पटना: आज से आनंद और उल्लास का महीना फाल्गुन शुरू हो रहा है. फाल्गुन का महीना हिन्दू पंचांग का अंतिम महिना है. माना जाता है कि इस महीने से धीरे-धीरे गर्मी की शुरुआत होती है और सर्दी कम होने लगती है. इस बार फाल्गुन 28 फरवरी से 28 मार्च तक रहेगा. दरअसल, इस महीने की पूर्णिमा को फाल्गुनी नक्षत्र होने के कारण इस महीने का नाम फाल्गुन है.
फाल्गुन में इन बातों का रखें ख्याल
फाल्गुन महीने में शीतल और सामान्य जल से स्नान करें. इसके अलावे भोजन हल्का लेना शुरू करना चाहिए. अनाज कम और फल ज्यादा खाना चाहिए. तामसिक आहार से परहेज करें और नशे का त्याग करें. इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की आराधना विभिन्न तरह के सुगंधित फूलों से करना चाहिए.
फाल्गुन माह में व्रत-त्योहार
फाल्गुन मास में महादेव का प्रिय त्यौहार महाशिवरात्रि आता है. इसके साथ ही रंगों का त्यौहार होली भी इसी महीने आता है. महाशिवरात्रि पर जहां शिव पूजा का विशेष विधान है तो होली के अवसर पर देश का हर कोना रंगों से सराबोर रहता है. फाल्गुन में ही चन्द्रमा का जन्म भी हुआ था. इसलिए इस महीने में चन्द्रमा की भी उपासना की जाती है.
- 02 मार्च, मंगलवार: संकष्टी चतुर्थी
- 06 मार्च, शनिवार: कालाष्टमी
- 10 मार्च, बुधवार: प्रदोष व्रत
- 11 मार्च, गुरुवार: महाशिवरात्रि
- 13 मार्च, शनिवार: फाल्गुन अमावस्या
- 17 मार्च, बुधवार: विनायक चतुर्थी
- 21 मार्च, रविवार: होलाष्टक प्रारंभ
- 25 मार्च, गुरुवार: आमलकी एकादशी
- 28 मार्च, रविवार: पूर्णिमा, होलिका दहन
फाल्गुन मास की द्वादशी तिथि का विशेष महत्व होता है. माना जाता है कि अगर फाल्गुन द्वादशी श्रवण नक्षत्र युक्त हो तो इस दिन भगवान विष्णु की आराधना करने से उनकी विशेष कृपा मिलती है. फाल्गुन कृष्ण अष्टमी को देवी लक्ष्मी और सीता की विशेष पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.