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CM का आदेश पालन करने में फेल हो रहा विभाग, मंत्री के बेतुके जवाब

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Published : Jul 27, 2019, 11:54 PM IST

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की लचर व्यवस्था के कारण सरकार की कोशिशों पर पानी फिरता दिख रहा है. विभाग के पास कर्मचारी है और ना नही जमीन की मापी करने के लिए पर्याप्त सख्या में अमीन ही मौजूद है.

CM का आदेश पालन करने में फेल हो रहा विभाग

पटना: सीएम नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते हालात पर चिंचा जाहिर करते हुए बीते दिनों सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. उन्होंने राज्य में वृक्षारोपण करने और आहर,पोखर और तालाबों को फिर से अस्तित्व में लाने के लिए बात कही थी, लेकिन उनके इस आदेश का पालन करने में विभाग फेल होता नजर आ रहा है.

विभाग की लचर व्यवस्था
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठ बुलाकर सभी सदस्यों को इस दिशा में मिलकर काम करने अपील की थी. मामले में विपक्ष ने भी गंभीरता दिखाते हुए सरकार को हर स्तर पर मदद का भरोसा दिया था. लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की लचर व्यवस्था के कारण सरकार की कोशिशों पर पानी फिरता दिख रहा है.

CM का आदेश पालन करने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग फेल

विभाग में संसाधन और कर्मचारियों की कमी
राज्य के 38 जिलों में आहर,पोखर,पाईन,तालाब और नदी नालों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. कही कही तो इन जमीनों पर राजनेताओं और दबंगो ने कब्जा करके बड़ी बड़ी इमारत भी बना ली है. इन जमीनों को मुक्त कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर है, लेकिन इसके लिए ना तो विभाग के पास कर्मचारी है और ना नही जमीन की मापी करने के लिए पर्याप्त सख्या में अमीन ही मौजूद है. मामले में अधिकारी भी मानते है की संसाधन और कर्मचारियों की कमी के कारण इन कामो में मुश्किलें आ रही है.

मंत्री के बेतुके जवाब
वही राजस्व और भूमि सुधार मंत्री ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कमी तो है, इसके लिए कर्मचारी चयन आयोग पत्र लिखकर बहाली की प्रक्रिया की जाएगी. ऐसा भी नहीं है कि बिल्कुल भी कर्मी नहीं है. वे सभी अपना काम कर रहे हैं. आम लोगों की परेशानी के मुद्दे पर उन्होंने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि हो सकता है आज एक दो दिन लोगों को दिक्कत हो रही हो,लेकिन विभाग लगातार काम कर रहा है.

पटना: सीएम नीतीश कुमार ने जलवायु परिवर्तन के बिगड़ते हालात पर चिंचा जाहिर करते हुए बीते दिनों सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. उन्होंने राज्य में वृक्षारोपण करने और आहर,पोखर और तालाबों को फिर से अस्तित्व में लाने के लिए बात कही थी, लेकिन उनके इस आदेश का पालन करने में विभाग फेल होता नजर आ रहा है.

विभाग की लचर व्यवस्था
दरअसल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सर्वदलीय बैठ बुलाकर सभी सदस्यों को इस दिशा में मिलकर काम करने अपील की थी. मामले में विपक्ष ने भी गंभीरता दिखाते हुए सरकार को हर स्तर पर मदद का भरोसा दिया था. लेकिन राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की लचर व्यवस्था के कारण सरकार की कोशिशों पर पानी फिरता दिख रहा है.

CM का आदेश पालन करने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग फेल

विभाग में संसाधन और कर्मचारियों की कमी
राज्य के 38 जिलों में आहर,पोखर,पाईन,तालाब और नदी नालों पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है. कही कही तो इन जमीनों पर राजनेताओं और दबंगो ने कब्जा करके बड़ी बड़ी इमारत भी बना ली है. इन जमीनों को मुक्त कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन पर है, लेकिन इसके लिए ना तो विभाग के पास कर्मचारी है और ना नही जमीन की मापी करने के लिए पर्याप्त सख्या में अमीन ही मौजूद है. मामले में अधिकारी भी मानते है की संसाधन और कर्मचारियों की कमी के कारण इन कामो में मुश्किलें आ रही है.

