पटना: मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) शराबबंदी ( Liquor Ban in Bihar ) की विस्तृत समीक्षा करने जा रहे हैं. 16 नवंबर को ही नीतीश सरकार का एक साल पूरा हो रहा है. मुख्यमंत्री ने पहले ही शराबबंदी से संबंधित सभी विभागों और सभी जिलों के डीएम को विशेष निर्देश दे रखा है. पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री लेंगे.
बता दें कि 2016 में जब पूर्ण शराबबंदी बिहार में लागू की गई थी तो उस समय 4000 करोड़ से अधिक राजस्व प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया था और हर साल सरकार को शराबबंदी से राजस्व का नुकसान हो रहा है. उसके बावजूद शराबबंदी को लेकर सरकार अडिग है लेकिन बड़े पैमाने पर हो रही शराब की बरामदगी और लोगों की गिरफ्तारी से मुश्किलें भी बढ़ रही है और जहरीली शराब से मौत के कारण विपक्ष भी हमलावर है.
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बिहार में सर्वसम्मति से शराबबंदी को लागू किया गया था और विधानसभा और विधान परिषद के सभी सदस्यों ने शपथ भी लिया था, लेकिन उसके बावजूद शराबबंदी को लेकर लगातार आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं. सरकार के लिए भी चुनौती बढ़ी है क्योंकि जितने बड़े पैमाने पर शराब की बरामदगी हो रही है, उससे साफ है कि शराब बड़े पैमाने पर बिहार में आ रहा है.
शराबबंदी से संबंधित शिकायतों के निष्पादन को लेकर भी मुख्यमंत्री रिपोर्ट लेंगे. बैठक में सभी जिला के प्रभारी मंत्री भी रहेंगे और सभी आला अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. अब तक शराबबंदी को लेकर जो सरकार की तरफ से कदम उठाए गए हैं, उसकी समीक्षा होगी. कहां चुक हो रही है, उस पर चर्चा होगी और फिर आगे की रणनीति भी तैयार होगी. दोषियों को चिन्हित करने की भी कोशिश होगी.
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जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सीएम ने कहा कि शराबबंदी को लेकर एक-एक रिपोर्ट लेंगे. कितने मामले आए और कितने का निष्पादन हुआ उसके बारे में जानेंगे. कहीं कुछ कमी रह गई है तो उसको लेकर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि शराबबंदी महिलाओं की मांग पर हमने 2016 में लागू किया था. उस समय सभी दल के नेताओं ने समर्थन दिया था, लेकिन अब कई तरह के आरोप लगा रहे हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी समीक्षा की है, लेकिन यह विस्तृत समीक्षा होगी और जागरूकता अभियान को लेकर भी चर्चा की जाएगी. एक-एक चीज पर बात होगी. सीएम ने फिर दोहराया कि बिहार में शराबबंदी लागू रहेगी.
वहीं, विपक्ष पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि जब से शराबबंदी कानून लागू हुआ है तब से कुछ लोग मेरे खिलाफ हो गए हैं. हर वक्त मेरे खिलाफ कुछ ना कुछ बोलते रहते हैं. हालांकि मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन उन्हें भी यह समझना चाहिए कि शराब अच्छी चीज नहीं है. सभी यह बात प्रचारित करना चाहिए कि 'शराब पियोगे तो मरोगे'. ऐसे में अब सबकी नजर मंगलवार को होने वाली बैठक पर है. बैठक के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या कुछ एक्शन लेते हैं.