पटना : वीआईपी चीफ मुकेश सहनी नीतीश मंत्रिमंडल से बाहर हो गए हैं. रविवार शाम को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी अनुशंसा की थी, जिसपर राज्यपाल ने मुहर लगा दी. इसके साथ ही बाद मुकेश सहनी का मंत्री पद छिन (Mukesh Sahni Dismissed From Nitish Cabinet) गया. मुकेश सहनी बिहार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री थे. हालांकि मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से हटाया जाएगा इसकी सुगबुगाहट पिछले कुछ दिनों से चल रही थी. रविवार को इसपर मुहर लग गयी.
ये भी पढ़ें - पशुपालन मंत्री मुकेश सहनी की मंत्रिमंडल से छुट्टी, नीतीश कुमार ने की राज्यपाल से अनुशंसा
उत्तर प्रदेश में लिखी गयी पटकथा : कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने गए थे उसी समय इसकी पटकथा लिखी जा चुकी थी. नीतीश कुमार और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात हुई थी. उसी में मुकेश सहनी को कैबिनेट मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाए जाने की बात हुई थी. हालांकि इसकी चर्चा तब से ही शुरू हो गई थी, जब वीआईपी के तीनों विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बावजूद सहनी ने कहा था कि वे मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. सीएम अगर चाहें तो उनको बर्खास्त कर सकते हैं.
VIP के तीनों विधायक BJP में शामिल : दरअसल, 24 मार्च को वीआईपी पार्टी में बड़ी टूट हुई थी. तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और सवारना सिंह ने वीआईपी पार्टी छोड़ दिया वो भाजपा में शामिल हो गए. इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि- 'तीनों विधायक हमारी ही पार्टी से वीआईपी में गए थे और पार्टी ने ही उन्हें निर्देशित किया था. उनकी घर वापसी हुई है. हम उनका स्वागत करते हैं. मुकेश सहनी पिछले कुछ दिनों से भाजपा विरोधी मुहिम में लगे थे.'
ये भी पढ़ें - BJP दफ्तर में मुकेश साहनी की 'नाव' डूबी, तीनों MLA के शामिल होने पर बोले जायसवाल- '..ये तो हमारे ही थे'
मुख्यमंत्री करेंगे फैसला: तीनों विधायक के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही कयास लगाया जा रहा था कि मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) को इस्तीफा देना पड़ेगा. हालांकि उन्होंने कहा था कि 'यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. उन्हें जो लगेगा वो करेंगे. हम नीतीश कुमार के निर्णय के साथ रहेंगे. इसका जवाब आपको सीएम नीतीश देंगे. हमारे विधायक चले गए. अगर मैं मंत्री नहीं रहता तो समाज के लिए काम नहीं कर पाता. आगे भी मैं ऐसा कोई काम नहीं करूंगा जिससे मेरे समाज के काम पर ब्रेक लगे. कुछ लोग सोचते हैं कि इसको हटाएंगे. उनके ऊपर छोड़ दीजिए वो क्या करते हैं.'
मुझे और अमित शाह को डील के बारे में पता है : मकेश सहनी ने कहा था कि हमारी क्या डील हुई थी ये सिर्फ अमित शाह और मुझे पता है. इस बात को गृह मंत्री जी को स्पष्ट करना चाहिए तो मैं भी मान लूंगा. जो बात संजय जायसवाल या अन्य बीजेपी नेता बोल रहे हैं वही बात अमित शाह मीडिया में आकर बोल दें. तो मैं इस बात को सच मान लूंगा और एक भी शब्द आगे नहीं बोलूंगा. बीजेपी को शोभा नहीं देता कि हमसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांगे.
औंधे मुंह गिर पड़े सहनी : अगर गौर से देखा जाए तो यूपी चुनाव के बाद से ही बीजेपी के नेता मुकेश सहनी के खिलाफ बोलने लगे थे. उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग रहे थे. रही सही कसर बोचहां विधानसभा उपचुनाव ने पूरी कर दी. बीजेपी यहां से बेबी कुमारी को प्रत्याशी क्या बनायी वीआईपी में खलबली मच गयी. मुकेश सहनी के दिल में अचानक से लालू यादव के लिए प्यार उमड़ने लगा. नीतीश कुमार और ललन सिंह से मुलाकात के बाद दिल्ली भी गए. जब बात नहीं बनी तो फ्रेंडली फाइट पर उतर गए. हालांकि उन्होंने कहा कि एक तरह से एनडीए से उन्हें बाहर कर दिया गया है. बीजेपी वाले भी जैसे ताक में बैठे थे. उधर बोचहां सीट से उम्मीदवारों ने नामांकन किया इधर पटना में खेला शुरू हो गया. बुधवार शाम से हलचल बढ़ने लगी. रात होते-होते वीआईपी के तीनों विधायक राजू सिंह, मिश्री लाल यादव और सवारना सिंह 'नाव' से उतरकर 'कमल' खिलाने पहुंच गए. ऐसे में बार-बार सरकार को गिराने की धमकी देने वाले सहनी औंधे मुंह गिर पड़े.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP