पटना: कोरोना संक्रमण के बीच सोमवार से विधानसभा के मॉनसून सत्र की शरुआत होगी. कोरोना और बाढ़ के बीच हो रहे मॉनसून सत्र में विपक्ष ने सरकार को घेरने का मन बना लिया है. इस सत्र में विपक्ष बिहार विधानसभा चुनाव को आगे बढ़ाने का सवाल जोर शोर से उठाने के तैयारी में है.
मॉनसून सत्र हंगामेदार होने के आसार
बिहार में कोरोना कहर बनकर बरस रहा है. लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या मे इजाफा हो रहा है. संक्रमित मरीजों की संख्या 57 हजार की सीमा पार कर चुकी है. वहीं 14 जिलों के लोग बाढ़ और संक्रमण दोनों से जूझ रहे है. सोमवार से शुरु होने वाला मॉनसून सत्र हंगामेदार होने के आसार है. चुनाव से पहले मॉनसून सत्र सरकार के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. लेकिन, विपक्ष इस मॉनसून सत्र के दौरान कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए सरकार से चुनाव नहीं कराने की मांग का मन बना चुका है.
'लोगों को संक्रमण और बाढ़ की विभिषिका से बचाना प्राथमिकता'
आरजेडी विधायक शिवचंद्र राम ने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री के सामने मांग रखेंगे. हम मांग करेंगे कि कोरोना वायरस के इस संक्रमण काल के दौरान चुनाव न कराए जाए. हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता ये है कि लोगों को संक्रमण और बाढ़ की विभिषिका से बचाया जाए. जब लोग ही नहीं रहेंगे तो फिर वोट कौन देगा. इसलिए मौजूदा समय में चुनाव नहीं होने चाहिए और इसलिए हम चुनाव की तैयारी भी नहीं कर रहे हैं.
'चुनाव टालना मुख्यमंत्री का मौलिक अधिकार'
वहीं कांग्रेस विधायक राजेश राम ने कहा मुख्यमंत्री का मौलिक अधिकार है कि वह चुनाव टाल सकते हैं. लेकिन, इन्हें डर है कि कहीं चुनाव टाल दिया तो बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा. इसलिए वे चाहते हैं कि संक्रमण काल में ही चुनाव हो. राजेश राम ने कहा कि संक्रमण को देखते हुए सरकार मॉनसून सत्र महज 1 दिन में पूरा कर रहे हैं. लेकिन इस संक्रमण के दौरान जनता को चुनाव के लिए विवश कर रही है. ये इस सरकार की मानसिकता है.