पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस गुट) की ओर से 8 अक्टूबर को रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) की पहली पुण्यतिथि मनाई जा रही है. जिसको लेकर बिहार के सभी दिग्गज नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने खुद रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से मुलाकात की और उन्हें निमंत्रण दिया. साथ ही वो राज्यपाल फागू चौहान से भी मिले और उन्हें पुण्यतिथि के मौके पर आने का न्योता दिया.
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पशुपति पारस ने मुख्यमंत्री आवास में जाकर सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की और उस समय जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद थे. पारस ने ललन सिंह को भी आमंत्रित दिया है. पारस गुट की ओर से पटना में स्वर्गीय रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि समारोह को भव्य बनाने की तैयारी हो रही है.
इससे पहले पशुपति पारस पूर्व मुख्यमंत्री और हम पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी और वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी को भी निमंत्रण दे चुके हैं. बता दें कि आगामी 8 अक्टूबर को पशुपति कुमार पारस के आवास पर पुण्यतिथि का आयोजन होना है. चिराग पासवान ने भी अपने पिता रामविलास पासवान की दिल्ली में पुण्यतिथि मनाने की बात कही है.
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फिलहाल जो हालात है, उसमें उपचुनाव को लेकर चिराग और पशुपति पारस के बीच फिर से तल्खी बढ़ी हुई है. उपचुनाव में चिराग ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की बात कही थी. वहीं, चुनाव आयोग ने बंगला चुनाव चिन्ह को फ्रीज किया है.
चुनाव चिन्ह को फ्रीज करने को लेकर पशुपति पारस ने दावा किया है कि चुनाव आयोग से उन्होंने ही शिकायत की थी. इसके बाद चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया गया. अब जल्द ही उपचुनाव को लेकर नामांकन भी होना है. ऐसे में चिराग क्या करेंगे, ये समय बताएगा लेकिन फिलहाल चुनाव चिन्ह को लेकर एक बार फिर से चाचा-भतीजा में तनातनी शुरू हो गयी है.
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बताते चलें कि इसी साल जून में लोजपा दो धड़ों में बंट गई थी. पांच सांसदों के साथ रामविलास के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस ने अपने आप को एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर लिया था. अगल-थलग पड़े चिराग पासवान ने पार्टी पर अपनी दावेदारी जताते हुए निर्वाचन आयोग के समक्ष इसकी शिकायत की थी.
लोजपा में टूट के बाद पशुपति पारस गुट और चिराग गुट के बीच पार्टी और पार्टी के चुनाव चिह्न पर कब्जे की जंग चल रही है. दोनों गुट खुद को असली लोजपा और दूसरे को फर्जी बता रहे हैं. बिहार में मुंगेर जिले के तारापुर और दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान सीट पर विधानसभा का उपचुनाव होगा. दोनों गुटों ने दोनों सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि अब दोनों गुटों के चुनाव चिह्न अलग होंगे. दोनों को सिंबल चुनने का मौका दिया जाएगा.