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छठ पूजा: भक्ति-आस्था का अटूट संगम है विष्णु सूर्य मंदिर, व्रतियों की पूरी होती है मनोकामना - etv live

मसौढ़ी में मणीचक श्री विष्णु मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैली है. छठ पर्व पर लाखों श्रद्धालु यहां मनोकामना पूर्ण करने आते हैं. छठ पूजा पर स्थानीय समेत दूर-दराज से लाखों लोग अपना व्रत करने यहां आते हैं.

मणीचक श्री विष्णु मंदिर
मणीचक श्री विष्णु मंदिर
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Published : Nov 7, 2021, 8:50 AM IST

पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी में मणीचक श्री विष्णु मंदिर (Manichak Shri Vishnu Temple in Masaudhee) श्रद्धा भक्ति और आस्था का अटूट संगम है. इस मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. छठ पर्व (Chhath Festival) पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी करने आते हैं. संतान सुख की प्राप्ति और कुष्ठ निवारण के रूप में यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है.

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राजधानी पटना से मात्र 30 किलोमीटर स्थित मणिचक श्री विष्णु मंदिर छठ पूजा को लेकर अति विशिष्ट महत्व रखता है. यहां कार्तिक और चैती छठ पूजा पर स्थानीय समेत दूर-दराज से लाखों लोग अपना व्रत करने यहां आते हैं. इसमें कई लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर और कई लोग मन्नत उतारने के लिए मनोकामना का संकल्प लेते हैं.

देखें वीडियो

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ऐसी मान्यता है कि प्रसिद्ध सूर्य मंदिर में सच्चे मन से भगवान भास्कर की आराधना करने वाले श्रद्धालुओं को कुष्ठ रोग से मुक्ति और संतान की कामना करने वाले दंपति की मुराद जरूर पूरी होती है. लग्न में शादी-विवाह करने वाले लोगों का हुजूम लगा रहता है. यहां शादी करने वाले जोड़ों पर आराध्य देव नारायण की कृपा दृष्टि बनी रहती है.

ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 1949 में निवासी रामखेलावन के खेत में जुदागी गोप के माध्यम की जा रही खेत जुताई के दौरान दुर्लभ भगवान श्री विष्णु की अभंग मूर्ति जमीन के अंदर से मिली थी उस समय से ही गांव के लोगों ने पूजा शुरू की थी, लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ती है.

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इस मंदिर के पहले महंत प्रयाग राउत और ग्रामीणों की पहल पर मंदिर निर्माण कार्य शुरू किया गया. इस दौरान विश्राम सिंह को पुत्र रत्न की प्राप्ति के बाद सूर्य मंदिर कुंड के लिए 4 बीघा जमीन दान दिया. धीरे-धीरे यह पूरे इलाके में सूर्य मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र बन गया. आज पूरे पटना जिले में यह सुप्रसिद्ध हर मनोकामना पूर्ण सूर्य मंदिर के नाम से जाने जाने लगा है.

प्रत्येक रविवार को यहां आराध्य देव सूर्य नारायण पर दूध चढ़ाने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है और चार दिवसीय अनुष्ठान छठ पर्व को लेकर लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. गौरतलब है कि बढ़ते आस्था और विश्वास को लेकर चैत और कार्तिक महीने में चार दिवसीय छठ पर्व का यहां अनुष्ठान किया जाता है. जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए मसौढ़ी स्थित मनीचक सूर्य मंदिर में आते हैं.

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राजधानी पटना से मात्र 30 किलोमीटर स्थित मणिचक श्री विष्णु मंदिर छठ पूजा को लेकर अति विशिष्ट महत्व रखता है. यहां कार्तिक और चैती छठ पूजा पर स्थानीय समेत दूर-दराज से लाखों लोग अपना व्रत करने यहां आते हैं. इसमें कई लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर और कई लोग मन्नत उतारने के लिए मनोकामना का संकल्प लेते हैं.

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ग्रामीणों के अनुसार वर्ष 1949 में निवासी रामखेलावन के खेत में जुदागी गोप के माध्यम की जा रही खेत जुताई के दौरान दुर्लभ भगवान श्री विष्णु की अभंग मूर्ति जमीन के अंदर से मिली थी उस समय से ही गांव के लोगों ने पूजा शुरू की थी, लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ यहां उमड़ती है.

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इस मंदिर के पहले महंत प्रयाग राउत और ग्रामीणों की पहल पर मंदिर निर्माण कार्य शुरू किया गया. इस दौरान विश्राम सिंह को पुत्र रत्न की प्राप्ति के बाद सूर्य मंदिर कुंड के लिए 4 बीघा जमीन दान दिया. धीरे-धीरे यह पूरे इलाके में सूर्य मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र बन गया. आज पूरे पटना जिले में यह सुप्रसिद्ध हर मनोकामना पूर्ण सूर्य मंदिर के नाम से जाने जाने लगा है.

प्रत्येक रविवार को यहां आराध्य देव सूर्य नारायण पर दूध चढ़ाने के लिए लोगों का तांता लगा रहता है और चार दिवसीय अनुष्ठान छठ पर्व को लेकर लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. गौरतलब है कि बढ़ते आस्था और विश्वास को लेकर चैत और कार्तिक महीने में चार दिवसीय छठ पर्व का यहां अनुष्ठान किया जाता है. जहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए मसौढ़ी स्थित मनीचक सूर्य मंदिर में आते हैं.

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