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Patna Terror Module : बदला लेने के लिए तैयार किया संगठन, निशाने पर थे नूपुर शर्मा और उनके समर्थक

गुरुवार को पटना में बहुत बड़ी आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे में गड़बड़ी फैलाने की साजिश थी. इसके लिए 15 दिनों से संदिग्ध आतंकियों को ट्रेनिंग दी जा रही थी. तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनका कनेक्शन PFI से जुड़ रहा है. इस केस में पटना के फुलवारी शरीफ में एक FIR भी दर्ज किया गया है, जिसमें नूपुर शर्मा का भी जिक्र है. पढ़ें

nupur sharma
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Published : Jul 14, 2022, 10:33 PM IST

पटना: बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर देश विरोधी साजिश का भंडाफोड़ (Bihar Police Busts Terror Module) कर दिया. पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. बुधवार को पुलिस ने नयाटोला में चलाए जा रहे एक कार्यालय में छापेमारी कर दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जबकि गुरुवार को तीसरे की गिरफ्तारी की गई. कार्यालय से पुलिस को कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं.

ये भी पढ़ें - 'PFI में RSS की तरह ट्रेनिंग दी जाती है..' ये क्या बोल गए पटना SSP

बरामद दस्तावेज में नूपुर शर्मा का जिक्र : खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इनके इरादे काफी खतरनाक थे. दोनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य हैं और इनके पास से दस्तावेज बरामद किए गए हैं. दोनों के खिलाफ दायर एफआईआर में लिखा है कि 11 जुलाई को खुफिया एजेंसी को गुप्त सूचना मिली थी फुलवारीशरीफ थाना अंतर्गत कुछ संदिग्ध गड़बड़ी करने के मकसद से इकट्टा हुए हैं, उन्हें एक पखवाड़े से ट्रेनिंग भी दी जा रही थी. संदिग्‍ध आतंकियों की फुलवारीशरीफ में दंगा फैलाने की भी योजना थी, लेकिन सतर्क खुफिया एजेंसी ने संदिग्‍धों की साजिश को समय रहते ही डिकोड कर लिया. एफआईआर के मुताबिक मिले दस्तावेज में लिखा है कि ''नूपुर शर्मा के द्वारा जो धर्म पर अपशब्द बोला गया है उसका बदला लेने की जो मुहिम चली है उसमें कुल 26 लोग हैं.''

पीएम मोदी के आने के दिन आतंकियों ने रची थी बड़ी साजिश : इतना ही नहीं, बीते 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना आने के दिन इन्होंने बड़ी साजिश प्लान की थी. उनका मकसद पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान गड़बड़ी पैदा करना था. इस बाबत अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन ने संदिग्धों के साथ एक गुप्त मीटिंग भी की थी. इसकी जानकारी पुलिस को 11 जुलाई की शाम हो गई थी. पुलिस ने उसी दिन कार्रवाई की और अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को धर दबोचा. इस बात का खुलासा पटना पुलिस की तरफ से दर्ज उस FIR में हुआ है, जो फुलवारी शरीफ पुलिस ने 12 जुलाई को दर्ज की है.

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज व अरमान मलिक के रूप में हुई है. अरमान मलिक प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित करता था. ढिल्लो ने बताया, ''ये सभी भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कार्ययोजना पर भी काम कर रहे थे. इनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें 26 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. इनमें से अधिकांश लोग बिहार के हैं, जबकि कुछ लोग बिहार के बाहर के भी हैं.''

एसएसपी ने बताया कि इस संगठन को हमलोग काफी समय से फॉलो कर रहे थे. हमारे अलावा कई और सुरक्षा एजेंसियों के पास इनको लेकर इनपुट थे. प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर भी हमें कई इनपुट मिले थे, जिनके आधार पर हमने छापेमारी की. पुलिस को तलाशी के दौरान पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मिशन 2047 का भी भंडाफोड़ हुआ है.

गिरफ्तार संदिग्धों के मॉड्यूल का खुलासा करते हुए पटना एसएसपी ने कहा कि ये लोग मदरसे, मस्जिदों में युवाओं को कठोरता की ओर मोबिलाइज करते थे और उन बच्चों को कट्टर बना रहे थे. उन्होंने और स्पष्ट करते हुए कहा कि ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने एजेंडे और प्रोपोगेंडे के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे.

फुलवारीशरीफ के सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर की गई छापेमारी के बाद कई दस्तावेज, झंडा, पैंपलेट, बुकलेट बरामद हुए हैं, जो मिशन से जुड़ा है. ये दस्तावेज 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने से जुड़े हुए हैं. एएसपी ने बताया कि यहां दूसरे राज्यों से प्रशिक्षक और छात्र आते थे और प्रशिक्षण का कार्य भी चलता था. सूत्रों का मानना है कि गिरफ्तार लोग सिमी के गिरफ्तार लोगों की जमानत दिलवाने में भी मदद करते थे और सिमी और पीएफआई की बैठकों में शामिल होता था.

बताया जाता है कि दूसरे राज्यों से यहां लोगों का आना जाना था. बरामद दस्तावेजों में दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने की अपील भी की गई है. सूत्रों के मुताबिक अन्य देशों से फंडिंग की भी कागजात पुष्टि कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर परवेज पटना में बन ब्लास्ट की आतंकी घटना में शामिल था और फिलहाल जेल में है. फिलहाल, अभी पुलिस और गहन जांच कर रही है और इनके और जुड़े तारों को खंगाला जा रहा है.

Note : ईटीवी भारत के पास इस केस की एफआईआर की कॉपी है. जिसे पटना के फुलवारी शरीफ के थानेदार के बयान पर दर्ज किया गया है और इसी FIR में इन बातों का खुलासा हुआ है.

