है. पटना में जहां-जहां निर्माण कार्य चल रहा है, अधिकांश जगह गाइडलाइन के अनुसार निर्माण कार्य नहीं किए जाते हैं. सड़क के किनारे धूल कण की स्थिति जस की तस बनी रहती है, यह वायु प्रदूषण का एक कारण है.
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जाहिर है कि भले ही सरकार कुछ भी दावा करें लेकिन फिलहाल जो हालत राजधानी पटना में दिख रही है, उससे लगता है कि पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स में और ज्यादा उछाल होगा और यह 400 से भी पार जा सकता है. ऐसी स्थिति वर्ष 2020 के नवंबर में देखी गई थी. वहीं, जिस तरह ठंड और कोहरे का असर राजधानी में देखा जा रहा है, इससे नहीं लगता है कि एयर क्वॉलिटी इंडेक्स में किसी तरह का सुधार होने वाला है. अब ऐसे में आम लोगों को खुद ही सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है.
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