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शाह - नीतीश की साझा सभा पर विपक्ष का हमला- खत्म हो गया है CM का राजनीतिक सिद्धांत - Rajesh Rathore

आरजेडी नेता शिवचंद्र राम ने  कहा कि नीतीश कुमार के पास कोई नीति नहीं बची है. सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए कहीं और किसी भी मंच पर जा सकते हैं. कांग्रेस ने भी नीतीश कुमार पर चुटकी ली राजेश राठौर ने कहा कि घोटालों से बचने के लिए नीतीश कुमार आरएसएस की गोद में बैठकर खेल रहे हैं.

opposition lashes out at cm nitish
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Published : Feb 2, 2020, 11:22 AM IST

पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव में जेडीयू और एलजेपी भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं. दोनों पार्टियों ने बीजेपी के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसी सिलसिले में रविवार को सीएम नीतीश कुमार गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ संगम विहार और बुराड़ी में सभा करेंगे. इस सभा पर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है. विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सीएम नीतीश कुमार के पास कोई राजनीतिक सिद्धांत या नीति ही नहीं बची है. कुर्सी बचाने के लिए वे कहीं भी जाएंगे.

नीतीश पर आरजेडी का हमला
आरजेडी नेता शिवचंद्र राम ने कहा कि नीतीश कुमार के पास कोई नीति नहीं बची है. सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए कहीं और किसी भी मंच पर जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब सीएए एनआरसी और एनपीआर को लेकर अमित शाह वैशाली पहुंचे थे, तब उस दौरान सीएम नीतीश ने उनका स्वागत क्यों नहीं किया. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर नीतीश कुमार की क्या मजबूरी थी कि बिहार में गृह मंत्री के साथ मंच साझा नहीं किया और दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक साथ सभा करने के लिए चले जाते हैं. इसलिए बीजेपी और जेडीयू के पास कोई सिद्धांत नहीं है ये लोग सिर्फ कुर्सी के लिए किसी के साथ समझौता कर सकते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कांग्रेस का नीतीश पर आरोप
वही कांग्रेस ने भी नीतीश कुमार पर चुटकी ली. पार्टी प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही कहती आ रही है कि नीतीश कुमार आरएसएस की गोद में बैठकर खेल रहे हैं. बिहार में कई तरह के घोटाले हुए हैं उन घोटालों से बचने के लिए नीतीश कुमार किसी भी हद तक जा सकते हैं. 2015 में प्रधानमंत्री ने चुनावी प्रचार के दौरान 50 घोटाले गिनाए थे, उन घोटालों से बचने के लिए ही नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ समझौता कर लिया और आज इन सभी घोटालों से बचने के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं.

पटना: दिल्ली विधानसभा चुनाव में जेडीयू और एलजेपी भी अपनी किस्मत आजमा रही हैं. दोनों पार्टियों ने बीजेपी के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है. इसी सिलसिले में रविवार को सीएम नीतीश कुमार गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ संगम विहार और बुराड़ी में सभा करेंगे. इस सभा पर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है. विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सीएम नीतीश कुमार के पास कोई राजनीतिक सिद्धांत या नीति ही नहीं बची है. कुर्सी बचाने के लिए वे कहीं भी जाएंगे.

नीतीश पर आरजेडी का हमला
आरजेडी नेता शिवचंद्र राम ने कहा कि नीतीश कुमार के पास कोई नीति नहीं बची है. सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए कहीं और किसी भी मंच पर जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि जब सीएए एनआरसी और एनपीआर को लेकर अमित शाह वैशाली पहुंचे थे, तब उस दौरान सीएम नीतीश ने उनका स्वागत क्यों नहीं किया. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि आखिर नीतीश कुमार की क्या मजबूरी थी कि बिहार में गृह मंत्री के साथ मंच साझा नहीं किया और दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक साथ सभा करने के लिए चले जाते हैं. इसलिए बीजेपी और जेडीयू के पास कोई सिद्धांत नहीं है ये लोग सिर्फ कुर्सी के लिए किसी के साथ समझौता कर सकते हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कांग्रेस का नीतीश पर आरोप
वही कांग्रेस ने भी नीतीश कुमार पर चुटकी ली. पार्टी प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही कहती आ रही है कि नीतीश कुमार आरएसएस की गोद में बैठकर खेल रहे हैं. बिहार में कई तरह के घोटाले हुए हैं उन घोटालों से बचने के लिए नीतीश कुमार किसी भी हद तक जा सकते हैं. 2015 में प्रधानमंत्री ने चुनावी प्रचार के दौरान 50 घोटाले गिनाए थे, उन घोटालों से बचने के लिए ही नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ समझौता कर लिया और आज इन सभी घोटालों से बचने के लिए वे कुछ भी कर सकते हैं.