पटना: बिहार पुलिस ने पटना के फुलवारी शरीफ में छापेमारी कर देश विरोधी साजिश का भंडाफोड़ (Bihar Police Busts Terror Module) कर दिया. पुलिस ने अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. बुधवार को पुलिस ने नयाटोला में चलाए जा रहे एक कार्यालय में छापेमारी कर दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जबकि गुरुवार को तीसरे की गिरफ्तारी की गई. कार्यालय से पुलिस को कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए हैं.

ये भी पढ़ें - 'PFI में RSS की तरह ट्रेनिंग दी जाती है..' ये क्या बोल गए पटना SSP

बरामद दस्तावेज में नूपुर शर्मा का जिक्र : खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इनके इरादे काफी खतरनाक थे. दोनों पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्य हैं और इनके पास से दस्तावेज बरामद किए गए हैं. दोनों के खिलाफ दायर एफआईआर में लिखा है कि 11 जुलाई को खुफिया एजेंसी को गुप्त सूचना मिली थी फुलवारीशरीफ थाना अंतर्गत कुछ संदिग्ध गड़बड़ी करने के मकसद से इकट्टा हुए हैं, उन्हें एक पखवाड़े से ट्रेनिंग भी दी जा रही थी. संदिग्‍ध आतंकियों की फुलवारीशरीफ में दंगा फैलाने की भी योजना थी, लेकिन सतर्क खुफिया एजेंसी ने संदिग्‍धों की साजिश को समय रहते ही डिकोड कर लिया. एफआईआर के मुताबिक मिले दस्तावेज में लिखा है कि ''नूपुर शर्मा के द्वारा जो धर्म पर अपशब्द बोला गया है उसका बदला लेने की जो मुहिम चली है उसमें कुल 26 लोग हैं.''

पीएम मोदी के आने के दिन आतंकियों ने रची थी बड़ी साजिश : इतना ही नहीं, बीते 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना आने के दिन इन्होंने बड़ी साजिश प्लान की थी. उनका मकसद पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम के दौरान गड़बड़ी पैदा करना था. इस बाबत अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन ने संदिग्धों के साथ एक गुप्त मीटिंग भी की थी. इसकी जानकारी पुलिस को 11 जुलाई की शाम हो गई थी. पुलिस ने उसी दिन कार्रवाई की और अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को धर दबोचा. इस बात का खुलासा पटना पुलिस की तरफ से दर्ज उस FIR में हुआ है, जो फुलवारी शरीफ पुलिस ने 12 जुलाई को दर्ज की है.

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लो ने गुरुवार को बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज व अरमान मलिक के रूप में हुई है. अरमान मलिक प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित करता था. ढिल्लो ने बताया, ''ये सभी भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की कार्ययोजना पर भी काम कर रहे थे. इनके पास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं. इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें 26 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है. इनमें से अधिकांश लोग बिहार के हैं, जबकि कुछ लोग बिहार के बाहर के भी हैं.''

एसएसपी ने बताया कि इस संगठन को हमलोग काफी समय से फॉलो कर रहे थे. हमारे अलावा कई और सुरक्षा एजेंसियों के पास इनको लेकर इनपुट थे. प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर भी हमें कई इनपुट मिले थे, जिनके आधार पर हमने छापेमारी की. पुलिस को तलाशी के दौरान पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के मिशन 2047 का भी भंडाफोड़ हुआ है.

गिरफ्तार संदिग्धों के मॉड्यूल का खुलासा करते हुए पटना एसएसपी ने कहा कि ये लोग मदरसे, मस्जिदों में युवाओं को कठोरता की ओर मोबिलाइज करते थे और उन बच्चों को कट्टर बना रहे थे. उन्होंने और स्पष्ट करते हुए कहा कि ये फिजिकल ट्रेनिंग के नाम पर यूथ को प्रशिक्षण दे रहे थे और अपने एजेंडे और प्रोपोगेंडे के माध्यम से ब्रेनवाश कर रहे थे.

फुलवारीशरीफ के सहायक पुलिस अधीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर की गई छापेमारी के बाद कई दस्तावेज, झंडा, पैंपलेट, बुकलेट बरामद हुए हैं, जो मिशन से जुड़ा है. ये दस्तावेज 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने से जुड़े हुए हैं. एएसपी ने बताया कि यहां दूसरे राज्यों से प्रशिक्षक और छात्र आते थे और प्रशिक्षण का कार्य भी चलता था. सूत्रों का मानना है कि गिरफ्तार लोग सिमी के गिरफ्तार लोगों की जमानत दिलवाने में भी मदद करते थे और सिमी और पीएफआई की बैठकों में शामिल होता था.

बताया जाता है कि दूसरे राज्यों से यहां लोगों का आना जाना था. बरामद दस्तावेजों में दो समुदायों के बीच विद्वेष फैलाने की अपील भी की गई है. सूत्रों के मुताबिक अन्य देशों से फंडिंग की भी कागजात पुष्टि कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तार अतहर का भाई मंजर परवेज पटना में बन ब्लास्ट की आतंकी घटना में शामिल था और फिलहाल जेल में है. फिलहाल, अभी पुलिस और गहन जांच कर रही है और इनके और जुड़े तारों को खंगाला जा रहा है.

Note : ईटीवी भारत के पास इस केस की एफआईआर की कॉपी है. जिसे पटना के फुलवारी शरीफ के थानेदार के बयान पर दर्ज किया गया है और इसी FIR में इन बातों का खुलासा हुआ है.

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