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सदन में '65 लाख' पर बवाल.. बीजेपी विधायक ने उठाया सवाल, तो बगल झांकने लगे मंत्री जयंत राज

बिहार विधानसभा का शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन विधानसभा (Bihar Assembly Winter Session) में विधायक संजय सरावगी ने ग्रामीण कार्य विभाग से संबंधित भ्रष्टाचार का मामला उठाया. इस पर मंत्री जयंत राज ( Rural Affairs Minister Jayant Raj ) बगल झांकने लगे. पढ़ें पूरी खबर...

BJP MLA Sanjay Sarawagi
BJP MLA Sanjay Sarawagi
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Published : Dec 1, 2021, 3:41 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ही आज मंत्री जयंत राज ( Minister Jayant Raj ) की मुश्किल बढ़ा दी थी. पहले बीजेपी विधायक संजय सरावगी ( BJP MLA Sanjay Sarawagi ) ने अभियंता के पास से राशि मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं किए जाने का मामला उठाया और उसके बाद बीजेपी के ही विधायक नीतीश मिश्रा ( BJP MLA Nitish Mishra ) ने शिलान्यास का मामला उठाकर जदयू मंत्री को निरुत्तर कर दिया.

हालांकि जदयू मंत्री जयंत राज ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है और अभियंता को लेकर जांच चल रही है. वहीं विधायक नीतीश मिश्रा का जो मामला था, उसकी हम जांच करवा लेंगे. हो सकता है पहले शिलान्यास हुआ हो इसलिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- BJP विधायक ने बढ़ाई JDU मंत्री की मुश्किलें, सदन में संजय सरावगी ने उठाया भ्रष्टाचार का मामला

बिहार विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने ही जदयू मंत्री जयंत राज की किरकिरी करा दी. पहले विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा तो दूसरी बार मुख्यमंत्री तक को बोलना पड़ा, लेकिन मंत्री जयंत राज का कहना है कि जिस अभियंता के मामले को लेकर बीजेपी सदस्य ने सवाल किया था, विभाग उसकी जांच कर रहा है और उस घटना के बाद एक दिन भी संबंधित अभियंता ने कार्यालय नहीं आया है. सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, इसलिए जो भी दोषी होंगे, बख्से नहीं जाएंगे. लेकिन अभी पूरे मामले में जांच चल रही है.


दरअसल, अभियंता के गाड़ी और घर से लाखों रुपया की बरामदगी के बाद भी निलंबन नहीं किए जाने का मामला बीजेपी के विधायक संजय सरावगी ने उठाया था और विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे मामले की विधानसभा कमेटी से जांच कराने का निर्देश दे दिया है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- ADJ अविनाश कुमार से मारपीट मामला: पुलिस के रवैये से HC नाराज, CID को सौंपा जांच का जिम्मा

इसके अलावा ध्यानकर्षण में बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने जयंत राज की मुश्किलें बढ़ा दी थी. शिलान्यास कार्यक्रम की जानकारी नहीं देने को लेकर भी मंत्री की बोलती बंद कर दी थी. कई विपक्ष के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा यह मामला सदस्यों के मर्यादा से संबंधित है, इस मामले में जयंत राज ने कहा कि विभाग में हम दिखा लेंगे. नीतीश मिश्रा ने जो सवाल उठाया है, हो सकता है वह पहले शिलान्यास हो गया हो.


एक के बाद एक बीजेपी विधायकों की नाराजगी जदयू मंत्री को झेलना पड़ा. इस सवाल पर कि बीजेपी के लोग नाराज दिख रहे थे, मंत्री ने हंसते हुए टाल दिया और कहा कि नहीं सदस्यों का जेन्युइन सवाल था और उन्होंने उठाया.

ये भी पढ़ें- शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन: सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष, सत्तापक्ष भी आक्रामक

विधानसभा में बीजेपी विधायकों और जदयू मंत्री के बीच जिस प्रकार से सवाल और जवाब हुआ, विपक्ष के सदस्यों ने उसपर जमकर चुटकी ली, लेकिन जदयू मंत्री का साफ कहना था कि ना तो सरकार भ्रष्टाचार से कभी समझौता कर सकती है और ना ही सदस्यों के सम्मान से.

पटना: बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने ही आज मंत्री जयंत राज ( Minister Jayant Raj ) की मुश्किल बढ़ा दी थी. पहले बीजेपी विधायक संजय सरावगी ( BJP MLA Sanjay Sarawagi ) ने अभियंता के पास से राशि मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं किए जाने का मामला उठाया और उसके बाद बीजेपी के ही विधायक नीतीश मिश्रा ( BJP MLA Nitish Mishra ) ने शिलान्यास का मामला उठाकर जदयू मंत्री को निरुत्तर कर दिया.

हालांकि जदयू मंत्री जयंत राज ने सफाई देते हुए कहा कि सरकार भ्रष्टाचार के मामले पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है और अभियंता को लेकर जांच चल रही है. वहीं विधायक नीतीश मिश्रा का जो मामला था, उसकी हम जांच करवा लेंगे. हो सकता है पहले शिलान्यास हुआ हो इसलिए उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया.

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बिहार विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने ही जदयू मंत्री जयंत राज की किरकिरी करा दी. पहले विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा तो दूसरी बार मुख्यमंत्री तक को बोलना पड़ा, लेकिन मंत्री जयंत राज का कहना है कि जिस अभियंता के मामले को लेकर बीजेपी सदस्य ने सवाल किया था, विभाग उसकी जांच कर रहा है और उस घटना के बाद एक दिन भी संबंधित अभियंता ने कार्यालय नहीं आया है. सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है, इसलिए जो भी दोषी होंगे, बख्से नहीं जाएंगे. लेकिन अभी पूरे मामले में जांच चल रही है.


दरअसल, अभियंता के गाड़ी और घर से लाखों रुपया की बरामदगी के बाद भी निलंबन नहीं किए जाने का मामला बीजेपी के विधायक संजय सरावगी ने उठाया था और विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे मामले की विधानसभा कमेटी से जांच कराने का निर्देश दे दिया है.

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इसके अलावा ध्यानकर्षण में बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा ने जयंत राज की मुश्किलें बढ़ा दी थी. शिलान्यास कार्यक्रम की जानकारी नहीं देने को लेकर भी मंत्री की बोलती बंद कर दी थी. कई विपक्ष के सदस्यों ने भी मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा यह मामला सदस्यों के मर्यादा से संबंधित है, इस मामले में जयंत राज ने कहा कि विभाग में हम दिखा लेंगे. नीतीश मिश्रा ने जो सवाल उठाया है, हो सकता है वह पहले शिलान्यास हो गया हो.


एक के बाद एक बीजेपी विधायकों की नाराजगी जदयू मंत्री को झेलना पड़ा. इस सवाल पर कि बीजेपी के लोग नाराज दिख रहे थे, मंत्री ने हंसते हुए टाल दिया और कहा कि नहीं सदस्यों का जेन्युइन सवाल था और उन्होंने उठाया.

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विधानसभा में बीजेपी विधायकों और जदयू मंत्री के बीच जिस प्रकार से सवाल और जवाब हुआ, विपक्ष के सदस्यों ने उसपर जमकर चुटकी ली, लेकिन जदयू मंत्री का साफ कहना था कि ना तो सरकार भ्रष्टाचार से कभी समझौता कर सकती है और ना ही सदस्यों के सम्मान से.

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