पटना: भ्रष्टाचार और लापरवाही आदि आरोपों का सामना कर रहे अंचल अधिकारियों के मामलों में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Bihar Revenue and Land Reforms Department) ने कड़ी कार्रवाई की है. एक सीओ को निलंबित कर दिया गया है तो एक के निलंबन की अवधि बढ़ा दी गयी है. हालांकि कुछ अफसरों के स्पष्टीकरण को मंजूर कर राहत भी दी है. बगैर पर्याप्त कारण के निजी स्वार्थ के चलते दाखिल-खारिज अस्वीकृत करने और परिमार्जन से प्राप्त आवेदनों का समय सीमा के भीतर निष्पादन नहीं करने के आरोप में मुंगेर सदर अंचल के सीओ शशिकांत कुमार को निलंबित (Munger Sadar Circle CO Shashikant Kumar suspended) कर दिया गया है.
डीएम मुंगेर की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गयी है. बाढ़ और कोरोना के दौरान में कैंपों में रहने वाले लोगों को दिये गये सामान और उस पर हुए खर्च की समय से जांच न कराने का भी आरोप है. निलंबित सीओ को प्रमंडलीय आयुक्त भागलपुर के कार्यालय से अटैच कर दिया गया है. अवैध बालू खनन मामले में निलंबित बारुण औरंगाबाद की निलंबन अवधि को 25 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया गया है. वह 26 जुलाई को निलंबित हुए थे तथा कमिश्नर पटना के कार्यालय से अटैच किये गये थे.
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इसके साथ ही दो सीओ को राहत मिली है. सीओ पिपरा सुपौल संजय कुमार का निलंबन वापस ले लिया गया है. उन्हें 15 जुलाई को निलंबित कर कमिश्नर दरभंगा के यहां अटैच किया गया था. हालांकि स्वेच्छाचारिता, अनुशासनहीनिता आदि के आरोपों में अनुशासनिक कार्रवाई जारी रहेगी. बायसी पूर्णिया के सीओ रहे प्रभात रंजन को भी सरकार ने राहत दी है. राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान बोध गया में तैनात प्रभात रंजन पर सरकारी में काम में लापरवाही बरतने समेत अन्य आरोप थे.
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