पटना: 2020 के लिए बिहार में सज रही सत्ता के हुकूमत की जंग में मार्च-अप्रैल के बीच में एमएलसी के लिए होने वाला चुनाव 2020 के लिए सियासी जंग का सेमीफाइनल माना जा रहा है. बिहार में एमएलसी की कुल 29 सीटें मई महीने में खाली हो रही हैं. जिसके चुनाव की प्रक्रिया अप्रैल महीने में शुरू हो जाएगी. सभी राजनीतिक दल इस सियासी कसरत में जुट गए हैं कि एमएलसी का चुनाव 2020 के सत्ता का सेमीइनल है और इसकी फतह हर हाल में जरूरी है .
मई में खाली होंगी 29 सीटें
एमएलसी चुनाव के सीट के समीकरण को समझा जाए तो विधान परिषद में कुल 75 सीटें हैं. जिनमें से 29 सीटें मई में खाली हो रही हैं. इसके अलावा 2 सीटें विधान परिषद सदस्य के लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने की वजह से खाली हुई हैं. इन 29 विधान परिषद सीटों में से 17 सीटों पर चुनाव होने हैं. आठ पर प्रत्यक्ष और नौ सीटों पर परोक्ष रूप से जोर-आजमाइश होगी. नौ सीटें विधानसभा कोटे की होंगी बाकी आठ स्नातक और शिक्षक कोटे की चार-चार सीटें चुनी जानी हैं. इसके अलावा 12 सीटों पर सदस्यों को राज्यपाल के जरिए मनोनीत किया जाना है.
मई में पूरा हो रहा है आठ नेताओं का कार्यकाल
बिहार में जदयू कोटे से राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और लोजपा के पशुपति कुमार पारस लोक सभा चुनाव जीत गए. हीरा प्रसाद बिंद, पीके शाही, सतीश कुमार, सोनेलाल मेहता, कृष्ण कुमार सिंह, राधामोहन शर्मा और संजय प्रकाश का कार्यकाल मई महीने में पूरा हो रहा है. ऐसे में इस समीकरण को साधना भी बड़ा सियासी मंथन है.
समाप्त होने वाला है सूचना जन संपर्क मंत्री का कार्यकाल
बात बिहार सरकार के मंत्री की करें तो वर्तमान में सूचना जन संपर्क विभाग के मंत्री नीरज कुमार और कांग्रेस से अघ्यक्ष रहे और जदयू के साथ सरकार में शामिल अशोक चौधरी का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है. बात स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की करें तो पटना, दरभंगा और तिरहुत में दोनों कोटे के चुनाव होने हैं. शिक्षक कोटे से केदारनाथ पांडेय (सारण), मदन मोहन झा (दरभंगा), संजय कुमार सिंह, (तिरहुत) और प्रो. नवल किशोर यादव (पटना) सीट से चुनाव जीते थे जबकि स्नातक कोटे से नीरज कुमार (पटना), दिलीप कुमार चौधरी (दरभंगा), डॉ. एनके यादव (कोसी) और देवेशचंद्र ठाकुर (तिरहुत) से चुनाव जीत कर आए थे.
एमएलसी का चुनाव सेमीफाइनल
सियासी उठापटक के साथ ही जदयू और भाजपा के बीच चल रहे सियासी बयानबाजी में विपक्ष अपनी मजबूती के बनाने में जुटा हुआ है. विधान सभा में सीटों के आधार पर जो चयन होना है उसमें आरजेडी के 3 जदयू के 3 बीजेपी के 2 और कांग्रेस कोटे से 1 विधान पार्षद को चुना जान है. एमएलसी चुनाव को लेकर अभी से कयास बाजी का बाजार गर्म हो गया है. माना जा रहा है कि 2020 के लिए होने वाले चुनाव में एमएलसी का चुनाव सेमीफाइनल है और इसकी फतह 2020 के नए आधार का आयाम खड़ा करेगा.