पटना: पटना में डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. रोजाना करीब 150 नए मामले सामने आ रहे हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे प्रदेश में जहां चार हजार के करीब डेंगू के मरीज हैं, वहीं पटना में इनकी संख्या 2600 से अधिक है. जैसे-जैसे डेंगू के मामले पटना में बढ़ रहे हैं (dengue case in patna ) अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. प्लेटलेट्स की संख्या घटने पर मरीज अस्पताल में एडमिट हो रहे हैं.
इसे भी पढ़ेंः बिहार में डेंगू के डंक से लोग परेशान, बकरी के दूध की बढ़ी डिमांड
प्लेटलेट्स की कालाबाजारी रोकने के लिए मजिस्ट्रेटः प्लेटलेट्स की कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला प्रशासन की ओर से 16 मजिस्ट्रेट और डॉक्टरों की तैनाती की गई है. वे ब्लड बैंक की गतिविधि पर नजर रखे हुए हैं. पटना के तमाम बड़े प्राइवेट अस्पतालों में भी डेंगू मरीजों के लिए मुश्किल से बेड उपलब्ध हो पा रहा है. पटना के निजी अस्पतालों में एडमिट मरीजों में लगभग 25 फ़ीसदी संख्या डेंगू मरीजों की है. पटना के विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में लगभग डेढ़ सौ से अधिक डेंगू के मरीज (dengue case in patna ) एडमिट हैं. वही सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में भी लगभग 110 के करीब मरीजों का इलाज चल रहा है.
इसे भी पढ़ेंः पूर्व मंत्री नितिन नवीन ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लिखा पत्र, जानें वजह
पीएमसीएच में डेंगू मरीजों के लिए 100 बेडः पीएमसीएच में डेंगू मरीजों के लिए 100 बेड की व्यवस्था की गई है. एनएमसीएच में 75 बेड, आईजीआईएमएस में 50 बेड और एम्स में 66 बेड की व्यवस्था है. पीएमसीएच की बात करें तो पीएमसीएच में शुक्रवार सुबह तक अस्पताल के टाटा वार्ड के प्रथम तल पर बने डेंगू वार्ड में सभी 47 बेड फुल थे. दोपहर में तबीयत में सुधार होने के बाद अस्पताल ने कुल 12 मरीजों को डिस्चार्ज किया. अभी भी पीएमसीएच के टाटा वार्ड में बने डेंगू वार्ड में 35 मरीजों का इलाज चल रहा है. कुछ मरीजों को प्लेटलेट चलाए जा रहे हैं तो बाकी मरीजों को स्लाइन चढ़ाया जा रहा है.
डेंगू के लक्षण
- त्वचा पर चकत्ते
- तेज सिर दर्द
- पीठ दर्द
- आंखों में दर्द
- तेज बुखार
- मसूड़ों से खून बहना
- नाक से खून बहना
- जोड़ों में दर्द
- उल्टी
- डायरिया
सभी बेड पर मच्छरदानी लगायाः पीएमसीएच में सभी बेड पर मच्छरदानी लगाया गया है. डॉक्टर मरीजों को समझा रहे हैं कि उन्हें मच्छरदानी के अंदर ही रहना है, ताकि उनके परिजन डेंगू की चपेट में ना आए. अगर डेंगू मरीज को कोई मच्छर काटता है और वह मच्छर किसी दूसरे स्वस्थ आदमी को काटता है तो उसमें भी डेंगू के संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता है. पीएमसीएच के डेंगू वार्ड में अपने छोटे भाई की पत्नी का इलाज करा रहे प्रमोद कुमार ने बताया कि उनके भाई की पत्नी का तबीयत काफी खराब हो गयी थी. प्लेटलेट्स काफी कम हो गया था जिसके बाद यहां एडमिट करना पड़ा है.
- डेंगू से बचाव के उपाय
- एडिज मच्छर दिन के समय काटता है. इसलिए दिन में भी मच्छरों की क्रीम लगाकर रखें.
- मच्छरों वाली जगह पर शरीर को ढक कर रखें.
- घर के अंदर और आस-पास सफाई रखें.
- अपने पास कूलर, गमले और टायर आदि में पानी ना भरे रहने दें.
- कूलर या पानी वाली जगहों पर किरासन तेल या मच्छर भगाने का पाउडर छिड़कर रखें.
- पानी की टंकियों को सही तरीके से ढंक कर रखें.
- खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं.
- अपने आस-पास सफाई बनाएं रखें
मरीजों की हालत में हो रहा सुधारः अपने बेटे का पीएमसीएच के डेंगू वार्ड में इलाज करा रहे अशोक कुमार ने बताया कि वे लोग छपरा जिले के रहने वाले हैं. वह हैदराबाद से पटना यह सुनकर पहुंचे कि उनका बेटा एडमिट है. उनका बेटा 21 साल का है और उसे चार यूनिट प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ी है. प्लेटलेटस चढ़ाने के बाद अब धीरे-धीरे तबीयत में सुधार हो रहा है. डेंगू वार्ड में पीड़ित 19 वर्षीय भाई के बगल में बैठे राजू ने बताया कि उनके भाई का प्लेटलेट्स गिरकर 21000 पर पहुंच गया था. इसके बाद पीएमसीएच में एडमिट करना पड़ा. यहां के ट्रीटमेंट से सुधार हुआ है और प्लेटलेट्स अब 35000 पर आ गया है.
डेंगू के मरीज इन बातों का ध्यान रखें
- डेंगू के मरीज शरीर को ढक कर रखें.
- ध्यान रखें कि आपको कोई मच्छर ना काटे, वरना आपके शरीर का वायरस दूसरों तक पहुंच जाएगा.
- अगर आपको डेंगू के लक्षण लगें हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
- खुद से कोई दवा ना लें. शुरुआत में आप कम एमजी की पेरासिटामोल ले सकते हैं.
- डेंगू वायरस से लोगों को बचाने के कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए डॉक्टर की बातों को नजरअंदाज ना करें और खाने-पीने का पूरा ध्यान रखें.
डॉक्टर ने दी सलाहः पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ राणा एनके सिंह ने कहा कि पटना में डेंगू भी फैला हुआ है और वायरल फीवर भी है. दोनों का लक्षण लगभग एक ही है लेकिन अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. अगर किसी को फीवर होता है तो उसे यह प्रयास करना है कि उसका टेंपरेचर 100 डिग्री से नीचे रहे. इसके लिए जरूरी है कि जब बुखार चढ़े तो 650mg का पेरासिटामोल का टेबलेट खा लें. इसके बाद भी यदि बुखार कम नहीं होता है तो गीले कपड़े का पट्टा लगाएं और बदन को गीले कपड़े से पोछे. एस्प्रिन और ब्रूफेन की गोली भूल कर भी सेवन ना करें. तबीयत अधिक अधिक खराब होने पर चिकित्सीय परामर्श लें.
डेंगू से लड़ने के लिए कुछ घरेलू उपाय
- अदरक की चाय और ग्रीन टी काफी लाभदायक होती है.
- बर्फ का पैक दर्द में आराम पहुंचाता है.
- गिलोय, बेल का जूस बुखार से लड़ने में मदद करता है.
- पपीते का जूस या पपीता ब्लड प्लेटलेट बढ़ाता है.
- तुलसी के पत्तों का पानी या चाय इम्युनिटी बढ़ाती है.
- नारियल का पानी शरीर को हाइड्रेट करता है.
- विटामिन सी वाले फल खाएं, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होती है.
- हल्दी मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है. इसलिए इसे दूध में डालकर पीएं.
जिला प्रशासन ने बनाया कंट्रोल रूमः जिस प्रकार से पटना में डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं जिला प्रशासन ने एक कंट्रोल रूम बनाया है. जिसका दूरभाष संख्या है 0612-2951964 है. 7739851777 नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज भेजकर लोग सूचना दे सकते हैं कि उनके इलाके में फागिंग की आवश्यकता है. यह कंट्रोल रूम सिविल सर्जन कार्यालय में बनाया गया है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इस बार कम मरीजों को ही प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ रही है. दीपावली के बाद डेंगू के स्थिति में सुधार होने की संभावना है, ऐसे में दीपावली तक लोगों को भी डेंगू से बचाव को लेकर तमाम एहतियात रखने की आवश्यकता है.
"पटना में डेंगू भी फैला हुआ है और वायरल फीवर भी है. दोनों का लक्षण लगभग एक ही है लेकिन अधिक चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. अगर किसी को फीवर होता है तो उसे यह प्रयास करना है कि उसका टेंपरेचर 100 डिग्री से नीचे रहे"-डॉ राणा एनके सिंह, उपाधीक्षक, पीएमसीएच