Intro:दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए नीतीश शाह एक साथ करेंगे मंच साझा विपक्ष ने लिया चुटकी कहा नीतीश के पास कोई नीति नहीं


Body:पटना-- दिल्ली विधानसभा चुनाव में सारे राजनीतिक दल चुनाव जीतने के लिए अंधाधुन चुनाव प्रचार करने में जुटे हुए हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टक्कर देने के लिए यूपीए और एनडीए में दिल्ली विधानसभा चुनाव में छोटे दलों के साथ गठबंधन किया है एनडीए में बिहार से नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू और रामविलास पासवान की पार्टी एलजेपी गठबंधन करके दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रही है तो वही कांग्रेस ने आरजेडी से गठबंधन किया है प्रशांत किशोर के प्रकरण के बाद नीतीश कुमार गृह मंत्री अमित शाह के साथ पहली बार मंच साझा करेंगे नीतीश कुमार अमित शाह के मंच साझा को लेकर बिहार की राजनीति गर्म हो गई है विपक्षी दलों ने नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा है कि नीतीश कुमार के पास कोई राजनीतिक सिद्धांत कहे या नीतीश कुमार के पास कोई नीति ही नहीं बची है।

नीतीश पर आरजेडी का हमला

अमित शाह के साथ नीतीश कुमार पहली बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मंच साझा करते हुए एनडीए गठबंधन के प्रत्याशी के लिए लोगों से वोट के लिए अपील करेंगे नीतीश कुमार और अमित शाह एक साथ मंच साझा को लेकर आरजेडी नेता पूर्व मंत्री शिवचंद्र राम ने हमला बोला है कहां है कि नीतीश कुमार के पास कोई नीति नहीं बची है सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए कहीं और किसी भी मंच पर जा सकते हैं। जब आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अमित शाह के साथ दिल्ली विधानसभा चुनाव में मंच साझा करेंगे उससे पहले सीए एनआरसी और एनपीआर को लेकर अमित शाह बिहार आए थे वैशाली में इस कानून को लेकर जन जागरण रैली भी किए थे तो कम से कम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यहां पर भी मंच साझा करना चाहिए था आखिर नीतीश कुमार की क्या मजबूरी थी कि बिहार में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मंच साझा नहीं करते हैं और दिल्ली विधानसभा चुनाव में मंच साझा करने के लिए चले जाते हैं इसलिए भारतीय जनता पार्टी और जदयू के पास कोई सिद्धांत नहीं है यह लोग सिर्फ कुर्सी के लिए किसी के साथ समझौता कर सकते हैं।

नीतीश पर कांग्रेस ने ली चुटकी

वही कांग्रेस पार्टी ने भी नीतीश कुमार पर चुटकी लेते हुए कहा है कि हमारी पार्टी शुरू से ही कहती आ रही है कि नीतीश कुमार आर एस एस के गोद में बैठकर खेल रहे हैं क्योंकि बिहार में कई प्रकार के घोटाले हुए हैं उन घोटालों से बचने के लिए नीतीश कुमार किसी भी हद तक जा सकते हैं चुकी जब नीतीश कुमार 2015 में यूपीए गठबंधन के साथ चुनाव लड़े थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव प्रचार के लिए बिहार आए थे एक मंच से प्रधानमंत्री ने 50 घोटाले गिनाए थे उन घोटालों से बचने के लिए नीतीश कुमार बीजेपी के साथ समझौता कर लिए और आज इन सभी घोटालों से बचने के लिए नीतीश कुमार कुछ भी कर सकते हैं।

बाइट--- शिवचंद्र राम नेता आरजेडी

बाइट--- राजेश राठौर प्रवक्ता कांग्रेस


Conclusion:हम आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे इस चुनाव को जीतने के लिए एनडीए ने भी बिहार के दो छोटे दल जदयू और एलजेपी से गठबंधन किया है तो वहीं यूपीए में भी आरजेडी के साथ गठबंधन करके दिल्ली विधानसभा चुनाव में ताल ठोक रही है अब देखने वाली बात होगी कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को एनडीए और यूपीए गठबंधन कितना टक्कर दे पाती है।

ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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