मंत्री के बेतुके जवाब
वही राजस्व और भूमि सुधार मंत्री ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कमी तो है, इसके लिए कर्मचारी चयन आयोग पत्र लिखकर बहाली की प्रक्रिया की जाएगी. ऐसा भी नहीं है कि बिल्कुल भी कर्मी नहीं है. वे सभी अपना काम कर रहे हैं. आम लोगों की परेशानी के मुद्दे पर उन्होंने गैरजिम्मेदाराना जवाब देते हुए कहा कि हो सकता है आज एक दो दिन लोगों को दिक्कत हो रही हो,लेकिन विभाग लगातार काम कर रहा है.

Intro:परिवर्तन होते जलवायु को लेकर विश्व की चिंताएं यह बताने के लिए काफी है की आने वाले समय मे हालात कितने बिगड़ सकते है..इसलिए समय रहते इस ओर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।वही मुख्य्मंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु के बिगड़ते हालात को देखते हुए राज्य में वृक्षारोपण और आहर,पोखर और तालाबों फिरसे अस्तित्व में लाने के लिए बात कही है।


Body:वही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जलवायु में आ रहे तेजी से बदलाव को लेकर सर्वदलीय बैठ बुलाकर सभी सदस्यों को इसमे मिलकर काम करने अपील भी कर चुके है..वही विपक्ष भी मामलों की गंभीरता को समझते हुए सरकार को हर स्तर पर मदद का भरोसा दिया है...लेकिन सरकार इस समस्या पर जिनके सहारे जीतने का दम भर रही है..जब वही लाचार हो तो सफलता कैसे मिलेंगी.. कुछ ऐसा ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का हाल है।

राज्य के 38 जिलों में आहर,पोखर,पाईन,तालाब और नदी नालों पर लोगो ने अतिक्रमण कर रखा है..कही कही तो इन जमीनों पर राजनेताओं और दबंगो ने कब्जा करके बड़ी बड़ी इमारत बना रखा है..वही इनसब जमीनों को मुक्त कराने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन को दी गई है..लेकिन इनको मुक्त कराने की बात दूर है..अतिक्रमण हुए जमीनों को चिन्हित करने के लिए ना इनके पास कर्मचारी है और ना नही जमीन की मापी करने के लिए पर्याप्त सख्या में अमीन ही है।वही अधिकारी भी मानते है की संसाधन और कर्मचारियों के कमी के कारण इन कामो में मुश्किलें आ रही है।

बाईट---राजीव कुमार श्रीवास्तव(अपर समाहर्ता)

वही राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री से सवाल पूछा आप कैसे लापता आहर,पोखर,पाईन और तालाबों को खोजेंगे..तो पहले उन्होंने मना की विभाग में कर्मचारियों की कमी है...लेकिन फिर कर्मचारी चयन आयोग पत्र लिखकर बहाली की प्रक्रिया करने की बात कहे कर पूरे मामले में बचते दिखे।वही जब उनसे सवाल पूछा गया कि इसे अमलोगों को परेशानियों उठानी पड़ रही है...तो उन्होंने बड़ा ही बेतुका जबाब देते हुए कहा हो सकता है आज का दो दिनों हो रहा हो..लेकिन काम हो रहा है।

बाईट---राम नारायण मंडल(राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री,बिहार सरकार)

बहरहाल जब जनता के द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधि ही ऐसा जबाब दे..तो अधिकारियों और कर्मचारियों की बात ही छोड़िए जो काम का बोझ बताकर कर आमलोगों को कार्यालयों के चक्कर लगाकर थका देती है।





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